उच्चतम न्यायालय ने छह महानगरों में मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा पर प्रतिबंध लगाया

पाठ्यक्रम: GS1/ सामाजिक मुद्दे

समाचार में

  • भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन की माँग वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने छह महानगरों में मैनुअल स्कैवेंजिंग और मैनुअल सीवर सफाई पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश पारित किए।

मैनुअल स्कैवेंजिंग क्या है?

  • मैनुअल स्कैवेंजिंग से तात्पर्य सूखे शौचालयों, खुली नालियों, सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों से मानव मल को हाथ से साफ करने, ले जाने और निपटाने की प्रथा से है। यह एक खतरनाक और अपमानजनक कार्य है जो मुख्य रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को प्रभावित करता है।

भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की स्थिति

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार, 2018 से 2023 के मध्य मैनुअल स्कैवेंजिंग के कारण 443 मृत्यु दर्ज की गईं। 
  • अकेले दिल्ली में, एक RTI प्रत्युत्तर में विगत 15 वर्षों में 94 मृत्यु का प्रकटीकरण हुआ, जिसमें केवल एक को दोषी ठहराया गया। 
  • 2024 तक, मैनुअल स्कैवेंजरों में से 97% अनुसूचित जाति (SCs) से संबंधित हैं:
    • 42,594 अनुसूचित जाति (SCs)
    • 421 अनुसूचित जनजाति (STs) 
    • 431 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBCs)

मुद्दे और चुनौतियाँ

  • कानूनी प्रतिबंध के बावजूद, मैनुअल स्कैवेंजिंग जारी है, जिसे प्रायः अनौपचारिक रोजगार व्यवस्था के नाम पर छिपाया जाता है।
  • कानूनी सुरक्षा को दरकिनार करते हुए कई श्रमिकों को अनुबंध के आधार पर कार्य पर रखा जाता है।
  • 2013 अधिनियम के अंतर्गत पुनर्वास प्रयासों को खराब तरीके से लागू किया गया है।
  • सीवर और सेप्टिक टैंक में जहरीली गैसों के संपर्क में आने से कई सफाई कर्मचारियों की मृत्यु हो रही है।
  • सीवर की सफाई का मशीनीकरण धीमा है, जिससे मजदूरों को खतरनाक मैनुअल कार्य जारी रखने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
  • यह प्रथा जातिगत भेदभाव से गहराई से जुड़ी हुई है, क्योंकि यह मुख्य रूप से दलित समुदायों को प्रभावित करती है।

मैनुअल स्कैवेंजिंग के विरुद्ध कानून और विनियमन

  • मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013: सभी प्रकार के मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगाता है।
    • मैनुअल स्कैवेंजर के रोजगार को अपराध घोषित करता है।
    • सीवर की सफाई के लिए मशीनीकरण को अनिवार्य बनाता है।
  • उच्चतम न्यायालय का हस्तक्षेप: सफाई कर्मचारी आंदोलन बनाम भारत संघ (2014) में, उच्चतम न्यायालय ने सरकार को मृतक मैनुअल स्कैवेंजर के परिवारों को दस लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करने का निर्देश दिया।
    • 2020 में, न्यायालय ने और अधिक मृत्युओं को रोकने के लिए मशीनीकृत सीवर सफाई के सख्त कार्यान्वयन का आदेश दिया।
  • संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 17 (अस्पृश्यता को समाप्त करता है), अनुच्छेद 21 (जीवन और सम्मान के अधिकार की गारंटी देता है), अनुच्छेद 23 (जबरन श्रम पर रोक लगाता है), और अनुच्छेद 42 (सभी श्रमिकों के लिए मानवीय कार्य स्थितियाँ)।

सरकारी पहल और नीतियाँ

  • NAMASTE योजना (2023): सीवर सफाई के मशीनीकरण पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • सफाई कर्मचारियों के लिए कौशल प्रशिक्षण और वैकल्पिक रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
  • स्वच्छ भारत अभियान: शुष्क शौचालयों को आधुनिक स्वच्छता सुविधाओं से बदलने का लक्ष्य।
    • मशीनीकृत सफाई उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करती है।
  • मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास के लिए स्व-रोजगार योजना (SRMS): कौशल प्रशिक्षण के साथ चालीस हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

आगे की राह

  • 2013 अधिनियम का पूर्ण प्रवर्तन तथा उल्लंघन के लिए कठोर दंड।
  • मैनुअल श्रम की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए मशीनीकृत सफाई विधियों (रोबोट और मशीनों का उपयोग करके) को तेजी से अपनाना।

Source: TH

 

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