विकसित भारत के लिए AI रोडमैप और फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी

पाठ्यक्रम: GS2/ शासन, GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ

  • नीति आयोग ने दो परिवर्तनकारी पहलें शुरू कीं: विकसित भारत हेतु AI रोडमैप: तीव्र आर्थिक वृद्धि का अवसर और नीति फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी, जो इसके फ्रंटियर टेक हब के अंतर्गत आती है।

विकसित भारत हेतु एआई रोडमैप 

  • यह रोडमैप कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की संभावनाओं को वास्तविक परिणामों में बदलने के लिए एक व्यावहारिक कार्य योजना प्रस्तुत करता है, जिसमें दो प्रमुख स्तंभों को रेखांकित किया गया है:
    • उद्योगों में AI को तीव्रता से अपनाना ताकि उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि हो सके।
    • जनरेटिव AI के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास (R&D) को रूपांतरित करना, जिससे भारत नवाचार-आधारित अवसरों में तीव्रता से वृद्धि हो सकती है।
  • दृष्टिकोण: AI-सहायित तकनीकों को सभी जिलों में मुख्यधारा में लाना ताकि समावेशी विकास को बढ़ावा मिले और भारत वैश्विक तकनीकी दौड़ में पीछे न रहे।

नीति फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी 

  • यह रिपॉजिटरी भारत भर से चार प्रमुख क्षेत्रों—कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा—में 200+ प्रभावशाली कहानियों को प्रदर्शित करती है। 
  • यह दिखाती है कि कैसे राज्य और स्टार्टअप्स तकनीक का उपयोग जीवनयापन को रूपांतरित करने के उद्देश्य से कर रहे हैं।
  • सहायक पहलें:
    • फ्रंटियर 50 पहल, जिसके अंतर्गत नीति आयोग 50 आकांक्षी जिलों/ब्लॉकों को रिपॉजिटरी से उपयोग के मामलों को चुनने और उन अग्रणी तकनीकों को लागू करने में सहायता करेगा, जिनमें ADP/ABP विषयों के अंतर्गत सेवाओं की संतृप्ति को तीव्र करने की क्षमता है।
    • नीति फ्रंटियर टेक इम्पैक्ट अवार्ड्स फॉर स्टेट्स, जिसके अंतर्गत तीन राज्यों को तकनीक के माध्यम से शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका आदि में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाएगा और उन्हें मापनीय, परिवर्तनकारी परिणामों को बढ़ाने में सहायता दी जाएगी।

AI कैसे प्रमुख क्षेत्रों को रूपांतरित कर सकता है?

  • बैंकिंग और वित्त: कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2035 तक भारत के बैंकिंग क्षेत्र में $50–55 बिलियन का योगदान दे सकती है।
    • यह धोखाधड़ी की पहचान को सुदृढ़ कर सकती है, नियामक अनुपालन सुनिश्चित कर सकती है, और बैक-ऑफिस संचालन को अधिक कुशल बना सकती है।
  • उद्योग और विनिर्माण: AI-आधारित स्वचालन से 2035 तक $85–100 बिलियन की उत्पादकता वृद्धि की संभावना है।
    •  जनरेटिव AI नवीन उत्पादों की डिज़ाइन और फैक्ट्री संचालन को अनुकूलित करने में सहायता कर सकती है।
  • फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक: AI भारत के फार्मास्यूटिकल उद्योग को जेनेरिक-आधारित बाजार से नवाचार-आधारित केंद्र में बदल सकता है।
    • जनरेटिव AI और कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी दवा खोज की समयसीमा को 60–80% तक घटा सकते हैं तथा लागत को 20–30% तक कम कर सकते हैं।
  • ऑटोमोटिव: 2035 तक भारत में बेचे जाने वाले लगभग 40–50% वाहन सॉफ्टवेयर-सक्षम हो सकते हैं, जिससे $6–8 बिलियन का अतिरिक्त मूल्य जुड़ सकता है।
    • AI ऑटो-कंपोनेंट्स उद्योग को भी रूपांतरित कर सकता है, जिससे तीव्र और सस्ती डिज़ाइन प्रक्रियाओं के माध्यम से $25–30 बिलियन का अतिरिक्त मूल्य सृजित हो सकता है।

चुनौतियाँ

  • डेटा का विखंडन और कमजोर गोपनीयता सुरक्षा।
  • बैंकों और उद्योगों में पुराने आईटी सिस्टम।
  • रोबोटिक्स, चिप डिज़ाइन और बायोइन्फॉर्मेटिक्स में AI विशेषज्ञों की कमी।
  • नई दवाओं और तकनीकों के लिए धीमी अनुमोदन प्रक्रियाएँ।
  • साइबर सुरक्षा जोखिम और एल्गोरिदमिक पक्षपात जैसे नैतिक मुद्दे।

AI रोडमैप के लिए आवश्यक रणनीतिक कारक

  • डिजिटल अवसंरचना: भारत AI मिशन के अंतर्गत AI कंप्यूटिंग पावर, क्लाउड सेवाओं, 5G नेटवर्क और रोबोटिक्स परीक्षण क्षेत्रों का विस्तार।
  • डेटा गवर्नेंस: सुरक्षित और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण, क्षेत्र-विशिष्ट डेटा ग्रिड का निर्माण, तथा AI कोश को राष्ट्रीय डेटा प्लेटफॉर्म के रूप में सुदृढ़ करना।
  • कौशल और प्रतिभा: स्कूल एवं विश्वविद्यालय स्तर पर AI शिक्षा, उद्योग प्रमाणपत्र, AI ओपन यूनिवर्सिटी, और प्रवासी प्रतिभा को वापस लाने के लिए फैलोशिप।
  • नियमन: स्पष्ट नैतिक दिशानिर्देश, ऑडिट सिस्टम, नियामक सैंडबॉक्स, और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखण।

निष्कर्ष

  •  भारत के 8% सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्पादकता और नवाचार में भारी वृद्धि आवश्यक है, तथा AI इसका प्रमुख साधन है। 
  • 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, देश को न केवल AI को अपनाना होगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर मानक स्थापित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभानी होगी।

Source: PIB

 

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