भारतीय रेलवे में जनशक्ति की कमी का मुद्दा

पाठ्यक्रम: GS3/इंफ्रास्ट्रक्चर

सन्दर्भ

  • रेलवे बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भारतीय रेलवे में जनशक्ति की कमी के गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए “तत्काल” अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की है।
    • उन्होंने रेलवे के बुनियादी ढांचे में तेजी से हो रही वृद्धि, विशेषकर नई लाइनों तथा रेलगाड़ियों की संख्या में वृद्धि पर प्रकाश डाला और नए पदों के सृजन की आवश्यकता पर बल दिया।

चिंताएं

  • विभिन्न परियोजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन, नई परिसंपत्तियों के रखरखाव तथा ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन के लिए भारतीय रेलवे में अतिरिक्त जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता है। 
  • पिछले दो वर्षों में रेलवे नेटवर्क में अनेकों बड़ी दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप विभिन्न मृत्युएँ होने की पृष्ठभूमि में चिंताएँ बढ़ गई हैं। विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरना, विशेष रूप से सुरक्षा से संबंधित भूमिकाओं में, ट्रेड यूनियनों की लंबे समय से मांग रही है।

भारतीय रेल

  • यात्री यातायात के मामले में भारत विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है।
  • भारत में विश्व की चौथी सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली है, जो केवल अमेरिका, रूस और चीन से पीछे है।
  • भारतीय रेलवे में 7,335 स्टेशनों के साथ कुल 126,366 किलोमीटर लंबी ट्रैक है। 2023-24 के दौरान 5100 किलोमीटर लंबी ट्रैक लंबाई प्राप्त की गई।
  • रेलवे बोर्ड, जिसका भारत में रेल सेवाओं के प्रावधान पर एकाधिकार है, पूरे बुनियादी ढांचे की देख-रेख करता है।

क्षेत्र के समक्ष चुनौतियाँ

  • बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण: रेल की अधिकांश बुनियादी संरचना, जिसमें पटरियाँ, पुल तथा स्टेशन शामिल हैं, पुरानी हो चुकी हैं और उन्हें आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। 
  • वित्तीय तनाव: यात्री और माल ढुलाई परिचालन से होने वाला राजस्व कभी-कभी परिचालन लागत तथा निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल हो जाता है।
  •  आउटसोर्सिंग के लिए सीमित गुंजाइश: यह देखते हुए कि ट्रेन परिचालन में सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सर्वोपरि है, पटरियों, पुलों, इंजनों, डिब्बों, वैगनों और सिग्नलिंग उपकरणों के रखरखाव जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों को आउटसोर्स करना संभव नहीं है। 
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: इतने विशाल नेटवर्क में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
    • इसमें दुर्घटनाओं को रोकना, पटरियों तथा रोलिंग स्टॉक की स्थिति का प्रबंधन करना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।
  • रखरखाव के मुद्दे: रोलिंग स्टॉक और बुनियादी ढांचे का नियमित रखरखाव आवश्यक है, लेकिन बजट की कमी और रसद संबंधी मुद्दों के कारण प्रायः यह अपर्याप्त होता है।
  • तकनीकी एकीकरण: उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और वास्तविक समय ट्रैकिंग जैसी नई तकनीकों के साथ आधुनिकीकरण, दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक है।
  • भूमि अधिग्रहण और परियोजना में देरी: नई परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और संबंधित कानूनी और रसद संबंधी मुद्दों का प्रबंधन देरी का कारण बनता है और लागत बढ़ाता है।

सरकारी पहल

  • समर्पित माल ढुलाई गलियारे (DFCs): पश्चिमी और पूर्वी गलियारे जैसे समर्पित माल ढुलाई गलियारों के निर्माण का उद्देश्य माल यातायात को यात्री सेवाओं से अलग करना, भीड़भाड़ को कम करना और माल ढुलाई तथा यात्री परिचालन दोनों में दक्षता बढ़ाना है।
  • हाई-स्पीड रेल परियोजनाएँ: मुंबई-अहमदाबाद गलियारे जैसी हाई-स्पीड रेल सेवाओं की शुरूआत का उद्देश्य रेल नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और तेज़, अधिक कुशल यात्रा विकल्प प्रदान करना है।
  • विद्युतीकरण: भारतीय रेलवे अपने रेल नेटवर्क के पूर्ण विद्युतीकरण की दिशा में कार्य कर रहा है।
    • विद्युतीकरण से डीजल पर निर्भरता कम होती है, परिचालन लागत कम होती है तथा कार्बन उत्सर्जन कम करने में सहायता मिलती है।
  • स्टेशन पुनर्विकास: सरकार सुविधाओं और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में निवेश कर रही है। इसमें बुनियादी ढांचे को उन्नत करना, सुविधाओं को बढ़ाना और स्टेशनों को अधिक यात्री-अनुकूल बनाना शामिल है।
  • डिजिटल पहल: टिकट बुकिंग, ट्रेनों की वास्तविक समय ट्रैकिंग और ई-भुगतान प्रणाली के लिए IRCTC (भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम) जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की शुरूआत का उद्देश्य सेवाओं को अधिक सुलभ तथा उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है।
  • सुरक्षा उपाय: सरकार उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली और बेहतर रखरखाव प्रथाओं की स्थापना जैसी पहलों के माध्यम से सुरक्षा में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  • क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार: कम सेवा वाले क्षेत्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में रेल संपर्क का विस्तार करने के उद्देश्य से परियोजनाएं संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा परिवहन तक पहुंच में सुधार करने में सहायता करती हैं।

आगे की राह 

  • 2030 के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, अधिक रेलगाड़ियों का संचालन करना होगा, जिसके लिए रेल संचालन और बुनियादी ढांचे के रखरखाव दोनों के लिए अधिक जनशक्ति की आवश्यकता होगी।
  •  रेलवे में नई परिसंपत्तियों और लाइनों के निर्माण तथा विस्तार के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा मंजूरी के लिए सभी सुरक्षा मापदंडों का पालन करना भी आवश्यक है। 
  • भारतीय रेलवे भारत के परिवहन बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र पूर्वानुमानित रखरखाव के लिए AI, परिचालन दक्षता के लिए बड़ा डेटा और उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए तैयार है। 
  • नेटवर्क पहुंच का विस्तार करने, गति में सुधार करने और यात्री तथा माल ढुलाई सेवाओं को बढ़ाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

Source: TH

 

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