पाठ्यक्रम: GS2/शासन
समाचार में
- हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा ‘भारत में अपराध 2023’ रिपोर्ट प्रकाशित की गई।
मुख्य निष्कर्ष
- कुल अपराध प्रवृत्तियाँ: भारत में 62.4 लाख संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 7.2% की वृद्धि है।
- इनमें से 37.6 लाख अपराध भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत और 24.8 लाख विशेष एवं स्थानीय कानूनों (SLL) के अंतर्गत दर्ज किए गए।
- राष्ट्रीय अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 422.2 से बढ़कर 448.3 हो गई।
- महानगरीय शहरों में अपराध 10.6% बढ़कर 9.44 लाख मामलों तक पहुँच गया, जिसमें चोरी 44.8% के साथ सबसे अधिक रही, इसके पश्चात लापरवाह ड्राइविंग (9.2%) और सार्वजनिक मार्गों में बाधा (8.1%) रही।
- अपराध के बदलते स्वरूप: परंपरागत हिंसक अपराधों जैसे बलात्कार और दहेज मृत्यु में गिरावट देखी गई।
- साइबर अपराधों और शहरी अपराधों में वृद्धि हुई, जो सामाजिक, तकनीकी और जीवनशैली में परिवर्तन को दर्शाती है।
- साइबर अपराधों में 31.2% की तीव्र वृद्धि हुई, कुल 86,420 मामलों में से लगभग 69% ऑनलाइन धोखाधड़ी से संबंधित थे।
- कर्नाटक ने सबसे अधिक साइबर अपराध मामले दर्ज किए (21,889), इसके पश्चात तेलंगाना (18,236) और उत्तर प्रदेश (10,794) रहे।
- अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराध: अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराधों में 28.8% की वृद्धि हुई, जो 2022 में 10,064 से बढ़कर 2023 में 12,960 हो गए।
- महिलाओं के विरुद्ध अपराध: महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 0.4% की मामूली वृद्धि हुई, जिनमें अधिकांश मामले पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (29.8%), अपहरण (19.8%) एवं हमला (18.7%) से संबंधित थे।
सुझाव
- ‘भारत में अपराध 2023’ रिपोर्ट यह दर्शाती है कि अपराध के बदलते स्वरूप, विशेष रूप से डिजिटल क्षेत्र में, त्वरित सुधारों की आवश्यकता है।
- प्रमुख नीति सिफारिशों में शामिल हैं:
- साइबर अपराध अवसंरचना को मजबूत करना, डिजिटल फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में निवेश और जन जागरूकता अभियान।
- रिपोर्टिंग तंत्र को बेहतर बनाना, जिसमें गुमनाम चैनल और पीड़ित सहायता शामिल हो।
- पुलिस को लैंगिक संवेदनशीलता और बाल-अनुकूल प्रोटोकॉल में प्रशिक्षण देना।
- इसके अतिरिक्त, अपराध वर्गीकरण को मानकीकृत करने, राष्ट्रीय अपराध विश्लेषण डैशबोर्ड के माध्यम से अंतर-राज्यीय समन्वय को बढ़ाने, और साइबर व लैंगिक अपराधों के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों के माध्यम से न्यायिक प्रक्रियाओं को तीव्र करने की आवश्यकता बताई गई है।
| NCRB के बारे में स्थापना: – 1986 में टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-81), और गृह मंत्रालय कार्यबल (1985) की सिफारिशों पर। – मूल मंत्रालय: गृह मंत्रालय (MHA)। – कार्य: अपराध और अपराधियों के डेटा का राष्ट्रीय भंडार के रूप में कार्य करता है। अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम(CCTNS) का प्रबंधन करता है। – तीन प्रमुख रिपोर्ट प्रकाशित करता है: 1. भारत में अपराध (Crime in India) 2. आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याएं (Accidental Deaths & Suicides) 3. जेल सांख्यिकी (Prison Statistics) |
Source :HT