वैश्विक श्रम बाजार एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, और यह स्पष्ट है कि 2030 में आवश्यक कौशल वर्तमान की आवश्यकता से काफी अलग होंगे। यह भारत के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है।
म्यांमार में हाल की राजनीतिक अस्थिरता तथा भारत में शरणार्थियों के आगमन, विशेषकर म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में, के कारण पहले से ही कमजोर सीमा प्रबंधन एवं सुरक्षा ढाँचे पर दबाव पड़ा है।
भारत में डिजिटल कंटेंट की सेंसरशिप ने व्यापक स्तर पर विमर्श की स्थिति उत्पन्न कर दी है, विशेषकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, स्ट्रीमिंग सेवाओं और स्वतंत्र पत्रकारिता के उदय के साथ।
हाल के दिनों में, हमारी संवैधानिक न्यायालयों ने 'संवैधानिक नैतिकता' की बहुआयामी अवधारणा को व्याख्या करने के एक उपकरण के रूप में तथा कानूनों की संवैधानिक वैधता पर निर्णय देने के एक परीक्षण के रूप में अपनाया है।
भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संसद में हाल ही में हुई चर्चाओं में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि स्थानीय शासन को मजबूत बनाने की दिशा में प्रगति रुक गई है।
महत्त्वपूर्ण विनिर्माण उपकरणों के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों और भारतीय संयंत्रों से चीनी इंजीनियरों एवं तकनीशियनों को वापस बुलाने से आपूर्ति शृंखलाओं के चीन के रणनीतिक शस्त्रीकरण पर प्रकाश पड़ा है। इससे गंभीर चिंता उत्पन्न होती है, क्योंकि चीन भू-राजनीतिक प्रभाव डालने के लिए इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति शृंखलाओं में अपने प्रभुत्व का लाभ उठा रहा है।
भारत एवं फ्रांस आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग पर आधारित एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, जिसकी पुष्टि प्रधानमंत्री मोदी की हालिया फ्रांस यात्रा के दौरान हुई।
एक विश्लेषण से पता चलता है कि केवल तीन राज्यों - महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा - ने वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन (CFR) अधिकारों को मान्यता देने में उल्लेखनीय प्रगति की है। संपूर्ण भारत में अधिकांश वन-निवासी समुदाय अभी भी इन अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में प्रारंभ हुए व्यापार युद्धों और व्यापार शस्त्रीकरण की व्यापक प्रवृत्ति के कारण वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया है। इन उपायों का वैश्विक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर दूरगामी प्रभाव पड़ा है।