राज्यों के वित्त और बजट, बुनियादी ढाँचे एवं शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तथा स्थानीय रोज़गार पहलों तक, व्यापक आर्थिक लचीलेपन और स्थानीय शासन की प्राथमिकताओं, दोनों को दर्शाते हैं।
हाल ही में, विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने खुलासा किया कि विभिन्न ‘संरचनात्मक चुनौतियों’ के कारण भारत 2025 में 71वें स्थान पर पहुंच गया, जो 2024 में 63वें और 2023 में 67वें स्थान से नीचे है।
जैसे-जैसे गाजा में इज़राइल का सैन्य अभियान तीव्र होता जा रहा है, पश्चिमी विश्व में इस पर प्रतिक्रिया देने के तरीके को लेकर एक विभाजन बढ़ता जा रहा है - एक ऐसी दरार जो वैश्विक कूटनीति, मानवीय नीति और इज़राइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के भविष्य को नया रूप दे सकती है।
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए, जो द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण बिंदु सिद्ध हुआ। CETA, G7 देशों के साथ भारत का प्रथम मुक्त व्यापार समझौता और यूरोप के बाहर यूके का सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है।
भारत लंबे समय से कुशल चिकित्सा पेशेवरों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रसिद्ध रहा है, लेकिन यह अपनी घरेलू स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में संघर्ष करता है।
भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपने प्रयासों में तीव्रता लाने की आवश्यकता है, क्योंकि महत्वपूर्ण खनिज 21वीं सदी की निर्णायक भू-आर्थिक धुरी के रूप में उभर रहे हैं।
भारत का विद्युत क्षेत्र, जो लंबे समय से विखंडित नियमन, बढ़ते ऋण और अप्रभावी वितरण जैसी समस्याओं से सामना कर रहा है, अब आधुनिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और सभी के लिए सतत, विश्वसनीय पहुंच सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण सुधारों से गुजर रहा है।
हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले (2006) में पूर्व में दोषी ठहराए गए सभी 12 लोगों को बरी कर दिया है, यह कहते हुए कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को सिद्ध करने में पूरी तरह विफल रहा।
भारत खाद्य पशु उत्पादन में एंटीबायोटिक के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए अपने नियामक ढांचे को सुदृढ़ कर रहा है, जिससे मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।