राष्ट्रीय प्रेस दिवस

पाठ्यक्रम: GS2/शासन

संदर्भ

  • भारत ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया, जो हमारे समाज में स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की आवश्यक भूमिका का सम्मान करता है।

परिचय

  • राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 16 नवंबर को मनाया जाता है। 
  • यह प्रेस परिषद् ऑफ इंडिया (PCI) की स्थापना 1966 में हुई थी, जिसे बाद में 1979 में नए कानून के अंतर्गत पुनर्गठित किया गया। 
  • इस परिषद् का विचार सबसे पहले प्रथम प्रेस आयोग ने 1956 में प्रस्तावित किया था, जिसने प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और नैतिक रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। 
  • इस वर्ष की थीम बढ़ती गलत जानकारी के बीच प्रेस की विश्वसनीयता की रक्षा पर केंद्रित है, जो सटीक और नैतिक रिपोर्टिंग के महत्व को उजागर करती है।

भारत का मीडिया परिदृश्य

  • भारत विश्व के सबसे बड़े और विविध मीडिया पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है, जिसमें प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो, ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म एवं डिजिटल समाचार शामिल हैं। 
  • भारत का जीवंत मीडिया परिदृश्य लगातार बढ़ रहा है। 
  • पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या 2004–05 में 60,143 से बढ़कर 2024–25 में 1.54 लाख हो गई है, जो प्रेस की बढ़ती पहुंच और क्षमता को दर्शाती है।

मीडिया का महत्व

  • मीडिया को प्रायः लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जो जनमत निर्माण, विकास को आगे बढ़ाने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • ऐतिहासिक रूप से, अखबारों ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • मीडिया और मनोरंजन उद्योग GDP, रोजगार एवं भारत की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • मीडिया साम्प्रदायिक सद्भाव, समावेशिता और जागरूकता को बढ़ावा देता है, विशेषकर विविध समाजों में।

चुनौतियाँ

  • ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म और सोशल मीडिया ने उपभोग के तरीकों को परिवर्तित कर दिया है, जिससे पारंपरिक मीडिया पर दबाव बढ़ा है।
  • मीडिया पक्षपात, राजनीतिक प्रभाव और प्रेस स्वतंत्रता पर हमले विश्वास को कमजोर करते हैं।
  • नए कानूनों से अत्यधिक सरकारी नियंत्रण का भय उत्पन्न होता है।
  • विज्ञापन राजस्व में गिरावट और डिजिटल सामग्री के लिए अनुचित भुगतान मॉडल टिकाऊपन को खतरे में डालते हैं।
  • बड़े इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, फेक न्यूज़ और ऑनलाइन खतरों से बचाव महत्वपूर्ण है।

मीडिया को नियंत्रित करने वाला संस्थागत ढांचा

  • भारत का मीडिया शासन ढांचा संस्थानों, कानूनों और पहलों पर आधारित है, जो प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा, नैतिक पत्रकारिता को बढ़ावा, नियमन का आधुनिकीकरण एवं मीडिया पेशेवरों का समर्थन करता है।
  • प्रेस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (PRGI): 1956 में स्थापित, अब प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स एक्ट, 2023 (PRP एक्ट) के अंतर्गत वैधानिक।
    • यह प्रिंट मीडिया के पंजीकरण और नियमन की देखरेख करता है। प्रेस सेवा पोर्टल एक पूर्ण डिजिटल, पेपरलेस प्रणाली सक्षम करता है।
    • प्रेस सेवा पोर्टल: PRGI के अंतर्गत एक प्रमुख डिजिटल सुधार।
  • प्रेस परिषद् ऑफ इंडिया (PCI): प्रेस परिषद् अधिनियम, 1978 के अंतर्गत स्वायत्त निकाय। यह प्रेस स्वतंत्रता उल्लंघनों पर शिकायतों को संभालता है और पत्रकारिता आचार संहिता को लागू करता है।
    • PCI ने 2023 में प्राकृतिक आपदाओं पर रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
  • प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स (PRP) एक्ट, 2023: औपनिवेशिक युग के कानून का आधुनिकीकरण करता है, ऑनलाइन पंजीकरण शुरू करता है।
    • शीर्षक आवंटन और पत्रिकाओं के पंजीकरण को पूरी तरह डिजिटाइज करता है।
  • संस्थान और योजनाएँ:
    • भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) (1965) प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करता है।
    • पत्रकार कल्याण योजना (2001, संशोधित 2019) पत्रकारों और उनके परिवारों को कठिनाई में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

आगे की राह 

  • भारत का मीडिया क्षेत्र, लोकतंत्र और वैश्विक संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है, इसे जिम्मेदारी से विकसित होना चाहिए ताकि विकास एवं विश्वसनीयता बनी रहे। इसके लिए स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए डिजिटल चुनौतियों का समाधान करने वाला संतुलित नियमन, प्रेस स्वतंत्रता के लिए बेहतर सुरक्षा एवं डिजिटल अनुकूलन के लिए उचित भुगतान आवश्यक है। 
  • प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा और नैतिक पत्रकारिता में क्षमता निर्माण आवश्यक है, साथ ही भारत की कंटेंट क्रिएशन, एनीमेशन एवं VFX में ताकत का उपयोग वैश्विक स्थिति के लिए किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर प्रमुख गतिविधियाँ
राष्ट्रीय पत्रकारिता उत्कृष्टता पुरस्कार: PCI द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। 
1. उत्कृष्ट कार्य के लिए पत्रकारों को मान्यता देता है।
2. राजा राम मोहन राय पुरस्कार सर्वोच्च सम्मान है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस स्मारिका: इसमें राष्ट्रीय नेताओं के संदेश शामिल होते हैं। 
1. मीडिया विशेषज्ञों के लेख प्रकाशित होते हैं। 
2. पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियों को उजागर करता है।
भारत की मीडिया नियामक संरचना (तीन-स्तरीय ढांचा)
प्रिंट मीडिया (प्रेस परिषद् ऑफ इंडिया – PCI): पत्रकारिता आचार संहिता (नैतिक मानक)। PCI धारा 14 के अंतर्गत चेतावनी/निंदा कर सकता है। 
– फर्जी, मानहानिकारक या भ्रामक प्रिंट सामग्री को नियंत्रित करता है।
टेलीविजन (केबल टीवी नेटवर्क्स (विनियमन) अधिनियम, 1995): कार्यक्रम संहिता लागू करता है। 
– अश्लील, मानहानिकारक, साम्प्रदायिक या झूठी सामग्री पर रोक लगाता है। 
– (2021 संशोधन) ने तीन-स्तरीय शिकायत प्रणाली शुरू की।
डिजिटल मीडिया – आईटी नियम, 2021: डिजिटल समाचार और ओटीटी के लिए आचार संहिता। 
1. आयु वर्गीकरण, शिकायत अधिकारी और अनुपालन मानदंड। 
2. आईटी अधिनियम की धारा 69A के अंतर्गत , संप्रभुता और अखंडता के हित में सामग्री/प्लेटफ़ॉर्म को ब्लॉक करने की शक्ति।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025
– RSF (रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स), एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था, प्रत्येक वर्ष विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी करती है, जो 180 देशों को गुणात्मक और मात्रात्मक संकेतकों का उपयोग करके रैंक करती है। 
– भारत 2025 में 151वें स्थान पर रहा है, कुल स्कोर 32.96 के साथ। यह 2024 के 159वें स्थान से 8 स्थानों का सुधार दर्शाता है।
भारत की रैंकिंग को प्रभावित करने वाली प्रमुख चिंताएँ:
– समाचार कक्षों पर आर्थिक दबाव
– मीडिया स्वामित्व का केंद्रीकरण
– राजनीतिक और कानूनी दबाव
– पत्रकारों के लिए ऑनलाइन उत्पीड़न और सुरक्षा चिंताएँ

 Sources:PIB

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध संदर्भ विदेश मंत्री ने क़तर के शीर्ष नेतृत्व से भेंट की और द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख पहलुओं जैसे ऊर्जा एवं व्यापार के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। भारत-क़तर संबंधों पर संक्षिप्त विवरण रणनीतिक साझेदारी: 2025 में भारत और क़तर ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य संदर्भ प्रिसीजन बायोथेरेप्यूटिक्स आनुवंशिक विज्ञान, आणविक जीवविज्ञान और डेटा एनालिटिक्स को एक साथ लाकर ऐसी चिकित्सा विकसित करता है जो बीमारी के कारण की पहचान एवं सुधार करती है। प्रिसीजन बायोथेरेप्यूटिक्स क्या हैं? प्रिसीजन बायोथेरेप्यूटिक्स उन चिकित्सीय हस्तक्षेपों को संदर्भित करता है जो रोगी की विशिष्ट आनुवंशिक, आणविक या कोशिकीय प्रोफ़ाइल के आधार...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/भारतीय राजव्यवस्था; संवैधानिक निकाय संदर्भ हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति ने 5वें लेखापरीक्षा दिवस समारोह के दौरान भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘जन धन के संरक्षक’ कहा, जो CAG की स्थापना एवं विरासत का स्मरण है। परिचय भारत की लेखापरीक्षा संस्था की उत्पत्ति: भारत की सर्वोच्च...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण समाचारों में COP30, बेलें (ब्राज़ील) में भारत ने 13 देशों और अफ्रीकी द्वीप राज्यों की जलवायु आयोग (AISCC) के साथ मिलकर राष्ट्रीय “क्लाइमेट एंड नेचर फाइनेंस प्लेटफॉर्म्स” की घोषणा की। ये प्लेटफॉर्म्स ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) के माध्यम से समन्वित किए जाएंगे। ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) क्या है? ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF)...
Read More

रौलाने महोत्सव पाठ्यक्रम: GS1/ कला और संस्कृति समाचारों में हाल ही में हिमाचल प्रदेश का रौलाने उत्सव चर्चा में रहा। रौलाने उत्सव के बारे में रौलाने उत्सव एक प्राचीन, लगभग 5,000 वर्ष पुराना पारंपरिक उत्सव है, जिसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में मनाया जाता है। यह उत्सव रहस्यमयी आकाशीय परियों सौनिस को सम्मानित करने...
Read More
scroll to top