पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
समाचार में
- न्यूरोटेक्नोलॉजी जल्द ही मस्तिष्क की समझ को बेहतर करेगी और संभवतः इसके कार्य को प्रभावित करने की क्षमता भी प्रदान करेगी।
न्यूरोटेक्नोलॉजी क्या है?
- यह उन उपकरणों को संदर्भित करती है जो सीधे मस्तिष्क के साथ संपर्क करते हैं, न्यूरल गतिविधि को रिकॉर्ड या प्रभावित करते हैं, जिससे मस्तिष्क के कार्य का अध्ययन, मरम्मत या संवर्धन करने के नए तरीके सक्षम होते हैं।
- इस क्षेत्र का केंद्र ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCIs) हैं, जो मस्तिष्क संकेतों को डिकोड करके कर्सर, व्हीलचेयर या रोबोटिक हाथ जैसे उपकरणों को नियंत्रित करते हैं। यह या तो गैर-आक्रामक सेंसर या प्रत्यारोपित इलेक्ट्रोड के माध्यम से किया जाता है।
- BCIs निदान, न्यूरोप्रोस्थेटिक्स और लकवा, अवसाद एवं पार्किंसन रोग जैसी स्थितियों के उपचार में सहायक होते हैं।
- जबकि प्रयोगों ने जानवरों में मस्तिष्क-से-मस्तिष्क संचार दिखाया है, मानव उपयोग मुख्यतः चिकित्सीय ही हैं। भविष्य में संवर्धन या सैन्य अनुप्रयोगों से महत्वपूर्ण नैतिक चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
लाभ और आवश्यकता
- भारत को स्ट्रोक, रीढ़ की चोटें, पार्किंसन रोग और अवसाद जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का बढ़ते भार का सामना करना पड़ रहा है।
- न्यूरोटेक्नोलॉजी आशाजनक समाधान प्रदान करती है—न्यूरोप्रोस्थेटिक्स लकवाग्रस्त व्यक्तियों को गति या संचार फिर से प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं, और लक्षित मस्तिष्क उत्तेजना मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए दीर्घकालिक दवाओं पर निर्भरता को कम कर सकती है।
- स्वास्थ्य सेवा से परे, न्यूरोटेक्नोलॉजी भारत की जैव प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं एआई में ताकतों के साथ सामंजस्यशील है, जिससे नवाचार और विकास के व्यापक अवसर सर्जित होते हैं।

प्रगति
- IIT कानपुर ने स्ट्रोक रोगियों के लिए BCI-संचालित रोबोटिक हाथ विकसित किया है, जबकि मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर और IISc के ब्रेन रिसर्च सेंटर में प्रमुख न्यूरोसाइंस अनुसंधान चल रहा है।
- डोग्नोसिस जैसे स्टार्टअप नवाचारपूर्ण उपयोगों की खोज कर रहे हैं—जैसे कुत्तों के मस्तिष्क संकेतों का विश्लेषण करके कैंसर-संबंधी गंधों का पता लगाना—यह दिखाता है कि पशु-केंद्रित न्यूरोटेक भविष्य में मानव कैंसर स्क्रीनिंग को बदल सकता है।
| वैश्विक स्थिति अमेरिका NIH की BRAIN पहल द्वारा संचालित वैश्विक न्यूरोटेक प्रयासों में अग्रणी है, जो उन्नत न्यूरोटेक नवाचार का समर्थन करता है।2024 में न्यूरालिंक को मानव परीक्षणों के लिए FDA की स्वकृति मिली और इसने दिखाया कि इसके BCIs लकवाग्रस्त रोगियों को कुछ मोटर कार्य फिर से प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं। चीन का ब्रेन प्रोजेक्ट (2016–2030) संज्ञानात्मक अनुसंधान, मस्तिष्क-प्रेरित एआई और न्यूरोलॉजिकल उपचारों पर केंद्रित है।वहीं, यूरोपीय संघ और चिली BCIs को विनियमित करने और न्यूरोराइट्स की रक्षा करने वाले कानून बनाने में अग्रणी हैं। |
भारत के लिए आगे की राह
- न्यूरोटेक्नोलॉजी भारत को स्वास्थ्य सेवा, मनोरंजन और अर्थव्यवस्था में अवसर प्रदान करती है, जो इसके जीनोमिक विविधता, विशेषज्ञता एवं मस्तिष्क अनुसंधान में बढ़ती रुचि का लाभ उठाती है। लेकिन इसका विकास सुदृढ़ नियामक समर्थन पर निर्भर करता है।
- BCI के लाभ और जोखिमों पर सार्वजनिक सहभागिता, साथ ही तकनीकी और नैतिक पहलुओं—जैसे डेटा गोपनीयता एवं उपयोगकर्ता स्वायत्तता—का आकलन करने वाले अनुकूलित विनियम आवश्यक हैं ताकि भारत में सुरक्षित और प्रभावी BCI विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
स्रोत: TH
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