पाठ्यक्रम: GS2/शासन
संदर्भ
- पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) ने ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ बनाने के लिए डिजिटल सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की है।
गाँवों के डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता
- डिजिटल विभाजन को पाटना: ग्रामीण भारत अभी भी इंटरनेट की कम पहुँच एवं डिजिटल निरक्षरता का सामना कर रहा है, डिजिटल परिवर्तन समावेशी विकास सुनिश्चित करने और असमानता को कम करने में सहायता करता है।
- बेहतर शासन और सेवा वितरण: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन शिकायत निवारण को सक्षम बनाते हैं।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों और कारीगरों के लिए डिजिटल भुगतान, ई-कॉमर्स एवं ऑनलाइन बाज़ारों को बढ़ावा देता है।
- कृषि परिवर्तन: मौसम पूर्वानुमान, मृदा स्वास्थ्य, फसल परामर्श और उन्नत खेती के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग।
- स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच: टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड सस्ती और समय पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं, जिससे दूर के अस्पतालों की यात्रा की आवश्यकता कम हो जाती है।
चुनौतियाँ
- खराब डिजिटल बुनियादी ढाँचा: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी, ब्रॉडबैंड की कम पहुँच और अविश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्रगति में बाधा डालती है।
- डिजिटल साक्षरता का अंतर: ग्रामीणों के एक बड़े वर्ग, विशेष रूप से बुजुर्गों में डिजिटल कौशल का अभाव है, जिसके कारण तकनीक अपनाने में भय लगता है।
- भाषा और विषय-वस्तु संबंधी बाधाएँ: अधिकांश डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म अंग्रेज़ी या हिंदी में हैं, जिससे क्षेत्रीय भाषा के उपयोगकर्ता वंचित रह जाते हैं।
- साइबर सुरक्षा और विश्वास की कमी: डेटा गोपनीयता और ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में कम जागरूकता के कारण ग्रामीण नागरिक डिजिटल धोखाधड़ी एवं घोटालों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- परिवर्तन का प्रतिरोध: पारंपरिक नकद-आधारित लेनदेन और ऑफ़लाइन प्रणालियों को प्राथमिकता।
सरकारी पहल
- सभासार: ग्राम सभा की बैठकों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई): 2025 में लॉन्च किया गया, सभासार एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण है जो ग्राम सभा और अन्य पंचायत सभाओं के ऑडियो या वीडियो से बैठकों के संरचित मिनट तैयार करता है।
- स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ गाँवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण) योजना 2020 में शुरू की गई थी।
- यह योजना ग्रामीण परिवारों को उनके घरों और भूमि के कानूनी स्वामित्व के कागजात देती है।
- ड्रोन और उन्नत मानचित्रण उपकरणों का उपयोग करके, यह संपत्ति की सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित करता है।
- भारतनेट: इसे डिजिटल विभाजन को समाप्त करने के लिए 2011 में लॉन्च किया गया था।
- इस परियोजना का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत को किफायती, उच्च गति वाला इंटरनेट प्रदान करना है।
- ई ग्राम स्वराज:

- मेरी पंचायत ऐप: मेरी पंचायत ऐप राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा डिज़ाइन और विकसित एक एकीकृत मोबाइल गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करता है।
- यह पंचायत मामलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाता है।
- ग्राम मानचित्र: भू-स्थानिक नियोजन उपकरण: पंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम मानचित्र भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) एप्लिकेशन लॉन्च किया।
- यह एक एकीकृत डिजिटल मानचित्र प्रदान करता है जहाँ अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों की कल्पना कर सकते हैं और उन्हें ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के साथ संरेखित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
- इन सुधारों का उद्देश्य शासन को तीव्र, अधिक पारदर्शी और अधिक समावेशी बनाना है।
- अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मीटिंग सारांश से लेकर भू-स्थानिक मानचित्रण प्लेटफ़ॉर्म, डिजिटल लेखा प्रणाली और नागरिक-उन्मुख मोबाइल ऐप तक कई उपकरण उपलब्ध हैं।
- यह बदलाव डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत सरकार के व्यापक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
Source: PIB
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