पाठ्यक्रम: GS2/ कल्याणकारी योजना
समाचार में
- भारत ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की नौवीं वर्षगांठ मनाई।
PMUY के बारे में
- शुरुआत: 2016 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा प्रारंभ की गई।
- उद्देश्य: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले परिवारों की महिलाओं को एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) कनेक्शन प्रदान करना, ताकि पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सके।
- लक्षित समूह: BPL परिवारों की वयस्क महिलाएँ, महिलाओं के सशक्तीकरण और उनके जीवन स्तर में सुधार पर ध्यान केंद्रित।
- पात्रता मानदंड: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाली महिलाएँ, जिनमें SC, ST, PMAY (ग्रामीण) परिवार, वनवासी और चाय बागान श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाती है। प्रवासी परिवार स्वयं घोषणा करके पते का प्रमाण दे सकते हैं।
- चरण I (2016-2020): BPL परिवारों की महिलाओं को 2020 तक 8 करोड़ नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन दिए गए।
- चरण II (2021 से आगे): PMUY योजना के तहत दिसंबर 2022 तक अतिरिक्त 1.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए, जिसमें प्रवासी परिवारों के लिए विशेष प्रावधान शामिल था।
- उपलब्धियाँ (1 मार्च 2025 तक): भारत में कुल घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 32.94 करोड़ तक पहुँच गई, जिसमें PMUY के तहत 10.33 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं।
महत्त्व
- स्वास्थ्य लाभ: स्वच्छ ईंधन का उपयोग पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों (लकड़ी, कोयला, फसल अवशेष) को समाप्त करने में सहायता करता है, जो इनडोर वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं।
- WHO अनुमान: भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख लोगों की मृत्यु अस्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के उपयोग के कारण होती है।
- महिला सशक्तीकरण:
- लकड़ी इकट्ठा करने से मुक्ति: PMUY महिलाओं को सशक्त बनाता है, क्योंकि उन्हें दूर-दराज के जंगलों से ईंधन लकड़ी इकट्ठा करने में समय नहीं लगाना पड़ता।
- बेहतर जीवनशैली: स्वच्छ ईंधन तक पहुँच से समय और ऊर्जा की बचत होती है, जिससे महिलाएँ उत्पादक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।
- सामाजिक-आर्थिक लाभ:
- उत्पादकता में वृद्धि: महिलाएँ श्रम-प्रधान खाना पकाने के तरीकों से मुक्त होती हैं, जिससे वे आर्थिक गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं।
- संसाधनों पर नियंत्रण: एलपीजी कनेक्शन महिलाओं के नाम पर जारी किए जाते हैं, जिससे वित्तीय स्वतंत्रता और परिवार में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
- पर्यावरणीय लाभ:
- वायु प्रदूषण में कमी: स्वच्छ ईंधन का उपयोग लकड़ी या केरोसिन जलाने से होने वाले हानिकारक उत्सर्जन को कम करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलता है।
चुनौतियाँ
- रीफिलिंग लागत: प्रारंभिक कनेक्शन निःशुल्क होता है, लेकिन रीफिलिंग लागत एक चुनौती बनी रहती है। गरीब परिवार नियमित रीफिलिंग का व्यय उठाने में असमर्थ हो सकते हैं।
- नौकरशाही बाधाएँ: दस्तावेजीकरण और अनुमोदन प्रक्रियाओं में देरी योजना के कार्यान्वयन को धीमा कर सकती है।
- अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी वितरण के लिए अंतिम-मील संपर्क की कमी होती है। दूरस्थ क्षेत्रों में भरण संयंत्र और वितरक उपलब्ध नहीं होते हैं।
- पारंपरिक प्रचलन: LPG उपलब्ध होने के बावजूद, कई लाभार्थी अभी भी लकड़ी पर निर्भर रहते हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां एलपीजी रीफिलिंग महँगी है।
आगे की राह
- आपूर्ति शृंखला को मजबूत करना: ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में एलपीजी वितरण नेटवर्क का विस्तार करना, अधिक वितरण केंद्र और रीफिलिंग स्टेशन स्थापित करना।
- सुलभता सुनिश्चित करना: सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी या रीफिलिंग लागत के लिए सहायता, जिससे कम आय वाले परिवारों के लिए एलपीजी अधिक सुलभ हो सके।
Source: AIR
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