मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारोपण नियम, 2025

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य, GS3/ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

समाचार में 

  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 1994 के मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के अंतर्गत मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण (संशोधन) नियम, 2025 में संशोधन किया है।

मुख्य विशेषताएँ

  • यह संशोधन राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (NOTP) को सुदृढ़ करता है और कॉर्नियल प्रत्यारोपण केंद्रों के कामकाज को सुव्यवस्थित करता है, साथ ही पूरे देश में नेत्रदान एवं प्रत्यारोपण सेवाओं की व्यापक पहुँच को सुगम बनाता है।
  • संशोधन ने कॉर्नियल प्रत्यारोपण केंद्रों में क्लिनिकल स्पेक्युलर माइक्रोस्कोप उपकरण की अनिवार्य आवश्यकता को हटा दिया है, जिसका उपयोग पहले कॉर्नियल एंडोथीलियल कोशिकाओं के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए किया जाता था।

कॉर्निया के बारे में

  • कॉर्निया आँख की पारदर्शी, गुंबदाकार सबसे बाहरी परत है, जो एक खिड़की की तरह कार्य करती है और प्रकाश को गुजरने व रेटिना पर केंद्रित होने देती है ताकि स्पष्ट दृष्टि मिल सके।
  • यह धूल, जीवाणुओं और शारीरिक चोट से बचाव करती है तथा आँख के आकार एवं तरल संतुलन को बनाए रखती है।
  • कॉर्निया छह परतों से बनी होती है — एपिथीलियम, बोमन की परत, स्ट्रोमा, प्री-डेस्मेट (दुआ की परत), डेस्मेट की परत और एंडोथीलियम — प्रत्येक पारदर्शिता एवं अपवर्तन के लिए आवश्यक है।
  • यह अत्यधिक संवेदनशील होती है, जिसमें त्वचा की तुलना में 300–600 गुना अधिक दर्द रिसेप्टर्स होते हैं, जिससे त्वरित रिफ्लेक्स सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • जहाँ हल्की चोटें जल्दी ठीक हो जाती हैं, वहीं गहरी क्षति या निशान धुंधलापन और दृष्टि हानि का कारण बन सकते हैं, जिसके लिए प्रायः कॉर्नियल प्रत्यारोपण (केराटोप्लास्टी) या कृत्रिम कॉर्निया (केराटोप्रोस्थेसिस) की आवश्यकता होती है।
कॉर्निया के बारे में

महत्त्व

  • भारत में 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कॉर्नियल अंधत्व अंधत्व का दूसरा प्रमुख कारण रहा है।
  • भारत में अनुमानित 12 लाख कॉर्नियल अंध व्यक्ति हैं, जिनमें प्रत्येक वर्ष 25,000–30,000 लोग जुड़ते हैं।
  • यह संशोधन कॉर्निया दान एवं प्रत्यारोपण सेवाओं को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, कॉर्नियल प्रत्यारोपण केंद्रों के कामकाज को सुव्यवस्थित करके और अस्पतालों, ऊतक बैंकों तथा नियामक प्राधिकरणों के बीच समन्वय में सुधार करके।
  • यह सरकार की समान स्वास्थ्य सेवा पहुँच की दृष्टि के अनुरूप है और दीर्घकाल में भारत के कॉर्निया दान एवं प्रत्यारोपण पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने की संभावना है।
  • इसका व्यापक उद्देश्य कॉर्नियल अंधत्व के भार को कम करना है, जो 50 वर्ष से अधिक आयु के भारतीयों में अंधत्व का दूसरा प्रमुख कारण है।

Source: TH

 

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