पाठ्यक्रम: GS3/ ऊर्जा
समाचार में
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) ने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन टैरिफ विनियम, 2025 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है।
- इनका उद्देश्य टैरिफ को सरल बनाना, पहुंच में सुधार करना और सरकार के “एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक टैरिफ” दृष्टिकोण को समर्थन देना है2।
प्रमुख संशोधन
- टैरिफ ज़ोन की संख्या में कमी: टैरिफ ज़ोन की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है।
- इससे टैरिफ संरचना सरल होगी और प्राकृतिक गैस परिवहन नेटवर्क अधिक सुव्यवस्थित बनेगा।
- ज़ोन 1 के कम टैरिफ का देशव्यापी विस्तार: अब ज़ोन 1 के तहत कम टैरिफ का लाभ पूरे भारत में लागू होगा।
- यह संशोधन संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) दोनों पर लागू होगा, जिसमें घरेलू उपभोक्ता भी शामिल हैं।
- इससे देशभर में गैस की पहुंच और वहनयोग्यता में सुधार की संभावना है।
- सिस्टम-यूज़ गैस के लिए दीर्घकालिक अनुबंध अनिवार्य: अब पाइपलाइन ऑपरेटरों को अपनी सिस्टम-यूज़ गैस की कम से कम 75% मात्रा तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि के दीर्घकालिक अनुबंधों के माध्यम से खरीदनी होगी।
- इससे आपूर्ति की स्थिरता और टैरिफ में पूर्वानुमेयता सुनिश्चित होगी।
- पाइपलाइन विकास कोष (Pipeline Development Reserve) की शुरुआत: जिन ऑपरेटरों की पाइपलाइन उपयोग दर 75% से अधिक है, उन्हें कर-पश्चात लाभ का 50% बुनियादी ढांचे के विकास में लगाना होगा।
- शेष 50% उपभोक्ताओं को टैरिफ समायोजन के माध्यम से लौटाया जाएगा। यह प्रदर्शन-आधारित, आत्मनिर्भर मॉडल को बढ़ावा देगा।
- “एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक टैरिफ” के अनुरूप: सभी संशोधन सरकार की नीति के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में और सुलभ प्राकृतिक गैस बाज़ार बनाना है।
- ये बदलाव हितधारकों से परामर्श के बाद किए गए हैं ताकि व्यापक समर्थन और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
| पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) के बारे में – यह एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड अधिनियम, 2006 के अंतर्गत हुई थी। – इसका मुख्य कार्य भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की डाउनस्ट्रीम गतिविधियों को विनियमित करना है (कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन को छोड़कर)। – बोर्ड को विवादों के निपटारे के लिए दीवानी न्यायालय जैसी शक्तियाँ प्राप्त हैं और यह क्षेत्रीय गतिविधियों का डेटा बैंक भी बनाए रखता है। – PNGRB ने राष्ट्रीय हाइड्रोकार्बन अवसंरचना निगरानी प्रणाली (NHIMS) विकसित की है, जो देशभर में पेट्रोलियम और गैस परिवहन अवसंरचना की रीयल-टाइम निगरानी करती है |
Source: ET
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