पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को स्वीकृति प्रदान की है।
परिचय
- व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) की मंजूरी प्रधानमंत्री की तीन देशों – जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान – की यात्रा से पहले दी गई है।
- इसे ओमान की संसद के निम्न सदन द्वारा भी स्वीकृति दी गई है।
- प्रधानमंत्री की ओमान यात्रा देश की उनकी दूसरी यात्रा होगी और यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के साथ सामंजस्यशील है।
- FTA: इस समझौते पर वार्ता आधिकारिक रूप से 2023 में शुरू हुई थी।
- मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में दो व्यापारिक साझेदार अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क को अत्यंत सीमा तक कम या समाप्त कर देते हैं।
- वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए मानदंडों को भी आसान बनाते हैं।
- भारत ने पहले ही खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के एक अन्य सदस्य यूएई के साथ इसी तरह का समझौता किया है, जो 2022 में प्रभावी हुआ।
FTA की प्रमुख विशेषताएँ
- व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के साथ भारत को ओमान में अपनी 98% वस्तुओं तक पहुँच और सेवाओं में महत्वपूर्ण पहुँच मिलेगी।
- ओमान का आयात शुल्क 0% से 100% तक होता है और विशिष्ट शुल्क भी उपस्थिति हैं।
- व्यापार के अतिरिक्त दोनों पक्षों के बीच निवेश प्रवाह भी इस समझौते से लाभान्वित होने की संभावना है।
भारत-ओमान संबंध
- राजनयिक संबंध: 1955 में औपचारिक रूप से स्थापित हुए और 2008 में इन्हें रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया।
- व्यापार संबंध: FY 2023-2024 में ओमान भारत का 30वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, कुल व्यापार 8.947 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
- भारत ओमान के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में शामिल है और ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
- 2023 में भारत ओमान के कच्चे तेल निर्यात का चौथा सबसे बड़ा बाजार रहा, दक्षिण कोरिया के बाद।
- निवेश संबंध: भारत-ओमान के बीच 6,000 से अधिक संयुक्त उपक्रम ओमान में संचालित हो रहे हैं।
- इन उपक्रमों में समय के साथ लगभग 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगी हुई है।
- 2000 से 2025 के बीच भारत में ओमान की संचयी एफडीआई इक्विटी प्रवाह 605.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- रक्षा सहयोग: भारत और ओमान तीनों सेनाओं के बीच नियमित द्विवार्षिक द्विपक्षीय अभ्यास करते हैं।
- सेना अभ्यास: अल नजाह
- वायुसेना अभ्यास: ईस्टर्न ब्रिज
- नौसेना अभ्यास: नसीम अल बहर
- समुद्री सहयोग: ओमान होर्मुज जलडमरूमध्य के प्रवेश द्वार पर है, जिससे भारत अपने तेल आयात का पांचवां हिस्सा आयात करता है।
- भारत ने 2018 में ओमान के दुक्म बंदरगाह तक पहुँच के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- दुक्म बंदरगाह ओमान के दक्षिण-पूर्वी समुद्री तट पर स्थित है, जो अरब सागर और हिंद महासागर की ओर देखता है। यह रणनीतिक रूप से ईरान के चाबहार बंदरगाह के निकट स्थित है।
| GCC के बारे में – यह छह मध्य-पूर्वी देशों – सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, क़तर, बहरीन एवं ओमान – का राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है। – इसकी स्थापना 1981 में हुई थी। – इसका उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच एकता प्राप्त करना है, जो उनके साझा उद्देश्यों और समान राजनीतिक व सांस्कृतिक पहचान पर आधारित है, जो अरब एवं इस्लामी संस्कृतियों में निहित हैं।परिषद की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष घूर्णन आधार पर बदलती है। – परिषद की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष घूर्णन आधार पर बदलती है। |
आगे की राह
- यथार्थवादी राजनीति (Realpolitik) और रणनीतिक हितों ने भारत को खाड़ी देशों के पास लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और दोनों पक्ष सहयोग करने के इच्छुक हैं।
- दीर्घकाल में, रक्षा औद्योगिक सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण उनके रणनीतिक सहयोग का एक केंद्रीय घटक बनने की संभावना है।
- राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी और सैन्य-सुरक्षा हितों का संगम भारत की खाड़ी देशों के साथ कूटनीति को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
Source: DD
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