पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100% आयात टैरिफ की घोषणा की है, जिसमें सभी हेवी-ड्यूटी ट्रकों पर 25% और किचन कैबिनेट्स पर 50% शुल्क शामिल है।
परिचय
- छूट: यूरोपीय संघ (EU) और जापान को विशेष व्यापार समझौतों के अंतर्गत 15% टैरिफ सीमा का लाभ मिलता है, जो अधिकांश वस्तुओं पर टैरिफ को सीमित करता है, जिनमें दवाएं भी शामिल हैं।
- जो कंपनियाँ अमेरिका में फार्मास्युटिकल प्लांट स्थापित कर रही हैं, उन्हें छूट दी गई है, बशर्ते निर्माण कार्य शुरू हो चुका हो या प्रगति पर हो।
- उच्च जोखिम: यू.के., स्विट्ज़रलैंड और सिंगापुर जैसे ब्रांडेड दवा निर्माण के प्रमुख केंद्रों को 100% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अमेरिकी बाजार में उनके उत्पादों की लागत काफी बढ़ सकती है।

| व्यापार समझौतों से संरक्षित देश – EU समझौता: जुलाई 2025 में अंतिम रूप दिया गया और सितंबर के अंत में पुनः पुष्टि किया गया यह ढांचा समझौता अधिकांश EU वस्तुओं पर 15% आधार शुल्क निर्धारित करता है, जिनमें दवाएं भी शामिल हैं। EU ने अमेरिका से $750 बिलियन की ऊर्जा खरीदने और $600 बिलियन का निवेश करने का भी वादा किया है। – जापान समझौता: इसी तरह का एक समझौता अधिकांश वस्तुओं पर टैरिफ को 15% तक सीमित करता है। जापान ने ऊर्जा, सेमीकंडक्टर्स, क्रिटिकल मिनरल्स और फार्मास्युटिकल्स जैसे रणनीतिक अमेरिकी क्षेत्रों में $550 बिलियन निवेश करने का संकल्प लिया है। |
अमेरिकी फार्मा उद्योग पर प्रभाव
- घरेलू निर्माण को प्रोत्साहन: यह टैरिफ अमेरिका में ब्रांडेड दवाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे घरेलू आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ हो सकती है।
- उद्योग को आयातित इनपुट्स की उच्च लागत, कुछ दवाओं की संभावित कमी और नवाचार में मंदी का सामना करना पड़ सकता है यदि संसाधनों को अनुसंधान से हटाकर अनुपालन और उत्पादन समायोजन को प्राथमिकता दी जाए।
- फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरर्स ऑफ अमेरिका (PhRMA) ने चेतावनी दी है कि ये शुल्क मरीजों की लागत बढ़ा सकते हैं, जबकि आपूर्ति श्रृंखला की मूल समस्याओं का समाधान नहीं करते।
भारत के फार्मा क्षेत्र पर प्रभाव
- लाभ: भारत अमेरिका को प्रत्येक वर्ष $10.5 बिलियन से अधिक मूल्य की दवा निर्माण सामग्री निर्यात करता है, मुख्यतः जेनेरिक दवाएं, जो अमेरिका में 90% प्रिस्क्रिप्शन का हिस्सा हैं लेकिन व्यय का केवल 13%।
- चूंकि वर्तमान टैरिफ केवल ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर लागू होते हैं, भारत की जेनेरिक दवाएं सीधे प्रभावित नहीं होतीं।
- आगामी जोखिम: यदि टैरिफ का विस्तार जेनेरिक दवाओं, बायोसिमिलर्स या सक्रिय फार्मास्युटिकल घटकों (APIs) तक होता है, तो भारत को गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

आगे की राह
- विश्व के लिए यह कदम एक संकेत है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तंत्र को अब नई राजनीतिक वास्तविकताओं के अनुसार पुनः आकार दिया जा रहा है।
- जो देश अमेरिकी मांग पर अत्यधिक निर्भर हैं, उन्हें अब अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने और वैकल्पिक व्यापार गठबंधनों को सुदृढ़ करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
Source: TH
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