राजस्थान विधानसभा द्वारा ‘धर्मांतरण विरोधी’ विधेयक पारित
पाठ्यक्रम: GS2/राजव्यवस्था और शासन
संदर्भ
- राजस्थान विधान सभा ने “राजस्थान अवैध धार्मिक रूपांतरण निषेध विधेयक, 2025” पारित किया।
पृष्ठभूमि
- 2025 तक, 11 राज्यों ने सार्वजनिक व्यवस्था के आधार पर धार्मिक रूपांतरण को नियंत्रित करने के लिए कानून पारित किए हैं।
- संविधान का अनुच्छेद 25 अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म का स्वतंत्र रूप से प्रचार, अभ्यास और प्रसार करने के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने 1977 में यह निर्णय दिया कि यह मौलिक अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को अपने धर्म में रूपांतरित करने का अधिकार नहीं देता, बल्कि धर्म के सिद्धांतों के माध्यम से उसका प्रसार करने का अधिकार देता है।
मुख्य विशेषताएँ
- यह विधेयक बल, दबाव, गलत प्रस्तुति, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन, विवाह या किसी भी धोखाधड़ी के माध्यम से धार्मिक रूपांतरण को प्रतिबंधित करता है।
- रूपांतरण कराने वाला व्यक्ति और रूपांतरित होने वाला व्यक्ति दोनों को जिला मजिस्ट्रेट (DM) के समक्ष घोषणा करनी होगी।
- DM जांच करेगा और आपत्तियाँ आमंत्रित करेगा।
- बलपूर्वक रूपांतरण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने वाले व्यक्तियों में पीड़ित, माता-पिता, भाई, बहन या रक्त, विवाह या गोद लिए संबंधों से जुड़े कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकते हैं।
- सामान्य अपराध: अवैध रूपांतरण पर सात से चौदह वर्ष की सजा और न्यूनतम ₹5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
- संवेदनशील समूह: यदि रूपांतरित व्यक्ति नाबालिग, महिला, दिव्यांग या अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय से है, तो सजा दस से बीस वर्ष और ₹10 लाख का जुर्माना होगा।
- सामूहिक रूपांतरण: सामूहिक रूपांतरण के मामलों में दोषियों को बीस वर्ष से आजीवन कारावास और न्यूनतम ₹25 लाख का जुर्माना भुगतना होगा।
मुख्य मुद्दे
- रूपांतरण का विवरण और रूपांतरित व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक सूचना पर डाली जाएगी।
- यह किसी व्यक्ति के गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन कर सकती है।
- किसी व्यक्ति के पूर्व धर्म में पुनः रूपांतरण को रूपांतरण नहीं माना जाएगा।
- यह समानता के अधिकार का उल्लंघन कर सकता है।
Source: IE
लांगखोन महोत्सव
पाठ्यक्रम: GS1/ संस्कृति
संदर्भ
- तिवा जनजाति के लोगों ने असम के कार्बी आंगलोंग जिले के उमसोवाई गाँव में लांगखोन (लांगखुन) उत्सव मनाया।
परिचय
- इस उत्सव में चार दिनों तक बाँस की पूजा की जाती है, जो उर्वरता, लचीलेपन और प्रकृति व मानव जीवन के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रतीक है।
- यह मुख्य रूप से असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मनाया जाता है, लेकिन इसका महत्व तिवा बहुल अन्य क्षेत्रों में भी है।
- यह जनजाति अपने धान की कीटों से सुरक्षा और अच्छी उपज की कामना के लिए रामसा देवता एवं अन्य देवताओं को अपनी फसल अर्पित करने के लिए वार्षिक फसल उत्सव मनाती है।
Source: TH
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (NSTFDC)
पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
समाचार
- कोल इंडिया लिमिटेड और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (NSTFDC) ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में नामांकित आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
NSTFDC के बारे में
- स्थापना: NSTFDC की स्थापना 2001 में भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी।
- उद्देश्य: इसका मुख्य लक्ष्य अनुसूचित जनजातियों को बेहतर स्व-रोज़गार के अवसर प्रदान करके उनका सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक उत्थान करना है ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकें।
- प्रशिक्षण में भूमिका: NSTFDC विशेष रूप से आदिवासी युवाओं के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु अनुदान भी प्रदान करता है।
Source: TH
SPREE-2025 और AMNESTY योजना के साथ सामाजिक सुरक्षा का दायरा में वृद्धि
पाठ्यक्रम:GS2/शासन
समाचारों में
- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने और उद्योगों के लिए अनुपालन को सरल बनाने हेतु दो प्रमुख पहलें शुरू की हैं — SPREE-2025 और एमनेस्टी योजना-2025।
SPREE-2025
- SPREE-2025 (नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पंजीकरण को प्रोत्साहित करने की योजना) 31 दिसंबर 2025 तक सक्रिय रहेगी।
- यह योजना अपंजीकृत उद्योगों और कर्मचारियों को ESIC पोर्टल, श्रम सुविधा पोर्टल या कंपनी मामलों के पोर्टल के माध्यम से बिना पिछले बकाया का भुगतान किए पंजीकरण की अनुमति देती है।
- पंजीकृत नियोक्ता अपनी पसंद की तिथि से कवर किए जाएंगे, और कर्मचारी पंजीकरण की तिथि से ESIC लाभ प्राप्त करेंगे।
- यह योजना दंड की बजाय स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देती है, जिसका उद्देश्य मुकदमों को कम करना और नियोक्ताओं व कर्मचारियों के बीच विश्वास स्थापित करना है।
एमनेस्टी योजना-2025
- यह ESIC द्वारा शुरू की गई एक बार की विवाद निपटान पहल है, जो 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक प्रभावी रहेगी।
- इसका उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या को कम करना और ESI अधिनियम के अंतर्गत अनुपालन को बढ़ावा देना है, जिससे नियोक्ता ESIC के साथ अदालत के बाहर समझौते के माध्यम से कानूनी विवादों का समाधान कर सकें।
Source :PIB
इथियोपिया द्वारा ब्लू नाइल पर अफ्रीका का सबसे बड़ा बांध प्रारंभ
पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल
संदर्भ
- इथियोपिया ने ग्रैंड इथियोपियन रेनैसां डैम (GERD) का उद्घाटन किया है, जो अफ्रीका की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है।
GERD के बारे में
- स्थान: गूबा, इथियोपिया, ब्लू नाइल पर (जो नील नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है)।
- स्थापित क्षमता: 6,450 मेगावाट, जिससे यह विश्व के शीर्ष 20 जलविद्युत बांधों में शामिल हो गया है।
- यह बांध निचले प्रवाह वाले देशों जैसे मिस्र और सूडान के बीच विवाद का विषय बना हुआ है।

| ब्लू नाइल के बारे में – ब्लू नाइल की उत्पत्ति लेक टाना से होती है, जो पूर्वी अफ्रीका के इथियोपियन हाइलैंड्स में स्थित है। – यह खार्तूम (सूडान की राजधानी) में अल-मुकरीन पर व्हाइट नाइल से मिलती है। – इस संगम से नदी उत्तर दिशा में सूडान और मिस्र से होकर प्रवाहित होती है और अंततः भूमध्य सागर में नील नदी के रूप में समाहित हो जाती है। – नील नदी विश्व की सबसे लंबी नदी है, जो 11 देशों से होकर बहती है: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, बुरुंडी, युगांडा, केन्या, दक्षिण सूडान, इथियोपिया, इरीट्रिया, रवांडा, तंज़ानिया, सूडान और मिस्र। ![]() |
Source: BBC
वेम्बनाड झील
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
समाचार में
- केरल की वेम्बनाड झील गंभीर पारिस्थितिक संकट का सामना कर रही है।
वेम्बनाड झील के बारे में
- यह भारत की सबसे लंबी और केरल की सबसे बड़ी झील है।
- यह एक रामसर स्थल और अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि है।
- यह पंबा, मीनाचिल, अचनकोविल, मणिमाला और पेरियार सहित 10 नदियों से पोषित होती है और अंततः अरब सागर में गिरती है।
Source: DTE
अभ्यास ज़ापद(ZAPAD ) 2025
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
संदर्भ
- भारतीय सशस्त्र बलों का एक दल बहुपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास ज़ापद 2025 में भाग लेने के लिए रूस रवाना हुआ।
अभ्यास के बारे में
- चीन सहित 20 से अधिक देश इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात प्रथम बार, भारत और पाकिस्तान की सेनाएँ एक ही सैन्य अभ्यास में भाग लेंगी।
- इस अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ाना, अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना और भाग लेने वाली सेनाओं को पारंपरिक युद्ध एवं आतंकवाद-रोधी अभियानों के क्षेत्र में रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
Source: PIB
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