RBI के तरलता इंजेक्शन उपाय

पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था

समाचार में

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग प्रणाली में संकुचन को दूर करने के लिए बढ़ी हुई तरलता उपायों की घोषणा की है।

उठाए गए कदम

  • स्वैप नीलामी: RBI 5 बिलियन डॉलर मूल्य की छह महीने की USD/INR खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी आयोजित करेगा, जिसका प्रथम चरण 31 जनवरी, 2025 को होगा।
    • इसमें बैंक RBI को रुपया फंड के बदले में अमेरिकी डॉलर बेचेंगे, जिसे छह महीने बाद प्रीमियम के साथ वापस किया जाएगा। 
  • OMO ​​खरीद: RBI 30 जनवरी, 13 फरवरी और 20 फरवरी, 2025 को 20,000 करोड़ रुपये के तीन चरणों में कुल 60,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों (G-Sec) की ओपन मार्केट ऑपरेशन (OMO) खरीद नीलामी आयोजित करेगा। 
  • VRR नीलामी: 50,000 करोड़ रुपये के लिए 56-दिवसीय परिवर्तनीय दर रेपो (VRR) नीलामी आयोजित की जाएगी।
    • यह पहली बार है जब इतनी लंबी अवधि की VRR नीलामी आयोजित की जा रही है।

आवश्यकता एवं उद्देश्य

  • इन उपायों से बैंकिंग प्रणाली में 30 जनवरी से 20 फरवरी, 2025 तक चरणबद्ध तरीके से लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये डाले जाने की संभावना है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में तरलता की कमी को दूर करने के लिए बहुत आवश्यक टिकाऊ तरलता उपलब्ध होगी।
    • रुपये के तेज अवमूल्यन और सरकारी व्यय में कमी के कारण तरलता की कमी और बढ़ गई। 
  • RBI की कार्रवाई कर बहिर्वाह और सीमित सरकारी व्यय के कारण तरलता की तंगी के जवाब में है, जिसमें तरलता घाटा 3 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।

चुनौतियाँ

  • सरकार द्वारा अधिक उधार लेने और अधिशेष नकदी का निवेश करने से तरलता प्रबंधन प्रभावित हो सकता है, जिससे नकदी की अधिशेष या घाटे की स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है। 
  • इस कमज़ोर नकदी प्रबंधन के कारण RBI के ऋण प्रबंधन, तरलता और समग्र मौद्रिक नीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

सुझाव और आगे की राह

  • अधिशेष/घाटे की नकदी स्थितियों के बीच निरंतर राजकोषीय असंतुलन को मौद्रिक एवं तरलता प्रबंधन पर नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए RBI और सरकार के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता है।
  • RBI आर्थिक स्थिरता का समर्थन करने के लिए चुस्त और लचीले तरलता प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है।
  • हाल के उपाय वित्तीय स्थितियों को स्थिर करने के लिए बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए RBI के सक्रिय दृष्टिकोण को प्रकट करते हैं।
  • RBI उभरती हुई तरलता एवं बाजार स्थितियों की निगरानी करेगा, और प्रणाली में व्यवस्थित तरलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार उपायों को समायोजित करेगा।

Source :TH

 

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