नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA)
पाठ्यक्रम: GS2/ वैधानिक निकाय
समाचार में
- हाल ही में एक प्रमुख भारतीय एयरलाइन द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानों की रद्दीकरण के कारण से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने नए लागू किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों से एक बार की छूट प्रदान की।
- ये नियम पायलटों की थकान को रोकने के लिए बनाए गए हैं, जिनमें अधिकतम ड्यूटी घंटों को सीमित करना और पर्याप्त विश्राम अवधि को अनिवार्य करना शामिल है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के बारे में
- अवलोकन: DGCA भारत का वैधानिक नागरिक उड्डयन नियामक है, जिसका दायित्व विमानन सुरक्षा, एयरवर्थिनेस और वैश्विक विमानन मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करना है।
- स्थापना: इसे 1927 में एक सरकारी संगठन के रूप में बनाया गया था। 2020 में विमान अधिनियम में संशोधन के बाद यह एक वैधानिक निकाय बन गया।
- प्रशासनिक नियंत्रण: यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) के अंतर्गत कार्य करता है।
- उद्देश्य: सक्रिय सुरक्षा निरीक्षण, सुदृढ़ नियामक ढाँचे और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) मानकों के अनुरूपता के माध्यम से सुरक्षित, कुशल एवं विश्वसनीय हवाई परिवहन को बढ़ावा देना।
Source: AIR
गोल्डीलॉक्स अर्थव्यवस्था
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
समाचार में
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो दर को घटाकर 5.25% कर दिया है, जबकि गवर्नर ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक दुर्लभ गोल्डीलॉक्स क्षण को रेखांकित किया।
गोल्डीलॉक्स अर्थव्यवस्था चरण क्या है?
गोल्डिलॉक्स अर्थव्यवस्था एक ऐसी आदर्श आर्थिक स्थिति है जो “बिल्कुल सही” होती है, न तो अधिक महंगाई के साथ ओवरहीटिंग होती है और न ही मंदी में जाती है, बल्कि इसमें स्थिर ग्रोथ, कम महंगाई एवं कम बेरोज़गारी होती है।
RBI इसे गोल्डीलॉक्स चरण क्यों कहता है?
- खुदरा मुद्रास्फीति 4% लक्ष्य से काफी नीचे गिर गई है और 2–6% बैंड के निम्न स्तर के आसपास बनी हुई है।
- साथ ही, वास्तविक GDP वृद्धि लगभग 8% पर सुदृढ़ बनी हुई है, भले ही वैश्विक परिस्थितियाँ कमजोर हों और उच्च शुल्क तथा मुद्रा दबाव जैसी बाहरी चुनौतियाँ विद्यमान हों।
Source: FE
सरकार अपने सार्वजनिक संचार ढांचे को सुव्यवस्थित करेगी
पाठ्यक्रम: GS2/शासन
संदर्भ
केंद्र ने अपने सूचना नेटवर्क को पुनर्गठित करना शुरू कर दिया है, जिसमें मानव संसाधनों के पुनर्गठन से लेकर तकनीकी अवसंरचना को सुदृढ़ करने तक के उपाय शामिल हैं।
परिचय
- सरकार मीडिया संचार पर एक बोर्ड स्थापित कर सकती है, जिसे स्थानांतरण और पदस्थापन से संबंधित निर्णयों की देखरेख की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।
- भारतीय सूचना सेवा (IIS) के पुनर्गठन पर विचार किया जा रहा है।

भारतीय सूचना सेवा (IIS) के बारे में
- IIS केंद्रीय सिविल सेवा है, जो सरकार की कार्यकारी शाखा की केंद्रीय सिविल सेवाओं के समूह A और समूह B के अंतर्गत आती है।
- भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी सरकार के मीडिया प्रबंधक होते हैं।
- कार्य: वे सरकार एवं जनता के बीच एक महत्वपूर्ण संचार कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, सूचना प्रसारित करके और विभिन्न सरकारी नीतियों एवं योजनाओं को जनता तक पहुँचाकर।
- वे सरकार को नीतिगत निर्माण के लिए मूल्यवान प्रतिक्रिया भी एकत्रित और प्रदान करते हैं।
- अधिकांश IIS अधिकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली विभिन्न मीडिया इकाइयों में कार्य करते हैं, जैसे डीडी न्यूज़, ऑल इंडिया रेडियो, प्रेस सूचना ब्यूरो आदि।
Source: TH
खुले बाज़ार परिचालन (OMO)
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने प्रणाली में स्थायी तरलता डालने के उपायों की घोषणा की है, जिसमें खुले बाजार परिचालन (OMO) के माध्यम से ₹1,00,000 करोड़ मूल्य के सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और $5 बिलियन USD/INR बाय-सेल स्वैप शामिल है।
खुले बाजार परिचालन (OMO) के बारे में
- यह एक प्रमुख मौद्रिक नीति उपकरण है जिसके माध्यम से RBI बैंकिंग प्रणाली में तरलता को विनियमित करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियाँ खरीदता या बेचता है।
- OMO खरीद तरलता डालती है, क्योंकि RBI बैंकों को प्रतिभूतियों के लिए भुगतान करता है।
- OMO बिक्री तरलता को अवशोषित करती है, क्योंकि बैंक RBI को भुगतान करते हैं।

ऑपरेशन ट्विस्ट
- ऑपरेशन ट्विस्ट केंद्रीय बैंकों की एक मौद्रिक नीति है जिसका उपयोग ब्याज दरों को कम करने और किसी देश में निवेश को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
- RBI ने इस नीति को भारत में 2019 और 2020 में लागू किया। इस ऑपरेशन के अंतर्गत RBI ने सरकारी प्रतिभूतियों की यील्ड को मोड़कर बाजारों में तरलता लाने का प्रयास किया।
- यह खुले बाजार परिचालन (OMOs) के माध्यम से अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार की सरकारी प्रतिभूतियों की एक साथ खरीद एवं बिक्री करके किया जाता है।
- ऑपरेशन ट्विस्ट का सर्वप्रथम उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल रिज़र्व ने 1961 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए किया था। यह तंत्र अल्पकालिक दरों को बढ़ाकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य करता था।
Source :TH
फिनफ्लुएंसर्स
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
समाचार में
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपंजीकृत वित्तीय प्रभावकारों (“फिनफ्लुएंसर्स”) के विरुद्ध नियामक कार्रवाई की है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर बाजार सलाह, ट्रेडिंग रणनीतियाँ एवं शोध सामग्री प्रदान करते हैं।
फिनफ्लुएंसर्स पर SEBI दिशानिर्देश
- कोई भी व्यक्ति जो निवेश परामर्श या शोध विश्लेषण प्रदान करता है, उसे SEBI विनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत होना आवश्यक है।
- फिनफ्लुएंसर्स गारंटीकृत रिटर्न का वादा नहीं कर सकते, अप्रमाणित “सफलता की कहानियाँ” प्रचारित नहीं कर सकते, भ्रामक लाभ के स्क्रीनशॉट आदि नहीं दे सकते।
- दलालों और म्यूचुअल फंड वितरकों को अपंजीकृत फिनफ्लुएंसर्स के साथ साझेदारी करने से प्रतिबंधित किया गया है।
SEBI के बारे में
- स्थापना: SEBI अधिनियम के माध्यम से 1992 में एक वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित।
- उद्देश्य: प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना और निवेशकों की सुरक्षा करना।\
Source: FE
इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs)
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (RIIT) को एक सार्वजनिक अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (InvIT) के रूप में पंजीकरण हेतु सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।
अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (InvITs) के बारे में
- एक InvIT म्यूचुअल फंड की तरह कार्य करता है, लेकिन इक्विटी में निवेश करने के बजाय यह राजस्व उत्पन्न करने वाली अवसंरचना परिसंपत्तियों (जैसे टोल रोड) में निवेश करता है।
- InvITs प्रायोजकों द्वारा बनाए जाते हैं, जो सामान्यतः अवसंरचना कंपनियाँ या प्राइवेट इक्विटी फर्म होती हैं।
- प्रायोजक पात्र अवसंरचना परिसंपत्तियों का स्वामित्व एक ट्रस्ट को हस्तांतरित करते हैं।
- InvITs का संचालन SEBI (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स) विनियम, 2014 के अंतर्गत किया जाता है।
Source: BS
हरिमाउ शक्ति अभ्यास
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
समाचार में
भारत और मलेशिया ने राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास हरिमाउ शक्ति 2025 के 5वें संस्करण की शुरुआत की है।
परिचय
- यह भारतीय सेना और मलेशियाई सेना के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं को जंगल युद्ध, जवाबी कार्रवाई अभियानों, अर्ध-शहरी युद्ध और भविष्य के मिशनों में सुगम सहयोग हेतु प्रशिक्षित करना है।
- यह अभ्यास 2012 में शुरू हुआ था और नियमित रूप से आयोजित किया जाता है, जिससे रक्षा संबंध सुदृढ़ होते हैं।
Source: AIR
DRDO का नया रॉकेट-स्लेड इजेक्शन टेस्ट
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
समाचार में
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नियंत्रित वेग पर लड़ाकू विमान के एस्केप सिस्टम का सफल उच्च-गति रॉकेट-स्लेड परीक्षण किया। यह तकनीकी उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है जिनके पास उन्नत इन-हाउस एस्केप सिस्टम टेस्टिंग क्षमता है।
क्या आप जानते हैं?
रॉकेट स्लेड एक ग्राउंड-बेस्ड टेस्टिंग सिस्टम है, जिसे रॉकेट द्वारा संचालित किया जाता है ताकि यह रेल ट्रैक पर चलते हुए उच्च गति प्राप्त कर सके और उड़ान में विमान की वायुगतिकीय परिस्थितियों का अनुकरण कर सके।
उच्च-गति रॉकेट-स्लेड परीक्षण
- यह परीक्षण रक्षा मंत्रालय की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया गया।
- इसे चंडीगढ़ स्थित DRDO की प्रमुख सुविधा टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (RTRS) केंद्र में संपन्न किया गया।
- रॉकेट-संचालित डुअल-स्लेड सिस्टम का उपयोग करते हुए विमान के अग्रभाग को 800 किमी/घंटा की गति तक पहुँचाया गया ताकि वास्तविक उड़ान परिस्थितियों का पुनरुत्पादन किया जा सके और कैनोपी सेवरेंस तथा इजेक्शन सीक्वेंसिंग जैसे जटिल, मिलीसेकंड-सटीक तंत्रों का आकलन किया जा सके।
- सेंसर लगे डमीज़ ने उन अत्यधिक बलों को मापा जिनका सामना पायलट आपात स्थितियों में करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रणाली वैश्विक सुरक्षा मानकों को पूरा करती है।
स्वदेशी पायलट सुरक्षा परीक्षणों का सामरिक महत्व
- लड़ाकू विमान एस्केप सिस्टम के भारत के सफल स्वदेशी परीक्षण ने एक बड़ी सामरिक छलांग को चिह्नित किया है, जिससे विदेशी सुविधाओं पर निर्भरता कम हुई है और लागत पहले के स्तर की तुलना में बहुत कम हो गई है।
- नया इन-हाउस डायनेमिक इजेक्शन-टेस्टिंग सेटअप वर्तमान और भविष्य के विमानों के लिए तेज़ डिज़ाइन, प्रमाणन एवं उन्नयन को सक्षम बनाता है, जबकि इंस्ट्रूमेंटेड डमीज़ का उपयोग कर किए गए उन्नत सिमुलेशन पायलट सुरक्षा की समझ में सुधार करते हैं।
- नव-विकसित अवसंरचना उच्च-गति, सटीक परीक्षण क्षमताएँ प्रदान करती है और महत्वपूर्ण एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में भारत की आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करती है।
Source: TH
प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना
पाठ्यक्रम: GS2/शासन; GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
समाचार में
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) योजना के अंतर्गत विकसित सात प्रौद्योगिकियाँ तीनों सेनाओं को सौंप दी हैं।
टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TDF) योजना
- यह रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे DRDO द्वारा मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत लागू किया जाता है।
- इसका उद्देश्य वर्तमान उत्पादों/प्रणालियों, प्रक्रियाओं और उनके अनुप्रयोगों को उन्नत करने के लिए वित्तीय सहायता एवं विशेषज्ञता प्रदान करना है।
- यह उत्पादन लागत को कम करने, कार्यक्षमता और गुणवत्ता में सुधार करने, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने तथा रक्षा अनुप्रयोगों वाली भावी प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रोत्साहित करता है।
Source: PIB