पाठ्यक्रम: GS3/आंतरिक सुरक्षा
संदर्भ
- राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) को प्रति माह लगभग 45,000 अनुरोध प्राप्त होने लगे हैं, जो केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसके उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।
राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) क्या है?
- NATGRID एक वास्तविक समय खुफिया और डेटा-प्रवेश मंच है जिसे 26/11 मुंबई हमलों (2008) के बाद एजेंसियों के बीच निर्बाध सूचना-साझाकरण सक्षम करने हेतु विकसित किया गया।
- यह गृह मंत्रालय (MHA) के अंतर्गत कार्य करता है और बैंक लेन-देन, दूरसंचार उपयोग, पासपोर्ट/आव्रजन रिकॉर्ड, कर आईडी, पुलिस FIRs (CCTNS) एवं अन्य ई-गवर्नेंस स्रोतों जैसे 20 से अधिक श्रेणियों के नागरिक तथा वाणिज्यिक डेटा को एकीकृत करता है।
- डेटा पहुँच: प्रारंभ में केवल खुफिया ब्यूरो (IB), अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (R&AW), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED), वित्तीय खुफिया इकाई (FIU), नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (NCB) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) आदि तक सीमित था।
- अब SP रैंक के अधिकारियों को भी NATGRID तक पहुँच उपलब्ध है।
NATGRID का महत्व
- आतंकवाद-रोधी: NATGRID यात्रा पैटर्न, वित्तीय लेन-देन, दूरसंचार डेटा और सामाजिक संपर्कों को जोड़कर आतंक नेटवर्क का पता लगाने तथा उन्हें बाधित करने की क्षमता को बढ़ाता है।
- अपराध पहचान में सुधार: यह मंच संगठित अपराध, मादक पदार्थ, मानव तस्करी, साइबर अपराध, नकली मुद्रा नेटवर्क और सीमा-पार तस्करी से संबंधित जांच में सहायता करता है।
- 2020 में, NATGRID ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, जिससे अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) तक पहुँच प्राप्त हुई, जो सभी राज्यों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर FIR दर्ज करने का आदेश देता है।
- संस्थागत दक्षता: प्रत्येक पहुँच को लॉग किया जाता है, जिससे निरीक्षण और आंतरिक जवाबदेही बेहतर होती है। एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म का अस्तित्व प्रतिलिपि, विलंब और अंतर-एजेंसी टकराव को कम करता है।
- सुरक्षा उपाय: डेटा की सुरक्षा हेतु NATGRID सख्त पहुँच नियंत्रण का उपयोग करता है। सभी क्वेरी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड और लॉग की जाती हैं, और केवल जाँचे-परखे, अधिकृत अधिकारी ही खोज चला सकते हैं।
प्रमुख चिंताएँ
- गोपनीयता जोखिम: NATGRID संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी की बड़ी मात्रा को एकत्र करता है, जिससे संभावित निगरानी अतिक्रमण की चिंताएँ बढ़ती हैं।
- साइबर सुरक्षा कमजोरियाँ: भारत ने 2024 में CERT-In को 20.5 लाख से अधिक साइबर घटनाओं की रिपोर्ट दी, जो एक बढ़ते शत्रुतापूर्ण डिजिटल वातावरण को दर्शाता है।
- NATGRID के एकीकृत डेटा की व्यापक मात्रा और मूल्य इसे साइबर हमलों के लिए आकर्षक लक्ष्य बनाते हैं।
- विधायी समर्थन का अभाव: NATGRID कार्यकारी आदेशों के माध्यम से बनाया गया था, न कि किसी समर्पित संसदीय कानून द्वारा। प्रशासनिक लचीलापन त्वरित तैनाती की अनुमति देता है, लेकिन सांविधिक निरीक्षण की अनुपस्थिति पारदर्शिता और सार्वजनिक परिचर्चा को सीमित करती है।
आगे की राह
- समर्पित कानून लागू करें: NATGRID के दायरे, पहुँच प्रोटोकॉल, डेटा संरक्षण और निरीक्षण तंत्र को नियंत्रित करने वाला एक व्यापक कानून जवाबदेही को सुदृढ़ करेगा।
- साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करें: एकीकृत डेटाबेस की सुरक्षा हेतु साइबर-लचीलापन, पैठ परीक्षण और वास्तविक समय निगरानी में निरंतर निवेश आवश्यक है।
- राज्य एजेंसियों के लिए प्रशिक्षण का विस्तार करें: जिला-स्तरीय अधिकारियों को डिजिटल फॉरेंसिक, डेटा विश्लेषण और NATGRID प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित करना इसकी उपयोगिता को अधिकतम करेगा।
- गोपनीयता सुरक्षा सुनिश्चित करें: सुदृढ़ ऑडिट ट्रेल्स, स्वतंत्र समीक्षा समितियाँ और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के साथ संरेखण आवश्यक है ताकि अनुपातिक एवं नैतिक उपयोग सुनिश्चित हो सके।
Source: TH
Previous article
निर्यात संवर्धन मिशन (EPM)