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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 : इतिहास, थीम, समारोह और महत्व

Last updated on March 8th, 2025 Posted on by  12972
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD-8 मार्च), जिसे विश्व महिला दिवस के रूप में भी जाना जाता है, वह दिन है जब पूरी दुनिया विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के लिए जारी संघर्ष को उजागर करने के लिए एकजुट होती है। “एक्सेलरेट एक्शन” थीम के साथ, विश्व 8 मार्च, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) 2025 मनाने के लिए तैयार है। जैसा कि दुनिया इस विशेष दिन पर महिलाओं के योगदान का सम्मान करती है, NEXT IAS का यह लेख अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है, जिसमें इसके बारे में इतिहास, प्रमुख तथ्य, उद्देश्य, विषय, महत्व और अन्य पहलु शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) के बारे में

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) एक वैश्विक उत्सव/समारोह है जो दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों और विषयों में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान का सम्मान करने के लिए 8 मार्च को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह दिन लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने, महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने और लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव और महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली सामाजिक-आर्थिक असमानताओं जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में मुख्य तथ्य

दिनांक 8 मार्च
उत्पत्तिइसकी शुरुआत 20वीं सदी के आरंभ में महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के लिए श्रमिक आंदोलन से हुई थी।
उद्देश्यमहिलाओं की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाना तथा लैंगिक समानता और महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
थीमहर साल लैंगिक समानता के एक विशेष पहलू को संबोधित करने के लिए एक अलग थीम का चयन किया जाता है। (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 की थीम: “Accelerate Action” कार्रवाई में तेजी लाना)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास

इस दिन का इतिहास 1900 के दशक की शुरुआत से शुरू होता है। लैंगिक समानता के लिए एक दिन के विरोध से लेकर वैश्विक आंदोलन तक, इसका विकास एक सदी से भी ज़्यादा समय तक फैला हुआ है।

महिला दिवस की उत्पत्ति और इसके विकास का कालक्रम नीचे समझाया गया है।

आरंभ

  • 1908: महिला श्रमिकों पर हो रहे उत्पीड़न और कार्यस्थल पर लैंगिक असमानता के विरोध में महिलाओं को बदलाव के लिए अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप, लगभग 15,000 महिलाएँ सड़कों पर उतरीं और कम काम के घंटे, बेहतर मज़दूरी और मतदान के अधिकार की माँग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकाला।
  • 1909: सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने 28 फ़रवरी, 1909 को पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस (NWD) आयोजित किया। 1909 से 1913 तक, अमेरिका में महिलाएँ फ़रवरी के आखिरी रविवार को राष्ट्रीय महिला दिवस (NWD) मनाती रहीं।
  • 1910: 1910 में कोपेनहेगन में “द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी महिला सम्मेलन” आयोजित किया गया। यहाँ, एक जर्मन समाजवादी और महिला अधिकार कार्यकर्ता, क्लारा ज़ेटकिन ने एक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना का विचार प्रस्तावित किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। हालाँकि, इसमें कोई विशिष्ट तिथि तय नहीं की गई।
  • 1911: कोपेनहेगन सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार, 19 मार्च, 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। महिलाओं के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और मतदान के अधिकार की माँग करते हुए रैलियाँ, प्रदर्शन और मार्च आयोजित किए गए।

विकास

  • 1913: प्रथम विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर रूसी महिलाओं द्वारा “शांति अभियान” आयोजित किया गया। इस अभियान के दौरान हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप 8 मार्च को आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया गया।
  • 1914-1918: प्रथम विश्व युद्ध और उसके परिणामस्वरूप श्रमिकों की बढ़ती माँग ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया। इसने महिलाओं के मताधिकार के संघर्ष को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया।
  • 1945: संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए, जिसने महिलाओं और पुरुषों के लिए समानता के सिद्धांत को स्थापित किया। इसके बाद, IWD को महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया गया।

मान्यता और विस्तार

  • 1975: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पहली बार 1975 में आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) को मान्यता दी। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र ने इसे प्रतिवर्ष मनाना शुरू किया।
  • 1996: 1996 में, संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए एक आधिकारिक थीम अपनाई। तब से, प्रत्येक वर्ष IWD के लिए एक आधिकारिक थीम घोषित की जाती है।
  • 2015: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को अपनाया। इनमें से एक लक्ष्य, SDG 5, विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को प्राप्त करने पर केंद्रित है।
  • वर्तमान: आज, IWD दुनिया भर में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदानों का सम्मान और उत्सव मनाने के लिए सबसे प्रमुख वैश्विक मंचों में से एक बन गया है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का समारोह

वर्तमान समय में, यह दिन दुनिया भर में मनाया जाता है। विभिन्न देशों में IWD के समारोह आधिकारिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से आयोजित किए जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कुछ सामान्य आयोजन इस प्रकार हैं:

  • संयुक्त राष्ट्र अपने मुख्यालय में आधिकारिक स्मरणोत्सव कार्यक्रम का आयोजन करता है।
  • कई देशों में इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है, जबकि कुछ देशों में केवल महिलाओं को विशेष अवकाश दिया जाता है।
  • सरकार द्वारा औपचारिक घोषणाएँ और पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदानों को मान्यता दी जाती है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हैं।
  • शैक्षणिक संस्थानों द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण, लैंगिक समानता आदि विषयों पर पैनल चर्चा, व्याख्यान, निबंध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
  • सिविल सोसाइटी संगठनों और महिला समूहों द्वारा लैंगिक अधिकार, घरेलू हिंसा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
  • कॉर्पोरेट संस्थाएँ महिला कर्मचारियों के लिए विशेष कार्यक्रमों, CSR गतिविधियों और महिलाओं के सशक्तिकरण परियोजनाओं का समर्थन करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।
  • सामुदायिक उत्सवों के रूप में मेल-मिलाप कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां महिलाएँ अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाती हैं और महिलाओं के आंदोलन को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का समारोह

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के उद्देश्य

  • दुनिया भर में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाना।
  • महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में ठोस प्रयासों में तेज़ी लाना।
  • लैंगिक समानता और महिला अधिकारों के लक्ष्य के प्रति व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों को प्रेरित करना।
  • दुनिया भर में महिलाओं के बीच एकजुटता और एकता की भावना को बढ़ावा देना।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रंग

इसके आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, IWD के रंग बैंगनी, हरा, और सफेद हैं। इन रंगों का महत्व इस प्रकार देखा जा सकता है:

रंगप्रतीक 
बैंगनीन्याय और गरिमा
हराआशा
सफेदपवित्रता

इन रंगों को मूल रूप से ब्रिटेन में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) द्वारा अपनाया गया था, जो ब्रिटिश महिला मताधिकार आंदोलन की एक उग्रवादी शाखा है। समय के साथ, ये रंग विश्व भर में IWD समारोहों का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 समारोह

  • हर साल की तरह, दुनिया 8 मार्च, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 मना रही है। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के लिए अभियान की थीम “Accelerate Action” (कार्रवाई में तेज़ी लाना) है।
  • दुनिया भर में सभी क्षेत्रों में महिलाओं के समावेश पर रणनीतिक ध्यान देने के साथ, इस साल 8 मार्च के महिला दिवस की थीम का विशेष महत्व है, जैसा कि नीचे दिए गए अनुभाग में बताया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के लिए थीम

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 के अभियान की थीम “Accelerate Action” तय की गई है। इस थीम का उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के समावेशन को बढ़ावा देना है, जिसके कई आयाम हैं, जिन्हें नीचे विस्तार से समझाया गया है:

  • सामाजिक न्याय : विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं का समावेशन सामाजिक न्याय के उद्देश्य को आगे बढ़ाता है।
  • विकास और प्रगति : दुनिया की आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 50% है। अगर दुनिया को प्रगति करनी है तो उन्हें पीछे छोड़ना कोई विकल्प नहीं है।
  • कार्यबल में भागीदारी : महिलाओं को रोजगार के लिए समान अवसर प्रदान करने से महिला श्रम बल भागीदारी दर (FLFPR) को बढ़ावा मिलेगा। यह बदले में, कौशल और दृष्टिकोण की विविधता को बढ़ावा देगा।
  • नवाचार में वृद्धि : महिलाओं के समावेशन से विभिन्न दृष्टिकोण और प्रतिभाएँ सामने आती हैं, जो अधिक नवाचार और बेहतर समाधानों को जन्म देती हैं।
  • बेहतर निर्णय-निर्माण : नेतृत्व पदों पर लिंग समावेशन यह सुनिश्चित करता है कि निर्णय प्रक्रियाओं में महिलाओं के दृष्टिकोण और आवश्यकताऍ शामिल हों, जिससे सामाजिक अन्याय, आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के समाधान में नवाचार संभव हो सके।
  • सामाजिक-आर्थिक समानता : लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण प्राप्त करने के लिए समाज के सभी पहलुओं में महिलाओं का समावेश महत्वपूर्ण है।
  • सामाजिक परिवर्तन : पुरुषों की तुलना में, महिलाएँ अक्सर बेहतर विकल्प चुनती हैं और अपनी कमाई का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा परिवार और समाज में निवेश करती हैं। इस प्रकार, महिलाओं के समावेश को बढ़ावा देने से हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रभाव पड़ेगा।
  • स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणाम : महिलाएँ परिवारों और समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं के समावेशन से बेहतर स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणाम प्राप्त होते हैं।
  • शांतिपूर्ण समाज : वास्तविक अर्थों में महिलाओं का समावेशन लिंग भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा, जिससे घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न जैसी समस्याओं में कमी आएगी। यह लैंगिक रूढ़िवादिता को दूर करने और सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बाधाओं को तोड़ने के लिए दृढ़ कार्रवाई में तेजी लाने में मदद करता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का महत्व

आज के दौर में, जहाँ #MeToo और #TimesUp जैसे आंदोलनों ने लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, तो वहीं इस विशेष दिन के समारोह का महत्व कई आयामों में देखा जा सकता है:

  • यह दिन महिलाओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए महत्वपूर्ण योगदानों का सम्मान करने और उनके द्वारा दुनिया की दिशा को आकार देने में निभाई गई अनिवार्य भूमिका को मान्यता देने का अवसर है।
  • यह महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में दुनिया की चल रही यात्रा के प्रतिबिंब और पुष्टि के रूप में कार्य करता है।
  • यह लैंगिक पूर्वाग्रह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इसे दूर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • यह दिन दुनिया भर में महिलाओं की प्रगति में बाधा डालने वाली लगातार चुनौतियों का समाधान करने के लिए चर्चा और दृढ़ कार्रवाई की सुविधा प्रदान करता है।
  • महिलाओं की सफलता की कहानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, यह दिन दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने के लिए प्रेरित करने में मदद करता है।
  • यह दिन विविध संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों की महिलाओं और लड़कियों के बीच विश्वव्यापी एकता की भावना को बढ़ावा देता है।

संक्षेप में, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल महिलाओं के योगदान और बलिदान का जश्न मनाता है, बल्कि लैंगिक समानता के लिए चल रहे संघर्ष की याद भी दिलाता है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में की गई प्रगति पर विचार करने और दुनिया भर में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है। जैसे-जैसे दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उत्साह में डूबती जा रही है, NEXT IAS दुनिया भर की सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ देता है!

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) पर प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है।

महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?

यह दिन महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने, महिला समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाने, लिंग समानता के लिए समर्थन करने और चल रही लैंगिक असमानताओं के समाधान हेतु ठोस कदम उठाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हम 8 मार्च को महिला दिवस क्यों मनाते हैं?

महिला दिवस की शुरुआत में इसे विभिन्न तिथियों पर मनाया जाता था। बाद में, व्यापक चर्चाओं और विमर्श के पश्चात् 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया गया।

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024: इतिहास, विषय, समारोह और महत्त्व

Last updated on March 5th, 2024 Posted on by  8110
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस , जिसे विश्व महिला दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन पूरे विश्व में महिलाओं के अधिकारों के लिए हुए संघर्षों को रेखांकित करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाता है।”समावेश को प्रेरित करें (Inspire Inclusion)” थीम के साथ, विश्व 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 मनाने के लिए तैयार है। जैसे कि विश्व इस विशेष दिन पर महिलाओं के योगदान का सम्मान करता है, NEXT IAS का यह लेख अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है, जिसके अंतर्गत इस दिवस का इतिहास, उद्देश्य, विषय, महत्त्व एवं प्रमुख तथ्य सम्मिलित है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विश्वभर में विभिन्न क्षेत्रों महिलाओं की उपलब्धियों एवं योगदानों का सम्मान करने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाने वाला एक वैश्विक आयोजन है। यह दिन लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ- साथ महिलाओं के अधिकारों की वकालत भी करता है। यह दिवस लैंगिक आधारित हिंसा, भेदभाव, और महिलाओं के समक्ष विद्यमान सामाजिक-आर्थिक असमानताओं जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
तिथि8 मार्च
उत्पत्ति20वीं सदी की प्रारम्भ में महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के लिए श्रमिक आंदोलन से शुरुआत।
उद्देश्यमहिलाओं की उपलब्धियों और योगदानों का उत्सव मनाना तथा लैंगिक समानता एवं महिलाओं के समक्ष चुनौतियों के विषय में जागरूकता बढ़ाना।
विषयलैंगिक समानता के किसी विशिष्ट पहलू को संबोधित करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक अलग विषय चुना जाता है।
(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के लिए विषय: “समावेश को प्रेरित करें (Inspire Inclusion)”)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास 1900 के दशक के आरंभिक वर्षों से संबंधित है। लैंगिक समानता के लिए एक दिन के विरोध प्रदर्शन से लेकर वैश्विक आंदोलन तक इसका विकास एक शताब्दी से अधिक समय तक विस्तृत है।

महिला दिवस की उत्पत्ति और इसके विकास का कालक्रम निम्नलिखित है:-

  • 1908: कार्यस्थल पर महिला मजदूरों के दमन और लैंगिक असमानता के कारण महिलाओं ने परिवर्तन की माँग करने के लिए अभियान शुरू किया। परिणामस्वरूप, लगभग 15,000 महिलाएँ सड़कों पर उतर आईं और कम काम के घंटे, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की माँग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च किया।
  • 1909: अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने 28 फरवरी, 1909 को पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस (NWD) आयोजित किया। 1909 से 1913 तक, अमेरिका में महिलाओं ने फरवरी के अंतिम रविवार को NWD मनाना जारी रखा।
  • 1910: 1910 में कोपेनहेगन में महिला मजदूरों का दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। यहाँ जर्मन समाजवादी और महिला अधिकार कार्यकर्ता क्लारा जेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना का विचार प्रस्तावित किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था। हालाँकि, कोई विशिष्ट तिथि तय नहीं की गई थी।
  • 1911: कोपेनहेगन सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार, 19 मार्च 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। महिलाओं के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और मतदान के अधिकार की मांग करते हुए रैलियाँ, प्रदर्शन और मार्च आयोजित किये गए।
  • 1913: प्रथम विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर रूसी महिलाओं द्वारा शांति अभियान का आयोजन किया गया था। इस अभियान के दौरान हुई चर्चाओं के कारण अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तिथि आधिकारिक तौर पर 8 मार्च घोषित कर दी गई।
  • 1914-1918: प्रथम विश्व युद्ध और इसके परिणामस्वरूप श्रमिकों की बढ़ती मांग ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि की सुविधा प्रदान की। इससे अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को मताधिकार के लिए लड़ने में मदद मिली।
  • 1945: संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने से महिलाओं और पुरुषों के लिए समानता का सिद्धांत स्थापित हुआ। इससे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का केंद्र बिंदु बन गया।
  • 1975: संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार, आधिकारिक रूप से 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी। इसके बाद से, संयुक्त राष्ट्र ने इसे प्रतिवर्ष मनाना शुरू किया।
  • 1996: 1996 में, संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) के लिए एक आधिकारिक विषय अपनाया। तब से, संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष इस दिन के लिए एक आधिकारिक विषय घोषित किया है।
  • 2015: UNGA ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को अपनाया। SDG में से एक, SDG 5, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता प्राप्त करने का आह्वान करता है।
  • वर्तमान: IWD विश्वभर में महिलाओं की उपलब्धियों एवं योगदान का सम्मान करने और उत्सव मनाने के लिए सबसे प्रमुख वैश्विक मंचो में से एक बन गया है।

वर्तमान में, यह दिन विश्वभर में मनाया जाता है। विभिन्न देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोहों को कई आधिकारिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों द्वारा चिन्हित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कुछ सामान्य प्रकार के कार्यक्रम:

  • संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक आधिकारिक स्मरणोत्सव कार्यक्रम आयोजित करता है।
  • यह कई देशों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है, जबकि कुछ अन्य देशों में केवल महिलाओं को ही विशेष अवकाश दिया जाता है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा किये गए महत्त्वपूर्ण योगदानों को मान्यता देने के लिए सरकार द्वारा आधिकारिक घोषणाएँ जारी करना एवं पुरस्कार समारोह आयोजित करना।
  • विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों का आयोजन।
  • शैक्षणिक संस्थानों द्वारा महिला सशक्तीकरण, लैंगिक समानता आदि विषयों पर पैनल चर्चा, व्याख्यान, निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
  • सिविल सोसाइटी संगठनों और महिला समूहों द्वारा लैंगिक अधिकार, घरेलू हिंसा आदि जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता अभियान आयोजित किये जाते हैं।
  • कॉर्पोरेट निकाय भी कई पहलों का आयोजन करते हैं, जैसे महिला कर्मचारियों के लिए विशेष कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण परियोजनाओं का समर्थन करने वाली सीएसआर गतिविधियाँ आदि।
  • सामुदायिक उत्सव जैसे समारोह या अनौपचारिक बैठकें जहाँ महिलाएँ उपलब्धियों का उत्सव मनाती हैं, और महिला आंदोलन को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024
  • विश्वभर में महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाना।
  • महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में ठोस प्रयासों को तेज करना।
  • लैंगिक समानता और महिला अधिकारों के लक्ष्य के प्रति व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों को प्रेरित करना।
  • विश्वभर की महिलाओं के बीच एकजुटता और एकता की भावना को बढ़ावा देना।

इसकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बैंगनी, हरा और सफेद , अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं। इन रंगों का महत्त्व इस प्रकार देखा जा सकता है:

रंगप्रतिनिधित्व करता है
बैंगनीन्याय और सम्मान
हराआशा
सफ़ेदपवित्रता

इन रंगों को मूल रूप से ब्रिटेन में ब्रिटिश महिला मताधिकार आंदोलन की एक शाखा, महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) द्वारा अपनाया गया था। इन वर्षों में, ये रंग दुनिया भर में IWD समारोहों का एक उदासीन हिस्सा बन गए।

प्रत्येक वर्ष की तरह, विश्व 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD ) 2024 का उत्सव मना रहा है। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का थीम “समावेश को प्रेरित करें (Inspire Inclusion)” है।

विश्व भर के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को शामिल करने पर रणनीतिक फोकस के साथ, इस वर्ष के 8 मार्च महिला दिवस के विषय का विशेष महत्त्व है जैसा कि नीचे दिए गए अनुभाग में बताया गया है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अभियान की थीम “समावेश को प्रेरित करें” रखा गया है। जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के समावेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य के कारण इस थीम का विविध महत्त्व है जैसा कि नीचे बताया गया है:

  • सामाजिक न्याय: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को शामिल करने से सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।
  • विकास और प्रगति: विश्व की आबादी का लगभग 50% महिलाएँ हैं। यदि विश्व को प्रगति करनी है तो उन्हें पीछे छोड़ना कोई विकल्प नहीं है।
  • कार्यबल भागीदारी: महिलाओं को रोजगार के समान अवसर प्रदान करने से महिला श्रम बल भागीदारी दर (FLFPR) को बढ़ावा मिलेगा। इससे बदले में कौशल और दृष्टिकोण की विविधता को बढ़ावा मिलेगा।
  • नवाचार को बढ़ावा: महिलाओं के समावेशन को बढ़ावा देने से विविध दृष्टिकोण और प्रतिभाएं सामने आती हैं। इससे अधिक नवाचार और बेहतर समाधानों को बढ़ावा मिलता है।
  • बेहतर निर्णय लेना: नेतृत्व पदों में लैंगिक समावेश सुनिश्चित करता है कि निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं के दृष्टिकोण और जरूरतों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। इससे सामाजिक अन्याय, आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन आदि जैसी दुनिया भर में सामना करने वाली चुनौतियों का नवीन समाधान प्राप्त होता है।
  • सामाजिक-आर्थिक समानता: समाज के सभी पहलुओं में महिलाओं को शामिल करना लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण प्राप्त करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • सामाजिक परिवर्तन: पुरुषों की तुलना में महिलाएँ बेहतर विकल्प चुनती हैं और अपनी आय का अधिक हिस्सा अपने परिवारों और समाजों में निवेश करती हैं। इस प्रकार, महिलाओं के समावेश को बढ़ावा देने से हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।
  • स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणाम: महिलाएँ परिवारों और समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि उनके शामिल होने से बेहतर स्वास्थ्य और शैक्षिक परिणाम प्राप्त होते हैं।
  • शांतिपूर्ण समाज: वास्तविक अर्थों में महिलाओं को शामिल करने से लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न आदि सहित लिंग आधारित हिंसा को दूर करने में मदद मिलेगी। यह लैंगिक रूढ़ियों को दूर करने और सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बाधाओं को तोड़ने के लिए दृढ़ कार्रवाई को तेज करने में मदद करता है।

MeToo और #TimesUp जैसे आंदोलनों द्वारा चिह्नित समय में महिलाओं के लिए इस विशेष दिन का उत्सव विविध महत्त्व रखता है जैसा कि नीचे वर्णित है:

  • यह विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान का सम्मान करने और विश्व की नियति को आकार देने में उनकी अपरिहार्य भूमिका को स्वीकार करने का दिन है।
  • यह महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में विश्व की चल रही यात्रा का प्रतिबिंब और पुष्टि के रूप में कार्य करता है।
  • यह लैंगिक पूर्वाग्रह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और उसे दूर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • यह दिन विश्वभर में महिलाओं की प्रगति में बाधा डालने वाली मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिए चर्चा और दृढ़ कार्रवाई की सुविधा प्रदान करता है।
  • महिलाओं की सफलता की कहानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, यह दिन विश्वभर में महिलाओं और बालिकाओं को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने में मदद करता है।
  • विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों की महिलाओं और बालिकाओं के बीच विश्वव्यापी एकता की भावना को बढ़ावा देता है।

संक्षेप में, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल महिलाओं के योगदान और बलिदान का उत्सव मनाता है, बल्कि लैंगिक समानता के लिए प्रचलित संघर्षो की याद दिलाता है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में हुई प्रगति पर विचार करने और विश्वभर में महिलाओं के समक्ष चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है। NEXT IAS विश्वभर की सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देता है!

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?

यह प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है।

महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?

यह महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने, महिलाओं की समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लैंगिक समानता की वकालत करने और प्रचलित लैंगिक असमानताओं को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है।

हम 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाते हैं?

प्रारम्भ में यह दिवस एक अलग तिथि पर मनाया जाता था। बाद में विचार-विमर्श के माध्यम से IWD की तिथि आधिकारिक तौर पर 8 मार्च घोषित की गई।

सामान्य अध्ययन-1
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