यूनेस्को ‘रचनात्मक पाककला शहर’
पाठ्यक्रम: GS1/ संस्कृति
संदर्भ
- हाल ही में अवधी व्यंजन के लिए गैस्ट्रोनॉमी श्रेणी के अंतर्गत क्रिएटिव सिटी लखनऊ प्रस्ताव को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर में प्रस्तुत किया गया है।
युनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN)
- यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN) एक वैश्विक नेटवर्क है, जो संस्कृति और रचनात्मकता को सतत् शहरी विकास के प्रेरक तत्वों के रूप में मान्यता देता है।
- UCCN की स्थापना 2004 में की गई थी।
- यह नेटवर्क सात रचनात्मक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- शिल्प और लोक कला
- डिजाइन
- फिल्म
- गैस्ट्रोनॉमी (Gastronomy)
- साहित्य
- मीडिया कला
- संगीत
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में भारतीय शहर
- भारत के कई शहर युनेस्को के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क का हिस्सा हैं।
- वर्तमान में इस नेटवर्क में शामिल भारतीय शहर निम्नलिखित हैं:
- जयपुर और श्रीनगर (शिल्प और लोक कला)
- वाराणसी, चेन्नई और ग्वालियर (संगीत)
- मुंबई (फिल्म)
- हैदराबाद (गैस्ट्रोनॉमी)
- कोझिकोड (साहित्य)
Source: HT
शिपकी ला
पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल एवं GS3/ आंतरिक सुरक्षा
संदर्भ
- हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया।
शिपकी-ला के बारे में
- स्थान: एक उच्च ऊँचाई वाला वाहन योग्य पहाड़ी दर्रा (3,930 मीटर), जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भारत-चीन सीमा पर स्थित है।
रणनीतिक और सांस्कृतिक महत्त्व:
- यह प्राचीन सिल्क रूट पर स्थित है, जो भू-राजनीतिक महत्त्व, सांस्कृतिक विरासत और हिमालयी परिदृश्य का अद्वितीय संयोजन प्रस्तुत करता है।
- ऐतिहासिक रूप से, यह भारत और तिब्बत के बीच व्यापार मार्ग के रूप में कार्य करता था, लेकिन 2020 में इसे व्यापार के लिए बंद कर दिया गया।
- सतलुज नदी (तिब्बती नाम: लांगचेन ज़ांगबो) भारत में इस दर्रे से प्रवेश करती है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की संभावना:
- हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिपकी-ला को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे आसान मार्ग के रूप में प्रस्तावित किया है, जिसकी मंजूरी केंद्र सरकार द्वारा दी जानी बाकी है।
Source: TH
लोकपाल
पाठ्यक्रम: GS2/ राजव्यवस्था
समाचार में
- भारत के लोकपाल की पूर्ण पीठ ने नया आदर्श वाक्य अपनाया—“नागरिकों को सशक्त करना, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करना”।

लोकपाल
- परिचय: यह भारत में एक भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण या लोकपाल है, जिसे सार्वजनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को संबोधित करने के लिए स्थापित किया गया था।
- कानूनी स्थिति: लोकपाल कोई संवैधानिक निकाय नहीं है, बल्कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बनाया गया एक सांविधिक निकाय है।
- अध्यक्ष: भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश।
- लोकपाल की नियुक्ति: लोकपाल की नियुक्ति चयन समिति द्वारा की जाती है, जिसमें निम्नलिखित सदस्य होते हैं:
- प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)
- लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP)
- एक प्रतिष्ठित न्यायविद (ऊपर दिए गए सदस्यों द्वारा नियुक्त)
- कार्यकाल: लोकपाल का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है या जब तक वे 70 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेते।
- शक्तियाँ और कार्य:
- लोकपाल को सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों, और प्रधानमंत्री (राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों को छोड़कर) के विरुद्ध भ्रष्टाचार मामलों की जाँच और अभियोजन का अधिकार है।
- लोकपाल को CBI द्वारा भ्रष्टाचार मामलों में की जाने वाली जाँच की निगरानी का अधिकार प्राप्त है।
Source: AIR
माल्टा की गोल्डन पासपोर्ट योजना
पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- यूरोपीय न्यायालय (European Court of Justice) ने निर्णय दिया कि माल्टा अब अपने ‘गोल्डन पासपोर्ट’ योजना के अंतर्गत नागरिकता नहीं बेच सकता, क्योंकि यह यूरोपीय कानून के विपरीत है।
परिचय
- 2014 में प्रारंभ किया गया माल्टा का इंडिविजुअल इन्वेस्टर प्रोग्राम (IIP), जिसे गोल्डन पासपोर्ट योजना के रूप में जाना जाता है, अमीर विदेशी नागरिकों को माल्टा की नागरिकता और उसके माध्यम से यूरोपीय संघ की नागरिकता वित्तीय योगदान के आधार पर प्रदान करता था।
आवेदकों को करना होता था:
- माल्टा के राष्ट्रीय विकास निधि में €600,000–€750,000 का योगदान।
- माल्टा में अचल संपत्ति (रियल एस्टेट) खरीदना या पट्टे पर लेना।
- पंजीकृत NGO को €10,000 का दान देना। यह योजना रूस, चीन, मध्य पूर्व और अन्य देशों के निवेशकों, राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों और प्रसिद्ध हस्तियों को आकर्षित करती थी।
यह योजना विवादास्पद क्यों थी?
- सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: नागरिकता प्राप्त करने पर EU के वीजा-मुक्त शेंगेन क्षेत्र तक पहुँच मिलती थी, जिससे धनशोधन (मनी लॉन्डरिंग) और आपराधिक नेटवर्क की घुसपैठ का खतरा बढ़ सकता था।
- पारदर्शिता की कमी: कई सफल आवेदकों की पहचान गोपनीय रखी गई थी।
Source: BS
होरटोकी-सैरांग लाइन
पाठ्यक्रम: GS3/अवसंरचना
समाचार में
- रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) ने होर्टोकी-सैरांग लाइन को मंजूरी दे दी है।
होर्टोकी-सैरांग लाइन
- यह बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना का अंतिम चरण है, जो मिज़ोरम में निर्मित किया जा रहा है।
- यह राज्य की राजधानी आइज़ोल को पहली बार रेल से जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है, जो 33.86 किमी लंबी होर्टोकी-सैरांग रेलखंड के माध्यम से संभव हुआ है।

- यह पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और इसमें 32 सुरंगें तथा 35 प्रमुख पुल शामिल हैं।
- सैरांग आइज़ोल का एक उपग्रह नगर है, जो शहर से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है।
- बैराबी, कोलासिब जिले में स्थित है और असम सीमा के पास है। अब तक, मिज़ोरम का एकमात्र रेलवे स्टेशन यही था।
महत्त्व
- बैराबी-सैरांग परियोजना रेलवे मंत्रालय की पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को रेल से जोड़ने की व्यापक योजना का हिस्सा है।
- इस योजना में असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा में नई रेल लाइनों और दोहरीकरण परियोजनाओं को शामिल किया गया है।
- यह केंद्र की एक्ट ईस्ट नीति के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में संयुक्तता और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने वाली एक महत्त्वपूर्ण आधारभूत ढाँचा पहल है।
Source :IE
‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेप्यूटिक्स की खोज और विकास’ पर संगोष्ठी
पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI) ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAb) चिकित्सीय खोज और विकास पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारत के बायोफार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) क्या हैं?
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रयोगशाला में निर्मित प्रोटीन होते हैं, जो विशेष एंटीजन (जैसे वायरस, बैक्टीरिया, या कैंसर कोशिकाएँ) को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
- ये एक ही B-कोशिका के क्लोन से उत्पन्न होते हैं, इसलिए संरचना और विशिष्टता में समान होते हैं।
- mAbs प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की नकल करते हैं, लेकिन ये अत्यधिक विशिष्ट होते हैं, जिससे वे रोगों के उपचार में प्रभावी उपकरण बनते हैं।

mAbs के अनुप्रयोग
स्वास्थ्य और चिकित्सा:
- संक्रामक रोग: COVID-19 उपचार में प्रयुक्त Casirivimab और Imdevimab जैसी mAbs।
- अंग प्रत्यारोपण: अंग अस्वीकृति को रोकने के लिए।
- निदान (डायग्नॉस्टिक्स): गर्भावस्था परीक्षण, ELISA किट, और रोग पहचान मार्कर में उपयोग।
Source: PIB
समुद्री नौवहन सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन (IALA)
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
समाचार में
- भारत, इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर मरीन एड्स टू नेविगेशन (IALA) का उपाध्यक्ष होने के कारन, नाइस, फ्रांस में आयोजित IALA परिषद् के दूसरे सत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
IALA के बारे में
- स्थापना: 1957 में, मूल रूप से इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मरीन एड्स टू नेविगेशन एंड लाइटहाउस अथॉरिटीज (IALA) के रूप में स्थापित।
- मुख्यालय: सेंट-जर्मेन-एन-ले, पेरिस, फ्रांस के निकट स्थित।
- सदस्य: IALA में वर्तमान में 39 सदस्य देश शामिल हैं।
- स्थिति: अगस्त 2024 में 30 देशों द्वारा एक कन्वेंशन के माध्यम से पुष्टि के बाद, IALA गैर-सरकारी संगठन (NGO) से अंतर-सरकारी संगठन (IGO) में परिवर्तित हुआ।
- उद्देश्य:
- समुद्री सुरक्षा में सुधार करना।
- समुद्री दुर्घटनाओं को कम करना।
- समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना।
- सामान्य प्रथाओं, तकनीकी मानकों और समुद्री नेविगेशन के लिए सिफारिशों का विकास करना।
Source: AIR
पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र(BESZ)
पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण
संदर्भ
- गंगोत्री (उत्तरकाशी, उत्तराखंड) में भागीरथी इको-सेंसिटिव ज़ोन (BESZ) के अंतर्गत नगर निगम ठोस अपशिष्ट दहन संयंत्र की स्थापना ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बीच विरोध को जन्म दिया है।
इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZs) क्या हैं?
- इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZs) वे क्षेत्र हैं जिन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है।
- ESZs विशेष रूप से राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास के क्षेत्रों को नामित किया जाता है।
- इनका मुख्य उद्देश्य इन संरक्षित क्षेत्रों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना और आसपास के क्षेत्रों में मानव गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
- ESZ की सीमा संरक्षित क्षेत्र के चारों ओर 10 किमी तक जा सकती है, और विशेष परिस्थितियों में इससे अधिक भी बढ़ाई जा सकती है।
- ESZ में गतिविधियाँ निम्नानुसार वर्गीकृत की जाती हैं:
- निषिद्ध: वाणिज्यिक खनन, प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना, प्रदूषणकारी उद्योगों (रेड कैटेगरी) की स्थापना।
- नियंत्रित: निर्माण कार्य, पर्यटन, वृक्षों की कटाई, वाहन यातायात।
- अनुमत: कृषि, जैविक खेती, स्थानीय समुदायों का उपयोग।
- जून 2022 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि सभी राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास कम से कम 1 किमी का इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
Source: TH
अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’
पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा
समाचार में
- भारतीय सेना का दल उलानबटार, मंगोलिया पहुँच गया है, जहां वह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में भाग लेगा।
अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’
- यह 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय पहल के रूप में प्रारंभ हुआ, जो 2006 से एक बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना प्रयास में विकसित हुआ।
- यह एक वार्षिक अभ्यास है, जो दुनिया भर की सैन्य शक्तियों को एक साथ लाता है, ताकि वे शांति स्थापना क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सहयोग कर सकें।
- यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों को सामरिक, तकनीकी और प्रक्रियात्मक सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने में सक्षम बनाएगा, जिससे संयुक्त अभियानों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके।
- इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को बहुराष्ट्रीय परिदृश्य में शांति स्थापना अभियानों के लिए तैयार करना है, जिससे वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत शांति समर्थन अभियानों में परस्पर सहयोग और सैन्य तत्परता बढ़ा सकें।

Source :TH
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