पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और डाकघर बचत बैंक (POSB) — जल्द ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी के अंतर्गत आ सकते हैं।
परिचय
- डाकघर बचत बैंक (POSB): 2024 में ₹96 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ, जिसमें POSB योजनाओं में 24 महीनों की अवधि में धोखाधड़ी की गई।
- इसके बाद, POSB ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों विभाग से RBI के साथ एक निगरानी समझौते की मांग की है ताकि आंतरिक नियंत्रणों की समीक्षा की जा सके।
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): श्रम और रोजगार मंत्रालय ने निधि प्रबंधन और निवेश प्रथाओं पर RBI से परामर्श माँगा।
- RBI की रिपोर्ट में कमजोर लेखांकन मानकों और हितों के टकराव (EPFO का नियामक और निधि प्रबंधक दोनों के रूप में कार्य करना) जैसे मुद्दों को उजागर किया गया।
- अनुवर्ती कार्रवाई: EPFO बोर्ड ने RBI, वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त समिति के गठन को स्वीकृति दी ताकि इन चिंताओं को संबोधित किया जा सके।
RBI की निगरानी की आवश्यकता
- सार्वजनिक निधियों की सुरक्षा: दोनों संस्थाएं बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन का प्रबंधन करती हैं — जिससे सुदृढ़ निगरानी और सुशासन अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
- यह कदम सामाजिक सुरक्षा और लघु बचत संस्थानों में वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता एवं जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल को दर्शाता है।
- शासन और जवाबदेही संबंधी चिंताएं: धोखाधड़ी और गबन की बार-बार घटनाएं, कमजोर आंतरिक नियंत्रण और मैनुअल रिकॉर्ड-कीपिंग प्रणालीगत कमजोरियों को उजागर करती हैं।
- कमजोर लेखांकन और जोखिम प्रबंधन ढांचे: RBI की समीक्षा में EPFO के निधि प्रबंधन में कमजोर लेखांकन मानकों पाए गए।
- मार्क-टू-मार्केट मूल्यांकन और दायित्वों का एक्चुअरियल आकलन अनुपस्थित है।
- EPFO संचालन में हितों का टकराव: EPFO भविष्य निधि संपत्तियों के लिए नियामक और निधि प्रबंधक दोनों की भूमिका निभाता है।
- यह दोहरी भूमिका पक्षपात, अक्षमता और कमजोर निगरानी की संभावना उत्पन्न करती है।
- निवेश विविधीकरण: EPFO का पोर्टफोलियो मुख्य रूप से सरकारी और कॉर्पोरेट ऋण की ओर झुका हुआ है, जबकि इक्विटी में सीमित निवेश है।
- RBI ने धीरे-धीरे विविधीकरण और बेहतर जोखिम-प्रतिफल संतुलन का परामर्श दिया है, जिससे EPFO की रणनीति वैश्विक सर्वोत्तम पेंशन निधि प्रबंधन प्रथाओं के अनुरूप हो सके।
- पारदर्शिता और सार्वजनिक विश्वास: POSB और EPFO में घोटालों और अनियमितताओं ने जमाकर्ताओं के विश्वास को कमजोर किया है।
महत्व
- RBI की निगरानी बैंक-जैसे सावधानी मानकों को लागू कर सकती है और आंतरिक शासन को बेहतर बना सकती है।
- RBI की तकनीकी विशेषज्ञता लेखांकन को आधुनिक बनाने, ऑडिट को सुदृढ़ करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायता कर सकती है।
- RBI की निगरानी कार्यों के पृथक्करण और स्वतंत्र निधि प्रबंधन मानदंडों को लागू करने में सहायक हो सकती है।
- RBI की निगरानी विश्वसनीयता लाती है, नियामक अनुशासन सुनिश्चित करती है और इन सामाजिक सुरक्षा संस्थानों में सार्वजनिक विश्वास को बढ़ाती है।
| डाकघर बचत बैंक (POSB) – POSB डाक विभाग, संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक लघु बचत / बचत बैंक योजनाओं को संदर्भित करता है। – चूंकि यह भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (PSS Act) के अंतर्गत आता है, इसलिए बैंक के भुगतान-संबंधी कार्यों पर पहले से ही RBI का अधिकार है। EPFO – EPFO श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है। यह कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 का प्रशासन करता है। उद्देश्य: – कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करना। – कर्मचारियों के बीच स्वैच्छिक बचत को बढ़ावा देना। – भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनाओं को विनियमित एवं पर्यवेक्षण करना। |
Source: IE
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