सारनाथ
पाठ्यक्रम: GS1/प्राचीन इतिहास
संदर्भ
- भारत ने औपचारिक रूप से सारनाथ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची के लिए 2025–26 चक्र में नामित किया है।
परिचय
- स्थान: यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास स्थित है।
- यह चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है (अन्य: लुंबिनी, बोधगया, कुशीनगर)।
- ऐतिहासिक महत्व: बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात, गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था (लगभग 528 ईसा पूर्व)।
- इस घटना को “धम्मचक्र प्रवर्तन” या “धर्म के चक्र का संचालन” कहा जाता है।
- यह बौद्ध संघ (भिक्षुओं का समुदाय) की शुरुआत का प्रतीक है।
- स्मारक और संरचनाएँ:
- धमेक स्तूप: सम्राट अशोक द्वारा निर्मित, बुद्ध के प्रथम उपदेश की स्मृति में।
- चौखंडी स्तूप: वह स्थान जहाँ बुद्ध ने अपने प्रथम शिष्यों से भेंट की थी।
- अशोक स्तंभ: सम्राट अशोक द्वारा निर्मित; इसका सिंह शीर्ष अब भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है।
- मठ और अवशेष: प्राचीन विहारों, मंदिरों और मूर्तियों के खंडहर।
- अशोक का योगदान: सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सारनाथ का दौरा किया था।
- उन्होंने स्तूपों, मठों का निर्माण कराया और धर्म के प्रचार हेतु शिलालेख अंकित किए।
- सारनाथ से प्राप्त अशोक का सिंह शीर्ष 1950 में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया।
Source: IE
छठ महापर्व
पाठ्यक्रम: GS1/संस्कृति
संदर्भ
- भारत ‘छठ’ को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल कराने के लिए बहुराष्ट्रीय नामांकन की संभावना खोज रहा है।
छठ के बारे में
- छठ महापर्व, सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित, भारत के सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक है।
- यह बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप से मनाया जाता है, साथ ही मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, यूएई एवं नीदरलैंड्स में प्रवासी समुदायों द्वारा भी।
- चार दिवसीय यह पर्व अपने पारिस्थितिकीय और समतामूलक मूल्यों के लिए जाना जाता है, जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा, सततता, समावेशिता एवं सामुदायिक भावना को बढ़ावा देता है।
भारत और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
- भारत के 15 तत्व पहले से ही सूचीबद्ध हैं (जैसे योग, कुंभ मेला, दुर्गा पूजा)।
- नोडल एजेंसी: भारत की नामांकन प्रक्रिया का समन्वय संगीत नाटक अकादमी करती है।
- सूची में शामिल होने के लिए, सदस्य देशों को 2003 की यूनेस्को कन्वेंशन के अंतर्गत नामांकन डोज़ियर प्रस्तुत करना होता है।
क्या आप जानते हैं?
- अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH): इसमें गीत, संगीत, नाटक, कौशल, शिल्प और संस्कृति के वे पहलू शामिल होते हैं जिन्हें रिकॉर्ड किया जा सकता है लेकिन भौतिक रूप से अनुभव नहीं किया जा सकता।
Source: PIB
मोरन समुदाय
पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
समाचार में
- मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा प्राप्त करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू की है।
मोरान समुदाय के बारे में
- मोरान समुदाय असम की एक आदिवासी जनजाति है, जिसका एक समय में अहोम शासन से पहले अपना स्वतंत्र राज्य हुआ करता था।
- ऐतिहासिक रूप से वे दक्षिण-पूर्वी ब्रह्मपुत्र घाटी में रहते थे और उनके प्रमुख प्रमुखतंत्र थे, जिनमें मातक देश शामिल था, जहाँ बोडौसा जैसे प्रमुखों का शासन था।
- 17वीं शताब्दी में श्रीमंत शंकरदेव के शिष्य श्री अनिरुद्धदेव ने मोरान समुदाय को वैष्णव धर्म में दीक्षित किया, जिससे मोमोरिया (मायामार) संप्रदाय का उदय हुआ और सामाजिक व सांस्कृतिक नवजागरण का दौर शुरू हुआ।
- वे मुख्य रूप से वैष्णव हैं, और मोमोरिया विद्रोह (1769–1799) अहोम सत्ता के लिए एक प्रमुख चुनौती बना, जो आंशिक रूप से उनकी निम्न जातीय उत्पत्ति एवं सुधारवादी धार्मिक नेतृत्व से प्रेरित था।
Source: TH
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
संदर्भ
- 17 सितंबर 2025 को पीएम विश्वकर्मा योजना ने दो वर्ष पूरे किए।
योजना के बारे में
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो हाथ और औजारों से कार्य करने वाले कारीगरों तथा शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करती है। यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों में संलग्न कारीगरों एवं शिल्पकारों को कवर करती है।
- मुख्य लाभ:
- पहचान: पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता।
- कौशल उन्नयन: 5–7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन या उससे अधिक की एडवांस ट्रेनिंग, जिसमें ₹500 प्रतिदिन की वृत्ति दी जाती है।
- ऋण सहायता: ₹3 लाख तक के ‘एंटरप्राइज डेवलपमेंट लोन’ बिना गारंटी के, दो किश्तों में—₹1 लाख (18 माह की अवधि) और ₹2 लाख (30 माह की अवधि)—5% की रियायती ब्याज दर पर, जिसमें भारत सरकार द्वारा 8% तक की सबवेंशन दी जाती है।
- विपणन सहायता: गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों के रूप में, ताकि मूल्य श्रृंखला से बेहतर जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके।
Source: PIB
एकीकृत पेंशन प्रणाली (NPS)
पाठ्यक्रम: GS2/शासन
संदर्भ
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पास 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को चुनने का विकल्प है।
एकीकृत पेंशन योजना (UPS)
- यह योजना वर्ष 2024 में घोषित की गई थी; और 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी है।
- पात्रता:
- वे केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जिन्होंने 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सेवा जॉइन की (जो NPS के अंतर्गत आते हैं)।
- वे नए नियुक्त कर्मचारी जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद केंद्रीय सेवा में शामिल होंगे।
- वे पूर्व कर्मचारी जो NPS के अंतर्गत थे लेकिन 31 मार्च 2025 या उससे पहले सेवानिवृत्त हो गए या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं।
- स्वैच्छिक विकल्प: जहाँ NPS 1 जनवरी 2004 से नियुक्त सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अनिवार्य था, वहीं UPS एक वैकल्पिक योजना है।
- UPS की विशेषताएँ:
- सुनिश्चित पेंशन: 25 वर्षों की सेवा के पश्चात विगत 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50%।
- पारिवारिक पेंशन: पेंशनधारी की मृत्यु के पश्चात जीवनसाथी को पेंशन का 60% तक प्राप्त होगा।
- योगदान:
- कर्मचारी: मूल वेतन + महंगाई भत्ता (DA) का 10%।
- नियोक्ता: मूल वेतन + DA का 10%।
- सरकारी अतिरिक्त योगदान: पूल कॉर्पस के लिए 8.5%।
- न्यूनतम गारंटी: 10 वर्षों की सेवा के बाद कम से कम ₹10,000 प्रति माह की पेंशन सुनिश्चित।
- सेवा से बर्खास्त किए गए कर्मचारी इस सुनिश्चित भुगतान के पात्र नहीं होंगे।
- एकमुश्त लाभ: हर छह महीने की सेवा के लिए अंतिम मूल वेतन + DA का 1/10वां हिस्सा।
Source: IE
नरसंहार (Genocide)
पाठ्यक्रम: विविध
समाचार में
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त एक जांच निकाय, स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग ने निष्कर्ष निकाला है कि इज़राइल गाज़ा में नरसंहार कर रहा है, और इसके नेतृत्व पर उकसावे तथा फिलिस्तीनी जनसंख्या को नष्ट करने के प्रयोजन का आरोप लगाया है।
नरसंहार क्या है?
- “Genocide” शब्द 1944 में पोलिश वकील राफेल लेमकिन द्वारा गढ़ा गया था, जिसमें ग्रीक शब्द genos (जाति/जनजाति) और लैटिन शब्द cide (हत्या) को जोड़ा गया।
- उन्होंने यह अवधारणा होलोकॉस्ट और अन्य ऐतिहासिक जनसंहारों की प्रतिक्रिया स्वरूप विकसित की थी।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1946 में नरसंहार को एक अपराध के रूप में प्रथम बार मान्यता दी, और इसे 1948 के नरसंहार सम्मेलन में औपचारिक रूप से संहिताबद्ध किया गया।
- नरसंहार में निम्नलिखित कृत्य शामिल होते हैं, यदि वे किसी राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को पूर्णतः या आंशिक रूप से नष्ट करने के इरादे से किए जाएँ:
- समूह के सदस्यों की हत्या
- गंभीर शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचाना
- विनाशकारी जीवन स्थितियाँ थोपना
- जन्म को रोकने के उपाय लागू करना
- बच्चों को जबरन किसी अन्य समूह में स्थानांतरित करना
- नरसंहार में निम्नलिखित कृत्य शामिल होते हैं, यदि वे किसी राष्ट्रीय, जातीय, नस्लीय या धार्मिक समूह को पूर्णतः या आंशिक रूप से नष्ट करने के इरादे से किए जाएँ:
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) पुष्टि करता है कि नरसंहार का निषेध एक प्रचलित अंतरराष्ट्रीय कानून और एक अपरिवर्तनीय मानदंड (jus cogens) है, जिसका पालन सभी देशों को करना अनिवार्य है, चाहे उन्होंने संधि पर हस्ताक्षर किए हों या नहीं।
- नरसंहार की परिभाषा, जो 1948 के नरसंहार सम्मेलन के अनुच्छेद II में दी गई है और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के रोम संविधि में भी प्रयुक्त होती है, संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच बातचीत का परिणाम है।
स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग के हालिया निष्कर्ष
- आयोग ने पाया कि अक्टूबर 2023 में हमास के इज़राइल पर हमले के पश्चात शुरू हुए युद्ध के दौरान नरसंहार सम्मेलन में परिभाषित पाँच में से चार कृत्य किए गए हैं।
- इनमें शामिल हैं: हत्या, गंभीर क्षति पहुँचाना, शारीरिक विनाश के उद्देश्य से जीवन स्थितियाँ थोपना, और समूह के अंदर जन्म को रोकने के उपाय।
- इज़राइल की प्रतिक्रिया इज़राइल ने इस रिपोर्ट को दृढ़ता से खारिज करते हुए इसे झूठा और राजनीतिक रूप से पक्षपाती बताया है, तथा आयोग को समाप्त करने की मांग की है।
Source :TH
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुविधा
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के पूर्णिया में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत एक सेक्स सॉर्टेड सीमेन सुविधा का उद्घाटन किया।
| क्या आप जानते हैं? – सीमेन सेक्स-सॉर्टिंग तकनीक लगभग 90% सटीकता के साथ मादा बछड़ों के जन्म की संभावना को बढ़ाती है, जिससे दुग्ध उत्पादकों पर आर्थिक भार कम होता है और अधिक रिप्लेसमेंट हीफर्स (दुग्ध उत्पादन के लिए उपयुक्त मादा पशु) उत्पन्न कर उनकी आय में वृद्धि होती है। – पूर्णिया, बिहार में स्थापित यह नई सुविधा क्षेत्र के दुग्ध किसानों, विशेष रूप से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को लाभ पहुँचाएगी। |
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM)
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत 2014 में पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा की गई थी।
- इसका उद्देश्य देशी गाय और भैंस की नस्लों का विकास तथा संरक्षण करना, पशु आनुवंशिकी को सुधारना एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना है।
- मुख्य उद्देश्य:
- उन्नत तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता को बढ़ाना।
- उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले सांडों को बढ़ावा देना।
- कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं का विस्तार करना।
- देशी नस्लों के वैज्ञानिक पालन-पोषण और संरक्षण को प्रोत्साहित करना।
अद्यतन जानकारी
- मार्च 2025 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी दी।
- यह विकास कार्यक्रमों की योजना के अंतर्गत एक केंद्रीय क्षेत्रीय घटक के रूप में लागू किया जाएगा, जिसमें 2021–2026 की अवधि के लिए कुल ₹3,400 करोड़ का परिव्यय शामिल है, जिसमें ₹1,000 करोड़ की अतिरिक्त राशि भी शामिल है।
Source :PIB
आयन क्रोमैटोग्राफी
पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफ विकसित किया है, जिसे एक्वामोनिट्रिक्स कहा जाता है।
- यह पारंपरिक उच्च लागत वाली प्रयोगशाला उपकरणों के समान परिणाम प्रदान करता है।
आयन क्रोमैटोग्राफी क्या है?
- आयन क्रोमैटोग्राफी (IC) एक विश्लेषणात्मक तकनीक है जिसका उपयोग किसी नमूने में आवेशित कणों (आयनों) को पृथक करने और उनकी मात्रा निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
- यह प्रक्रिया एक कॉलम के अंदर आवेशित स्थिर चरण के साथ आयनों की पारस्परिक क्रिया पर आधारित होती है।
क्रोमैटोग्राफी का कार्य सिद्धांत
- कॉलम: एक रेज़िन से भरा कॉलम जिसमें स्थायी आवेश होता है, IC की मूल संरचना बनाता है।
- एल्यूएंट: एक तरल वाहक घोल को लगातार कॉलम के माध्यम से पंप किया जाता है।
- नमूना इंजेक्शन: नमूने को एल्यूएंट की धारा में प्रविष्ट कराया जाता है।
- पृथक्करण: नमूने में उपस्थित आयन अपने आवेश और आकर्षण के आधार पर रेज़िन के साथ क्रिया करते हैं।
- विपरीत आवेश वाले आयन रेज़िन की ओर आकर्षित होते हैं जबकि समान आवेश वाले आयन प्रतिकर्षित होते हैं।
- इससे विभिन्न आयन कॉलम में अलग-अलग गति से आगे बढ़ते हैं, जिससे उनका पृथक्करण संभव होता है।
- डिटेक्शन: एक डिटेक्टर, सामान्यतः एक कंडक्टिविटी मीटर, एल्यूएंट की चालकता में हुए परिवर्तनों को मापता है जब पृथक आयन कॉलम से गुजरते हैं।
- क्रोमैटोग्राम: इस डेटा को एक क्रोमैटोग्राम के रूप में प्लॉट किया जाता है, जिसमें विभिन्न आयनों और उनकी सांद्रता को दर्शाने वाले पीक दिखाई देते हैं।
Source: TH
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