सरकार का लक्ष्य अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भागीदारी में 10% तक वृद्धि

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था

संदर्भ 

  • संघीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने कहा है कि सरकार 2047 तक देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के योगदान को 10% तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत का पर्यटन क्षेत्र: मुख्य विशेषताएँ 

  • भारत का पर्यटन क्षेत्र, जो विरासत, संस्कृति एवं विविधता से समृद्ध है, वैश्विक पसंदीदा बनकर उभर रहा है और आर्थिक वृद्धि का प्रमुख चालक बन रहा है। 
  • वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था $4 ट्रिलियन है, जो 2047 तक $32 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है। 
  • वर्तमान में पर्यटन का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में 5–6% है। 
  • लक्ष्य है कि 2047 तक पर्यटन का योगदान 10% हो — जो वैश्विक मानकों के अनुरूप है। 
  • भारत ने 2023 में विश्व पर्यटन प्राप्तियों में 1.8% हिस्सा प्राप्त किया और विश्व पर्यटन प्राप्तियों में 14वाँ स्थान प्राप्त किया। 
  • अनुमानित वृद्धि: पर्यटन क्षेत्र की वार्षिक संयोजित वृद्धि दर (CAGR) 24% रहने की संभावना है। 
  • आध्यात्मिक पर्यटन: भारत का प्रत्येक राज्य विविध और अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव प्रस्तुत करता है। 
  • सतत विकास पर ध्यान: पर्यटन वृद्धि के साथ-साथ सतत पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।

भारत में प्रस्तावित पर्यटन के प्रकार 

  • उत्तर में हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं और दक्षिण में तीन समुद्रों से घिरे विस्तृत तटों के बीच भारत ऐतिहासिक स्थलों, शाही नगरों, स्वर्णिम समुद्री तटों, पर्वतीय शरणस्थलों, समृद्ध संस्कृतियों और उत्सवों से भरपूर है।
  • रोमांचक पर्यटन: इसमें दूरस्थ स्थानों और अद्वितीय क्षेत्रों की खोज एवं विभिन्न गतिविधियों में भागीदारी शामिल है।
    • भारत में रोमांचक पर्यटन के लिए पर्यटक लद्दाख, सिक्किम और हिमालय में ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं।
  • आध्यात्मिक पर्यटन: भारत के धर्मों, संस्कृतियों और भाषाओं की विविधता अद्वितीय एवं अनुपम है जो आध्यात्मिकता को बढ़ावा देती है।
  • समुद्र तटीय पर्यटन: भारत के विशाल तटों और द्वीपों में पर्यटन के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं।
    • केरल, गोवा, अंडमान एवं निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप द्वीप पर्यटकों को वर्ष भर आकर्षित करते हैं।
  • सांस्कृतिक पर्यटन: भारत अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और रहस्यात्मकता के लिए जाना जाता है, जिससे पर्यटक इसे स्वयं अनुभव करने आते हैं।
    • भारत में पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले प्रमुख मेले और उत्सव हैं: पुष्कर मेला (राजस्थान), ताज महोत्सव (उत्तर प्रदेश), और सूरज कुंड मेला (हरियाणा)।
  • वन्यजीव पर्यटन: भारत के घने वन क्षेत्रों में दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिससे वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
  • चिकित्सा पर्यटन: पुरे विश्व से पर्यटक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत आते हैं।

चुनौतियाँ

  • बुनियादी ढांचे की कमी: कई पर्यटन स्थलों पर सड़कें खराब हैं, सार्वजनिक परिवहन अपर्याप्त है और सुविधाओं की कमी है।
  • पर्यावरणीय क्षरण: बढ़ता पर्यटन प्रदूषण, संसाधनों का अधिक उपयोग और पारिस्थितिकी तंत्र को हानि पहुँचाता है।
  • मानकीकरण की कमी: होटल, रेस्टोरेंट्स, और टूर ऑपरेटरों सहित सेवाओं में गुणवत्ता की स्थिरता नहीं है।
  • मौसमीता: कई पर्यटन स्थलों पर पीक सीजन में पर्यटकों की अधिक संख्या होती है और ऑफ-सीजन में बहुत कम।
  • प्रचार और विपणन की समस्याएँ: प्रभावी प्रचार रणनीतियाँ कमज़ोर हैं; कम प्रसिद्ध स्थलों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।
  • सांस्कृतिक संवेदनशीलता और प्रबंधन: सांस्कृतिक धरोहर को जिम्मेदारी से संभालना और पर्यटन आवश्यकताओं का संतुलन चुनौतीपूर्ण है।

सरकारी पहलें

  • संपर्क और निवेश बढ़ाना: 2025 के बजट में वित्त मंत्री ने राज्यों के सहयोग से 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकसित करने की पहल की है।
    • इसका उद्देश्य पर्यटन बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना, यात्रा की सुविधा को बढ़ाना और प्रमुख स्थलों से जुड़ाव को सुदृढ़ करना है।
  • स्वदेश दर्शन योजना: यह योजना पूरे देश में थीम-आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए शुरू की गई थी।
    • इसका लक्ष्य विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करना है — सड़कें, सुविधाएँ और संकेतक शामिल हैं।
  • आध्यात्मिक पर्यटन को पुनर्जीवित करना: धार्मिक और विरासत स्थलों के विकास को प्राथमिकता देने की योजना है।
    • PRASHAD योजना प्रमुख तीर्थ स्थलों और विरासत शहरों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती रहेगी।
  • चिकित्सा पर्यटन: “हील इन इंडिया (Heal in India)” पहल को निजी क्षेत्र के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जाएगा।
  • अतिथि देवो भव अभियान: इस पहल में मेहमानों को सम्मान और देखभाल देने की भारतीय परंपरा को बढ़ावा दिया जाता है।
    • इसमें पर्यटन क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल हैं।
  • वीजा सुधार: कई देशों के नागरिकों के लिए ई-वीजा प्रणाली शुरू की गई है जिससे भारत आने की प्रक्रिया आसान हो गई है।
  • सतत पर्यटन के लिए समर्थन: सरकार विभिन्न योजनाओं और दिशानिर्देशों के माध्यम से पर्यावरण-संवेदनशील और जिम्मेदार पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है।
  • 2025-26 के बजट में रोज़गार-आधारित वृद्धि को बढ़ावा देने के उपाय:
    • होमस्टे के लिए MUDRA ऋण प्रदान करना
    • राज्यों को प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन देना — जिसमें पर्यटक सुविधाएँ, सफाई और विपणन प्रयास शामिल हैं
    • कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीज़ा शुल्क माफ करना और ई-वीजा सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना

निष्कर्ष 

  • भारत सरकार पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है — बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने, रोज़गार को बढ़ावा देने और विभिन्न पर्यटन खंडों को विकसित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। 
  • “हील इन इंडिया(Heal in India)” पहल और मेडिकल वैल्यू ट्रैवल क्षेत्र भारत की वैश्विक स्वास्थ्य गंतव्य के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित करते हैं। 
  • ‘सेवा’ एवं ‘अतिथि देवो भव’ की भावना के साथ, भारत अपने पर्यटन परिदृश्य को पुनर्परिभाषित करने और विश्वस्तरीय गंतव्य बनने की दिशा में अग्रसर है।

Source: IE

 

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