EEZ में मत्स्य पालन के सतत दोहन के नियम

पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण

समाचार में 

  • भारत सरकार ने नई गहरे समुद्री मत्स्य पालन नियमावली, 2025 अधिसूचित की है, जिसका उद्देश्य समृद्ध और समावेशी ब्लू इकॉनमी की परिकल्पना को साकार करना तथा भारत की 11,099 किमी लंबी तटरेखा और विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की विशाल क्षमता को उजागर करना है।

नियमों की मुख्य विशेषताएँ 

  • मछुआरों और सहकारी समितियों को सशक्त बनाना: गहरे समुद्री मत्स्य पालन लाइसेंस के लिए उन्नत नौकाओं का उपयोग करने हेतु विशेष प्राथमिकता मछुआरा सहकारी समितियों और फिश फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FFPOs) को दी गई है।
  • विदेशी नौकाओं पर प्रतिबंध: भारत के EEZ में विदेशी मत्स्य नौकाओं का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, ताकि संसाधन संप्रभुता और छोटे पैमाने के मछुआरों की रक्षा की जा सके।
  • मदर-एंड-चाइल्ड नौका मॉडल: भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमों के अंतर्गत मध्य-समुद्र में माल स्थानांतरण सक्षम करने हेतु यह मॉडल प्रस्तुत किया गया है।
    • इसमें बड़ी “मदर” नौकाएँ छोटी “चाइल्ड” नौकाओं को सहयोग देती हैं, जिससे तट पर भीड़ कम होती है, मत्स्य संचालन का विस्तार होता है और दक्षता बढ़ती है।
  • हानिकारक मत्स्य प्रथाओं पर रोक: LED लाइट फिशिंग, पेयर ट्रॉलिंग और बुल ट्रॉलिंग जैसी विधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की जा सके।
  • मत्स्य प्रबंधन और कानूनी उपाय: मछली प्रजातियों के लिए न्यूनतम कानूनी आकार निर्धारित किए जाएँगे और राज्य सरकारों व हितधारकों के परामर्श से फिशरीज मैनेजमेंट प्लान तैयार किए जाएँगे ताकि सतत दोहन सुनिश्चित हो सके।
  • डिजिटल पहुँच और निगरानी: यंत्रीकृत और बड़ी मोटर चालित नौकाओं को ऑनलाइन रियलक्राफ्ट  पोर्टल के माध्यम से निःशुल्क एक्सेस पास लेना आवश्यक होगा।
    • यह पोर्टल मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी और एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल से एकीकृत है।

महत्व 

  • गहरे समुद्री मत्स्य पालन से राजस्व में वृद्धि और निकट-तटीय मत्स्य पालन पर निर्भरता में कमी।
  • सहकारी शासन के माध्यम से तटीय समुदायों को सशक्त बनाना।
  • संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देना और अति-शोषण को रोकना।
  • EEZ में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और समुद्री सुरक्षा को बेहतर करना।
  • “भारतीय मूल(Indian origin)” लेबल के अंतर्गत भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों की वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना।
विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ) के बारे में
कानूनी आधार: 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्र के कानून पर अभिसमय (UNCLOS) के अंतर्गत स्थापित।
सीमा: किसी देश की तटरेखा के आधार रेखा से 200 समुद्री मील तक विस्तारित।
अधिकार: किसी राष्ट्र को अपने EEZ में प्राकृतिक संसाधनों (जीवित और निर्जीव) की खोज, दोहन, संरक्षण और प्रबंधन के लिए संप्रभु अधिकार प्राप्त होते हैं।
– महत्व: EEZ समुद्री संसाधनों की सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और रणनीतिक समुद्री हितों को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Source: TH

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS1/स्थान /GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध समाचार में  भारत ने ताजिकिस्तान में स्थित आयनी एयरबेस पर अपने संचालन को बंद कर दिया है। यह एक प्रमुख विदेशी सुविधा थी, जिसने मध्य एशिया में भारत को रणनीतिक प्रभाव प्रदान किया था। आयनी एयरबेस  यह एयरबेस मूल रूप से सोवियत युग के दौरान बनाया गया था, लेकिन सोवियत संघ...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था समाचार में  समाज का भोजन के प्रति दृष्टिकोण परिवर्तित हो रहा है, तथा आगामी बड़ा परिवर्तन कार्यात्मक खाद्य पदार्थों और स्मार्ट प्रोटीन पर केंद्रित है, जो बेहतर स्वास्थ्य एवं स्थिरता को बढ़ावा देते हैं। कार्यात्मक खाद्य पदार्थ (Functional Foods)  ये ऐसे समृद्ध खाद्य पदार्थ हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं या रोगों...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था संदर्भ 2016 में सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद से जनता के पास मौजूद मुद्रा दोगुने से भी अधिक हो गई है। नोटबंदी (Demonetisation)  प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की। इसमें कहा गया कि सभी मौजूदा ₹500 और ₹1,000 के नोट, जो प्रचलन में कुल मुद्रा का लगभग...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/अन्तरिक्ष समाचार में  भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान और नासा के वैज्ञानिकों ने प्रथम बार सूर्य की सतह के निकट दृश्य तरंगदैर्ध्य सीमा में कोरोनल मास इजेक्शन (CME) का स्पेक्ट्रोस्कोपिक अवलोकन किया है। यह अवलोकन आदित्य-एल1 पर लगे VELC पेलोड का उपयोग करके किया गया। आदित्य-एल1 (Aditya-L1)  यह भारत का प्रथम अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला है,...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/कृषि संदर्भ हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने चिंताजनक प्रमाण प्रस्तुत किए हैं कि अवैज्ञानिक उर्वरक उपयोग और जलवायु परिवर्तन भारत की कृषि योग्य मृदा में कार्बनिक कार्बन के गंभीर क्षरण का कारण बन रहे हैं। मुख्य निष्कर्ष  असंतुलित उर्वरक उपयोग: अध्ययन में पाया गया कि असंतुलित और अत्यधिक उर्वरक उपयोग...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/कृषि/कृत्रिम बुद्धिमत्ता संदर्भ  विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) ने उद्योग और अकादमिक जगत के हितधारकों के सहयोग से एक नई अंतर्दृष्टि रिपोर्ट ‘कृषि में डीप-टेक क्रांति को आकार देना’ जारी की है। परिचय रिपोर्ट ने सात डीप-टेक क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें कृषि परिवर्तन को आगे बढ़ाने की क्षमता है: जनरेटिव एआई...
Read More

चित्तरंजन दास पाठ्यक्रम: GS1/ व्यक्तित्व समाचार में  लोकसभा ने स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। चित्तरंजन दास (1870 – 1925) के बारे में  परिचय : वे लोकप्रिय रूप से “देशबंधु (राष्ट्र के मित्र)” के नाम से जाने जाते थे और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राष्ट्रवादी नेता, वकील,...
Read More
scroll to top