संक्षिप्त समाचार 04-12-2025

WHO द्वारा वज़न घटाने के लिए GLP-1 दवाओं के उपयोग का समर्थन 

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

समाचारों में

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मोटापे के उपचार हेतु ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 (GLP-1) थेरेपी के उपयोग पर अपनी प्रथम दिशा-निर्देश जारी की है।
    •  WHO ने उच्च जोखिम वाले समूहों में टाइप 2 डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए GLP-1 थेरेपी को अपनी आवश्यक औषधि सूची में शामिल किया है।
GLP-1 थेरेपी
GLP-1 थेरेपी (ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट) दवाओं का एक वर्ग है जो प्राकृतिक GLP-1 हार्मोन की नकल करता है, जो रक्त शर्करा और भूख को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
इन्हें मूल रूप से टाइप 2 डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इन्हें मोटापे और वजन घटाने के उपचार के लिए भी मंजूरी दी गई है।
कुछ GLP-1 दवाएँ (लिराग्लूटाइड, सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपाटाइड) दिल का दौरा, स्ट्रोक एवं हृदय विफलता के जोखिम को कम करती हैं, तथा टाइप 2 डायबिटीज़, गुर्दे और यकृत रोग की घटनाओं को भी घटाती हैं।
हालांकि, GLP-1 थेरेपी की वैश्विक मांग ने नकली और निम्न-स्तरीय उत्पादों के प्रसार को बढ़ावा दिया है, जिससे रोगी सुरक्षा एवं विश्वास को खतरा है।

मोटापा

  • यह एक दीर्घकालिक जटिल रोग है, जिसे अत्यधिक वसा जमाव द्वारा परिभाषित किया जाता है, जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  • यह टाइप 2 डायबिटीज़ और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है, हड्डियों के स्वास्थ्य एवं प्रजनन को प्रभावित कर सकता है।
  • यह कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, जैसे सोने या चलने में कठिनाई।
  • यह एक दीर्घकालिक रोग है जो 1 अरब से अधिक लोगों को प्रभावित करता है और 2024 में 3.7 मिलियन मृत्युओं  का कारण बना।
  • मोटापे की दर तेजी से बढ़ रही है और 2030 तक दोगुनी हो सकती है, जिससे वैश्विक आर्थिक लागत प्रति वर्ष 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकती है।
    • NFHS-5 के अनुसार, भारत में 24% महिलाएँ और 23% पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं।

Source :TH

समग्र शिक्षा योजना

पाठ्यक्रम: GS2/कल्याणकारी योजनाएँ

समाचारों में

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोहराया कि राज्यों को केंद्रीय निधि प्राप्त करने के लिए समग्र शिक्षा योजना की शर्तों को पूरा करना होगा।

समग्र शिक्षा

  • स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 2018-19 से स्कूल शिक्षा के लिए एकीकृत केंद्रीय प्रायोजित योजनासमग्र शिक्षा लागू की है।
  • यह एकीकृत केंद्रीय प्रायोजित कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पूर्व-प्राथमिक से कक्षा 12 तक समान, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
  • यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से सहयोग करता है, जैसे:
    • समग्र विद्यालय अनुदान
    • पुस्तकालय
    • खेल
    • निःशुल्क वर्दी और पाठ्यपुस्तकें
    • आईसीटी पहल
    • पुनरावृत्ति शिक्षण
    • नेतृत्व विकास
  • वित्तीय सहायता का विस्तार पहुँच बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिसमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय, और PM-JANMAN के अंतर्गत छात्रावास शामिल हैं।
  • विशेष प्रावधान विकलांग बच्चों के लिए किए गए हैं (सहायक उपकरण, ब्रेल किट, वजीफे आदि)।

महत्व

  • यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है।
  • इसका फोकस है:
    • नए पाठ्यक्रम ढाँचे
    • प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा
    • बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता
    • दक्षता-आधारित शिक्षा
    • बेहतर छात्र मूल्यांकन 
    • इन सभी का उद्देश्य शिक्षा की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाना है।

Source :TH

भारतीय सांख्यिकी संस्थान

पाठ्यक्रम: GS2/संस्थागत निकाय

संदर्भ

  • कोलकाता में शिक्षाविदों ने प्रदर्शन किया ताकि केंद्र सरकार की उस योजना का विरोध किया जा सके जिसमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) अधिनियम, 1959 को निरस्त कर उसकी जगह एक नया विधेयक लाने का प्रस्ताव है।
    • यह कदम संस्थान के कामकाज को महत्वपूर्ण रूप से बदल देगा और उसकी शैक्षणिक स्वायत्तता को गंभीर रूप से कम कर देगा।

परिचय

  • भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस ने 17 दिसंबर, 1931 को कोलकाता में की थी।
  • 1959 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ।
  • इसका मुख्यालय कोलकाता में है और इसके केंद्र दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई एवं तेज़पुर में स्थित हैं।
  • संस्थान सांख्यिकी एवं गणित सहित विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है और इसमें कई शोध प्रभाग हैं।
  • इसकी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था 33-सदस्यीय परिषद है — जिसमें एक निर्वाचित अध्यक्ष, केंद्र के छह प्रतिनिधि, संस्थान में कार्यरत न होने वाले वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का एक प्रतिनिधि, और पदेन सदस्य जैसे निदेशक तथा शैक्षणिक प्रभागों एवं केंद्रों के प्रमुख शामिल हैं।
  • भारत के कई प्रमुख सांख्यिकीविद्, गणितज्ञ एवं अर्थशास्त्री इसके संकाय में रहे हैं, और इसके प्रशिक्षण कार्यक्रमों को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त है।

Source: TH

मलेरिया परजीवी त्वचा को कॉर्कस्क्रू की तरह भेदते हैं

पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य

संदर्भ 

  • हाल ही में नेचर फिजिक्स +-में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि मलेरिया स्पोरोज़ोइट्स, जो मच्छरों द्वारा इंजेक्ट किए गए संक्रामक रूप होते हैं, मानव त्वचा के अंदर दाएँ हाथ की ओर घूमने वाले हेलिकल (कॉर्कस्क्रू) मार्ग का उपयोग करके चलते हैं।
    • यह कॉर्कस्क्रू गति उन्हें शोरगुल वाले जैविक वातावरण में लंबी दूरी तय करने और यकृत तक जाने वाली रक्त केशिका (ब्लड कैपिलरी) खोजने में मदद करती है।

मलेरिया क्या है? 

  • मलेरिया एक जानलेवा रोग है जो कुछ प्रकार के मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलता है। यह मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है।
  • संक्रमण : यह प्लाज़्मोडियम प्रोटोज़ोआ के कारण होता है। प्लाज़्मोडियम परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छरों के काटने से फैलते हैं। रक्त आधान (Blood transfusion) और दूषित सुइयों से भी मलेरिया फैल सकता है।
  • परजीवियों के प्रकार : मानवों में मलेरिया उत्पन्न करने वाले प्लाज़्मोडियम परजीवियों की 5 प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 2 – P. फाल्सीपेरम और P. वैवाक्स– सबसे बड़ा खतरा उत्पन्न करती हैं। अन्य प्रजातियाँ जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकती हैं, वे हैं P. मलेरी, P.ओवले(ovale) और P. नोलेसी (knowlesi)
    • P. फाल्सीपेरम  सबसे घातक मलेरिया परजीवी है और अफ्रीकी महाद्वीप पर सबसे अधिक पाया जाता है।
    • P. वैवाक्स उप-सहारा अफ्रीका के बाहर अधिकांश देशों में प्रमुख मलेरिया परजीवी है।
  • लक्षण (Symptoms): बुखार एवं फ्लू जैसे रोग, जिनमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं।

Source: TH

पीएम इंटर्नशिप योजना

पाठ्यक्रम: GS2/योजना

संदर्भ 

  • पीएम इंटर्नशिप योजना के पायलट प्रोजेक्ट ने एक वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करने के लक्ष्य को पार कर लिया है, लेकिन केवल पाँच में से एक उम्मीदवार ने पीएम इंटर्नशिप योजना के प्रस्ताव स्वीकार किए, और उनमें से 20% ने बीच में ही छोड़ दिया।
    • उम्मीदवारों ने स्थान, भूमिकाएँ और अवधि को प्रस्ताव अस्वीकार करने के कारण बताया।

पीएम इंटर्नशिप योजना 

  • घोषणा: केंद्रीय बजट 2024-25 में। 
  • उद्देश्य:
    • 21 से 24 वर्ष आयु वर्ग के एक करोड़ उम्मीदवारों को पाँच वर्षों तक 12 महीने की इंटर्नशिप प्रदान करना।
    • रोजगार चाहने वालों को शीर्ष कंपनियों में वास्तविक कार्य अनुभव उपलब्ध कराना।
  • क्रियान्वयन एजेंसी: कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय।
  • रिक्तियाँ:
    • वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 500 शीर्ष कंपनियों में 1,25,000 पद।
    • शीर्ष कंपनियों की पहचान विगत तीन वर्षों के औसत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) व्यय के आधार पर की गई है।
    • कंपनियों की भागीदारी स्वैच्छिक है।
  • पात्रता:
    • परिवार का कोई सदस्य ₹8 लाख वार्षिक से अधिक आय अर्जित न करता हो।
    • आयु 18 से 24 वर्ष (OBC/SC/ST के लिए छूट)।
  • आईटीआई: मैट्रिक + संबंधित ट्रेड में आईटीआई।
  • डिप्लोमा: इंटरमीडिएट + AICTE-मान्यता प्राप्त डिप्लोमा।
  • डिग्री: UGC/AICTE-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री।
  • वेतन (Stipend):
    • ₹5,000 मासिक वृति।
    • ₹6,000 की एकमुश्त भुगतान।

Source: TH

नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) को नवरत्न का दर्जा प्राप्त 

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) को ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया गया है।
    • यह 27वाँ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSE) बन गया है जिसे यह दर्जा दिया गया है।

परिचय 

  • 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) क्षमता वाली पेट्रोलियम रिफाइनरी असम के गोलाघाट जिले के नुमालीगढ़ में स्थित है। 
  • वित्त वर्ष 2024-25 में इसका वार्षिक कारोबार ₹25,147 करोड़ रहा, जिसमें ₹1,608 करोड़ का शुद्ध लाभ शामिल था।
  • भारत के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSEs) को तीन प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – मिनिरत्न, नवरत्न और महारत्न CPSEs।
  •  “रत्न” दर्जा देने का मुख्य उद्देश्य राज्य संचालित संस्थाओं को परिचालन स्वतंत्रता और निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करना है।

वर्गीकरण 

  • मिनिरत्न दर्जा: CPSEs को मिनिरत्न दर्जे के अंतर्गत दो उप-श्रेणियों में रखा जाता है – मिनिरत्न-I और मिनिरत्न-II।
    • श्रेणी-I दर्जा: वे CPSEs जिन्होंने लगातार तीन वर्षों तक लाभ दर्ज किया है, जिनका कम से कम एक वर्ष में ₹30 करोड़ या उससे अधिक का कर-पूर्व लाभ रहा है, तथा जिनकी निवल संपत्ति (Net Worth) सकारात्मक है, उन्हें मिनिरत्न-I PSU के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
    • श्रेणी-II दर्जा: वे PSUs जिन्होंने लगातार तीन वर्षों तक लाभ दर्ज किया है और जिनकी निवल संपत्ति सकारात्मक है, उन्हें मिनिरत्न-II कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • नवरत्न दर्जा: वे PSUs जिनके पास मिनिरत्न-I दर्जा है और जिन्होंने विगत पाँच वर्षों में से तीन वर्षों में “उत्कृष्ट” या “बहुत अच्छा” MoU रेटिंग प्राप्त किया है तथा छह चयनित प्रदर्शन संकेतकों में 60 या उससे अधिक का संयुक्त स्कोर हासिल किया है, वे नवरत्न दर्जे के लिए पात्र होते हैं।
  • महारत्न दर्जा: एक PSU “महारत्न” दर्जा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना चाहिए:
    • उसके पास “नवरत्न” दर्जा होना चाहिए।
    • भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होना चाहिए।
    • न्यूनतम शेयरधारिता मानदंडों का अनुपालन होना चाहिए।
    • विगत तीन वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार ₹25,000 करोड़ से अधिक और औसत वार्षिक निवल संपत्ति ₹15,000 करोड़ से अधिक होनी चाहिए।
    • विगत तीन वर्षों में औसत वार्षिक शुद्ध लाभ ₹5,000 करोड़ से अधिक होना चाहिए तथा वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी चाहिए।
    • महारत्न PSUs के उदाहरण: BHEL, BPCL, कोल इंडिया, GAIL, HPCL, इंडियन ऑयल, NTPC, ONGC।

Source: TH

भारतीय नौसेना दिवस

पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा

संदर्भ 

  • नौसेना दिवस प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और भूमिका को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।

परिचय 

  • इसी दिन 1971 में, ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान भारतीय नौसेना ने चार पाकिस्तानी जहाज़ों को डुबो दिया था, जिनमें PNS खैबर भी शामिल था। 
  • इस वर्ष नौसेना दिवस का आयोजन तिरुवनंतपुरम, केरल के शंगुमुगम बीच पर शानदार परिचालन प्रदर्शन (Operational Demonstration) के साथ किया जा रहा है।

क्या आप जानते हैं? 

  • भारतीय नौसेना एक आधुनिक ब्लू-वॉटर फोर्स के रूप में कार्य करती है, जिसमें 67,000 से अधिक कर्मी और लगभग 150 जहाज़ व पनडुब्बियाँ शामिल हैं। 
  • 1972 से पहले नौसेना दिवस कई बार बदला गया था—प्रथम  बार इसे रॉयल नेवी के ट्राफलगर डे (21 अक्टूबर) पर मनाया गया, फिर 1 दिसंबर को और बाद में 15 दिसंबर को।

Source: AIR

द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स लैंड एंड वाटर रिसोर्सेज फॉर फूड एंड एग्रीकल्चर (SOLAW   2025)

पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण

समाचार में 

  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने हाल ही में द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स लैंड एंड वाटर रिसोर्सेज फॉर फूड एंड एग्रीकल्चर (SOLAW 2025) जारी किया है।

द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स लैंड एंड वाटर रिसोर्सेज फॉर फूड एंड एग्रीकल्चर (SOLAW)

  • यह FAO की भूमि और जल प्रबंधन पर प्रमुख रिपोर्ट है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास हासिल करने के लिए सतत उपयोग को बढ़ावा देना है।
  • सर्वप्रथम 2011 में प्रकाशित हुई, यह वैज्ञानिक ज्ञान को संचार और जनसंपर्क से जोड़ती है ताकि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नीतिनिर्माण को सुसंगत दिशा मिल सके।
  • परिदृश्य स्तर पर सतत भूमि, मृदा और जल प्रबंधन की प्रवृत्तियों की जाँच करके SOLAW, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन पर FAO के कार्य को सुदृढ़ करता है।

नवीनतम निष्कर्ष

  • रिपोर्ट चेतावनी देती है कि वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए कृषि को 2050 तक 50% अधिक खाद्य उत्पादन करना होगा, लेकिन इससे पहले से ही दबावग्रस्त भूमि, मृदा और जल संसाधनों पर और अधिक दबाव पड़ेगा।
  • 1964 से अब तक उत्पादन तीन गुना हो गया है, मुख्यतः तीव्रता (Intensification)—उच्च उपज वाली फसलें, सिंचाई और तकनीक—के माध्यम से, जबकि कृषि भूमि केवल 8% बढ़ी है।
  • कृषि अब पृथ्वी की एक-तिहाई भूमि को कवर करती है और वैश्विक स्वच्छ जल का 72% उपयोग करती है, जिससे जल संकट, भूजल का अत्यधिक दोहन और 1.6 अरब हेक्टेयर से अधिक भूमि का क्षरण हुआ है, जिनमें से अधिकांश कृषि भूमि है।
  • यह चक्र—क्षतिग्रस्त मृदा, घटते जल संसाधन और वनों की कटाई—कृषि की नींव को कमजोर कर रहा है तथा खाद्य प्रणाली की लचीलापन (Resilience) को घटा रहा है।

सुझाव

  • रिपोर्ट के अनुसार कि विस्तार अब संभव नहीं है; भविष्य की उपलब्धियाँ सतत तीव्रता (Sustainable Intensification) से ही आनी चाहिए—उपज अंतर को कम करना, लचीली फसलों में विविधता लाना और संसाधन-कुशल, स्थानीय रूप से अनुकूलित प्रथाओं को अपनाना।
  • एकीकृत प्रणालियाँ जैसे एग्रोफॉरेस्ट्री, रोटेशनल ग्रेज़िंग, फॉरेज सुधार और धान-मछली खेती को उन मार्गों के रूप में रेखांकित किया गया है जो 2085 तक 10.3 अरब लोगों को भोजन उपलब्ध करा सकती हैं, साथ ही पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा भी कर सकती हैं।

Source :DTE

डॉ राजेंद्र प्रसाद

पाठ्यक्रम: GS1/ प्रसिद्ध व्यक्तित्व

संदर्भ

  •  भारत के राष्ट्रपति ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  •  जन्म: उनका जन्म 1884 में बिहार के सीवान ज़िले में हुआ था। 
  • शिक्षा: उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज, कलकत्ता में स्नातक की पढ़ाई की।
    • 1915 में उन्होंने ऑनर्स के साथ मास्टर ऑफ लॉ (LLM) पूरा किया।

स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका

  • चंपारण सत्याग्रह (1917): गांधीजी के आह्वान पर वे चंपारण पहुँचे।
    • यह उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था जिसने उन्हें राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रेरित किया।
  • असहयोग आंदोलन (1920–22): उन्होंने अपनी सफल वकालत छोड़ दी और 1921 में पटना में नेशनल कॉलेज की स्थापना की।
    • चौरी-चौरा घटना के बाद वे गांधीजी के साथ दृढ़ता से खड़े रहे।
  • नमक सत्याग्रह (1930): उन्होंने बिहार में पटना के नक्खास तालाब पर नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जहाँ स्वयंसेवकों ने नमक बनाया और गिरफ्तारी दी।
  • कांग्रेस अध्यक्ष: उन्होंने 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के बंबई अधिवेशन की अध्यक्षता की।
    • 1939 में सुभाष चंद्र बोस के कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने के बाद वे अध्यक्ष चुने गए।
    • जुलाई 1946 में जब भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन हुआ, तो वे इसके अध्यक्ष चुने गए।
    • उन्हें 1962 में उनके उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

संविधान सभा की समितियाँ जिनकी अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद ने की

  • कार्यविधि समिति 
  • संचालन समिति
  • वित्त और स्टाफ समिति
  • राष्ट्रीय ध्वज पर अस्थायी समिति 

साहित्यिक योगदान 

  • उन्होंने अपने अनुभवों और राजनीतिक विचारों को कई प्रभावशाली कृतियों में दर्ज किया:
    • सत्याग्रह एट चंपारण (1922)
    • इंडिया डिवाइडेड (1946)
    • आत्मकथा (1946)
    • महात्मा गांधी एंड बिहार, सम रेमिनिसेन्सेस (1949)
    • बापू के कदमों में (1954)

Source: PIB

 

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