हाल के वर्षों में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की प्रासंगिकता को संस्थागत ठहराव, रुकी हुई वार्ताएँ और बढ़ते संरक्षणवाद के कारण प्रश्नों के घेरे में रखा गया है।
पहलगाम में हाल में हुआ आतंकवादी हमला भारत के लिए कई मोर्चों पर चुनौती प्रस्तुत करता है, क्योंकि इससे आर्थिक पुनरुद्धार और सामान्यीकरण के प्रयासों पर खतरा मंडरा रहा है, तथा खुफिया एवं सुरक्षा उपायों में लंबे समय से चली आ रही चूक भी प्रकट होती है।
जैसे-जैसे वैश्विक व्यापार में मूलभूत परिवर्तन हो रहे हैं, देश भू-राजनीतिक तनाव, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए नई रणनीतियों को अपना रहे हैं।
हाल ही में, अंतर-सरकारी वार्ता के अध्यक्ष ने वैश्विक मामलों में भारत की मजबूत स्थिति को स्वीकार किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए समर्थन किया।
हाल के घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि भारत सरकार अपने विनिवेश अभियान की गति खो रही है, जिससे इसके दीर्घकालिक आर्थिक प्रभावों के बारे में चिंताएँ बढ़ रही हैं।
विस्थापित आदिवासियों के लिए स्थायी बंदोबस्त पर हाल की चर्चाओं में उनके भूमि अधिकार, आजीविका सुरक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
भारत में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और शासन जैसे क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को तेजी से अपनाया जा रहा है। अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में AI का योगदान 15.7 ट्रिलियन डॉलर तक होगा।