इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप गैर-कानूनी नहीं है और सहमति देने वाले वयस्कों को वैवाहिक स्थिति की परवाह किए बिना गरिमा एवं सुरक्षा के साथ साथ रहने का संवैधानिक अधिकार है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य अवलोकन
लिव-इन रिलेशनशिप अपराध नहीं है: विवाह किए बिना साथ रहना भारत में किसी कानून का उल्लंघन नहीं है यदि दोनों साथी वयस्क हों और स्वतंत्र सहमति दें।
जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार: न्यायालय ने बल दिया कि संविधान का अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों को जीवन, गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है, जिसमें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोग भी शामिल हैं।
भारत में बाल तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण को सर्वोच्च न्यायालय ने एक “गंभीर रूप से चिंताजनक वास्तविकता” बताया तथा नाबालिग पीड़ितों की गवाही को संवेदनशीलता से समझने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए।
साक्ष्य की सराहना पर दिशा-निर्देश
न्यायालयों को तस्करी किए गए बच्चे की गवाही को मामूली असंगतियों के कारण अस्वीकार नहीं करना चाहिए, विशेषकर जब इसमें आघात शामिल हो।
यदि पीड़ित की गवाही विश्वसनीय और प्रभावशाली है, तो अकेली गवाही ही पर्याप्त है।
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की ग्रुप C पदों में पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षण को मौजूदा 10% से बढ़ाकर 50% करने का निर्णय लिया है।
अग्निपथ योजना
सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी ताकि पुरुष और महिला दोनों अभ्यर्थियों को तीनों सेनाओं में अधिकारी पद से नीचे के कैडर में चार वर्षों की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जा सके।
पात्रता: 17.5 से 21 वर्ष की आयु के उम्मीदवार इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।