मिशन मौसम (Mission Mausam)

पाठ्यक्रम: GS1/जलवायु विज्ञान

संदर्भ

  • प्रधानमंत्री ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मिशन मौसम का उद्घाटन किया।

मिशन मौसम के संबंध में

  • उद्देश्य: पूर्वानुमान, मॉडलिंग और प्रसार में भारत के मौसम विभाग की क्षमताओं को उन्नत करना।
  • विशेषताएँ:
    • बजट आवंटन: कार्यान्वयन के प्रथम दो वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये।
    • फोकस क्षेत्र: मौसम निगरानी, ​​मॉडलिंग तकनीक और पूर्वानुमान।
    • लाभार्थी क्षेत्र: कृषि, विमानन, रक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और स्वास्थ्य।
  • चरण:
    • चरण 1 (2025- मार्च 2026): अवलोकन क्षमताओं का विस्तार करने और सिमुलेशन प्रयोगों के संचालन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • चरण 2 (2026 के पश्चात्): अवलोकन संबंधी सटीकता बढ़ाने के लिए उपग्रहों और विमानों को सम्मिलित किया जाएगा।
  • पर्यवेक्षण: मिशन मौसम का नेतृत्व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित तीन संस्थाओं द्वारा किया जाएगा।
    • IMD, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे, और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नोएडा।
  • क्लाउड चैंबर: भारत मानसून के बादलों का अध्ययन करने के लिए आवश्यकतानुसार एक क्लाउड चैंबर का निर्माण करेगा।

आवश्यकता

  • बेहतर पूर्वानुमान: पूर्वानुमान की सटीकता में 5-10% की वृद्धि तथा 10-15 दिन के लीड टाइम के साथ पंचायत स्तर तक पूर्वानुमान का विस्तार।
  • उन्नत प्रौद्योगिकी: मौसम प्रणालियों के बेहतर मॉडल के लिए AI , मशीन लर्निंग और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटर का उपयोग करना।
  • बेहतर वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान: मेट्रो शहरों में वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान में 10% तक सुधार।
  • नाउकास्टिंग सुधार: वास्तविक समय मौसम अपडेट के लिए नाउकास्ट आवृत्ति को तीन घंटे से घटाकर एक घंटा किया गया है।

महत्त्व

  • चरम मौसमी घटनाएँ: भारत को बादल फटने, वज्रपात और अत्यधिक वर्षा जैसी चरम मौसमी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण प्रायः एक ही समय में सूखा और बाढ़ दोनों की स्थिति उत्पन्न होती है।
    • वर्तमान मौसम मॉडल छोटे पैमाने की घटनाओं पर नज़र रखने में संघर्ष करते हैं, इसलिए मौसम की भविष्यवाणी और प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।
  • मौसम संशोधन: मिशन क्लाउड सीडिंग जैसी मौसम संशोधन तकनीकों की खोज करता है, जिनका प्रयोग पहले से ही अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में किया जा रहा है।
    • सिल्वर आयोडाइड जैसे पदार्थों को बादलों में छिड़काव करके वर्षा को प्रेरित या दमित किया जा सकता है।
    • बाढ़ की रोकथाम: बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में लंबे समय तक बारिश के दौरान वर्षा पैटर्न को संशोधित करना।
    • वर्षा बढ़ाना: वर्षा की मात्रा में वृद्धि कर सूखे की समस्या का समाधान करना।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
– इसकी स्थापना 1875 में हुई थी।यह मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अधीन है।

Source: IE

 

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