पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
संदर्भ
- सुशासन दिवस प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
सुशासन दिवस के बारे में
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सुशासन सहभागी, सहमति-उन्मुख, जवाबदेह, पारदर्शी, उत्तरदायी, प्रभावी एवं दक्ष, न्यायसंगत और समावेशी होता है तथा विधि के शासन का पालन करता है।
- 2014 में सरकार ने घोषणा की कि 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
सुशासन सूचकांक
- सुशासन सूचकांक (GGI) एक निदान उपकरण है जिसे प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा 25 दिसंबर, 2019 को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शासन प्रदर्शन का मूल्यांकन करने तथा सुधार को प्रोत्साहित करने हेतु प्रस्तुत किया गया।
- यह सूचकांक 10 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करता है और 58 नागरिक-केंद्रित संकेतकों के माध्यम से शासन प्रदर्शन का आकलन करता है।

सुशासन के लिए सरकारी पहल
- गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM): विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों/पीएसयू द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद को सुगम बनाता है। GeM का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता एवं गति को बढ़ाना है।
- UMANG ऐप: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग द्वारा विकसित, यह ऐप नागरिकों को एक ही मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर पूरे भारत की सरकारी सेवाओं तक पहुँच प्रदान करता है।
- केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS): यह 24×7 ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो समयबद्ध शिकायत निवारण और निगरानी हेतु डैशबोर्ड प्रदान करता है, जिससे सेवा वितरण में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ती है।
- ई-एचआरएमएस 2.0 मोबाइल एप्लिकेशन: एंड्रॉइड और iOS पर उपलब्ध यह ऐप सरकारी कर्मचारियों को मानव संसाधन सेवाओं तक सहज पहुँच प्रदान करता है।
सुशासन की चुनौतियाँ
- कानूनों का अप्रभावी कार्यान्वयन: जल्दबाजी और अप्रभावी कार्यान्वयन से आम जनता को कठिनाई होती है तथा सरकार पर विश्वास कम होता है।
- भ्रष्टाचार: अपारदर्शी प्रशासनिक संरचनाएँ, कमजोर कानूनी ढाँचे, सीमित सूचना तक पहुँच और अधिकारों की कमजोर समझ भ्रष्टाचार को बनाए रखते हैं।
- राजनीति का अपराधीकरण: आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति जब विधायिका में आते हैं तो वे जनकल्याण के बजाय निजी हितों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे प्रशासनिक अक्षमता और जनविश्वास का ह्रास होता है।
- अधिकारों और कर्तव्यों की कम जागरूकता: सीमित नागरिक जागरूकता से नागरिक अपने अधिकारों का दावा और कर्तव्यों का पालन नहीं कर पाते, जिससे स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग, कमजोर भागीदारी एवं अप्रभावी शासन होता है।
आगे की राह
- शासन सुधारों को शिकायत निवारण और सेवा वितरण प्रणालियों को अधिक उत्तरदायी बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसके लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, वास्तविक समय निगरानी एवं डेटा-आधारित निर्णय-निर्माण का पूर्ण उपयोग किया जाए।
- साथ ही संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ करने, नागरिक जागरूकता को बढ़ावा देने और सिद्ध सर्वोत्तम प्रथाओं को व्यापक स्तर पर लागू करने के प्रयास आवश्यक हैं ताकि शासन में सुधार स्थायी और ज़मीनी परिणामों में परिवर्तित हो सके।
| अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में -उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ। – राजनीति में प्रारंभिक भागीदारी: छात्र जीवन के दौरान 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए। – प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल: वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने — 1996 में संक्षिप्त अवधि के लिए, 1998-1999 में 13 महीने के लिए, और 1999 से 2004 तक पूर्णकालिक। वे पहले गैर-कांग्रेस नेता बने जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में पूर्ण कार्यकाल पूरा किया। – परमाणु उपलब्धि: भारत को पूर्ण विकसित परमाणु शक्ति घोषित करने का नेतृत्व किया। वे पहले भारतीय नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया। – पुरस्कार: उन्हें 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और 2015 में भारत रत्न प्रदान किया गया। |
Source: PIB
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