संक्षिप्त समाचार 14-11-2025

कार्यस्थल पर तनाव और मधुमेह

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

संदर्भ

  • ICMR–INDIAB, 2023 के अनुसार भारत में अनुमानित 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और कार्यस्थल का तनाव इस भार को बढ़ाने वाले कारकों में से एक हो सकता है।

भारत में मधुमेह का भार

  • भारत को अक्सर दुनिया की मधुमेह राजधानी कहा जाता है।
  • ICMR–INDIAB अध्ययन के अनुसार, मधुमेह से पीड़ित जनसंख्या 2000 में लगभग 3.2 करोड़ से बढ़कर 2024 में लगभग 9 करोड़ वयस्कों तक पहुँच गई।
  • हालिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रत्येक 9 में से 1 भारतीय वयस्क मधुमेह से पीड़ित है, जिससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक हो सकती है।
  • यह भार अनिर्धारित मामलों और अनावश्यक जटिलताओं की वृद्धि से अधिक तीव्र हो गया है।

मधुमेह क्या है?

  • मधुमेह एक दीर्घकालिक चयापचय विकार है जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता।
  • इससे रक्त में ग्लूकोज (शक्कर) का स्तर बढ़ जाता है।

इंसुलिन:

  • इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा निर्मित एक हार्मोन है।
  • यह भोजन से प्राप्त ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने में सहायता करता है, जहाँ इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है।
  • जब इंसुलिन अनुपस्थित होता है या सही ढंग से कार्य नहीं करता, तो ग्लूकोज रक्त प्रवाह में ही रहता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

मधुमेह के प्रकार

  • टाइप 1 मधुमेह:
    • यह एक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
    • शरीर बहुत कम या बिल्कुल इंसुलिन नहीं बनाता।
    • यह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होता है।
    • इसके लिए जीवनभर इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है।
  • टाइप 2 मधुमेह:
    • यह सबसे सामान्य प्रकार का मधुमेह है।
    • शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता।
    • यह सामान्यतः मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर आहार और पारिवारिक इतिहास से जुड़ा होता है।
    • इसे आहार, व्यायाम, मौखिक दवाओं और कभी-कभी इंसुलिन से नियंत्रित किया जा सकता है।
  • गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes):
    • यह गर्भावस्था के दौरान होता है और सामान्यतः प्रसव के बाद समाप्त हो जाता है।
    • लेकिन यह जीवन में बाद में टाइप 2 मधुमेह का जोखिम बढ़ा देता है।
क्या आप जानते हैं?
विश्व मधुमेह दिवस  प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है ताकि मधुमेह, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
– इस दिन का उद्देश्य मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों का समर्थन करना और रोग के समग्र भार को कम करने के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।

Source: TH

हेपेटाइटिस A

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

संदर्भ

  • जैसे ही भारत यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन को शामिल करने पर परिचर्चा कर रहा है, यह प्रश्न उठता है कि क्या हेपेटाइटिस A को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

हेपेटाइटिस क्या है?

  • हेपेटाइटिस यकृत (लिवर) की सूजन है। हेपेटाइटिस वायरस की पाँच मुख्य किस्में होती हैं, जिन्हें A, B, C, D और E कहा जाता है।
  • हेपेटाइटिस B और C दीर्घकालिक रोग का कारण बनते हैं और मिलकर लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर एवं वायरल हेपेटाइटिस से संबंधित मृत्युओं के सबसे सामान्य कारण हैं।

हेपेटाइटिस A

  • यह हेपेटाइटिस A वायरस (HAV) से होता है।
  • यह दीर्घकालिक संक्रमण का कारण नहीं बनता और सामान्यतः स्वयं ही ठीक हो जाता है।
  • यह दूषित भोजन और जल (मल-मुख मार्ग) से फैलता है।
  • यह पूरी तरह से रोके जाने योग्य है, जहाँ टीके 90 से 95% तक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

हेपेटाइटिस B

  • हेपेटाइटिस B तीव्र संक्रमण का कारण बनता है, गंभीर मामलों में लिवर फेल्योर हो सकता है।
  • प्रसार: रक्त और शारीरिक तरल पदार्थों, यौन संपर्क, माँ से बच्चे में संचरण के माध्यम से।
  • उपचार: हेपेटाइटिस B को टीके से रोका जा सकता है, जो लगभग 100% सुरक्षा प्रदान करता है। यह टीका सामान्यतः जन्म के तुरंत बाद दिया जाता है और कुछ सप्ताह बाद बूस्टर लगाए जाते हैं।

हेपेटाइटिस C

  • इसकी गंभीरता हल्की बीमारी से लेकर गंभीर, आजीवन बीमारी तक हो सकती है, जिसमें लिवर सिरोसिस और कैंसर शामिल हैं।
  • प्रसार: हेपेटाइटिस C वायरस रक्तजनित है और अधिकांश संक्रमण असुरक्षित इंजेक्शन प्रथाओं से रक्त के संपर्क के माध्यम से होते हैं।
  • उपचार: डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल दवाएँ (DAAs) 95% से अधिक रोगियों को ठीक कर सकती हैं। वर्तमान में हेपेटाइटिस C के लिए कोई प्रभावी टीका नहीं है।

हेपेटाइटिस D

  • यह केवल उन लोगों को प्रभावित करता है जो पहले से हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं, क्योंकि इसे शरीर में जीवित रहने के लिए हेपेटाइटिस B वायरस की आवश्यकता होती है।
  • यह सामान्यतः  रक्त-से-रक्त संपर्क या यौन संपर्क से फैलता है।
  • हेपेटाइटिस D के लिए कोई विशेष टीका नहीं है, लेकिन हेपेटाइटिस B का टीका इसे रोक सकता है।

हेपेटाइटिस E

  • यह सामान्यतः हल्का एवं अल्पकालिक संक्रमण होता है, जिसके लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती।
  • लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह गंभीर हो सकता है।
  • हेपेटाइटिस E के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP)

  • UIP की शुरुआत 1978 में बच्चों को जीवन-घातक स्थितियों से बचाने के लिए की गई थी, जिसमें टीकाकरण पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
  • लाभार्थी: सभी बच्चे और गर्भवती महिलाएँ।
  • UIP के अंतर्गत 12 टीका-निवारणीय बीमारियों के विरुद्ध मुफ्त टीकाकरण प्रदान किया जाता है:
    • राष्ट्रीय स्तर पर 9 बीमारियों के खिलाफ: डिप्थीरिया, काली खाँसी (पर्टुसिस), टिटनेस, पोलियो, खसरा, रुबेला, बचपन का गंभीर क्षय रोग, हेपेटाइटिस B और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप B से होने वाले मेनिन्जाइटिस और निमोनिया
    • उप-राष्ट्रीय स्तर पर 3 बीमारियों के विरुद्ध : रोटावायरस दस्त, न्यूमोकोकल निमोनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस।
  • किसी बच्चे को पूरी तरह से टीकाकृत माना जाता है यदि वह अपने जीवन के पहले वर्ष में सभी आवश्यक टीके प्राप्त कर लेता है।

Source: TH

रूमेटाइड गठिया

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य; GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ

  • एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने रूमेटॉइड आर्थराइटिस के छिपे हुए प्रीक्लिनिकल विकास को आणविक स्तर पर मैप किया और यह उजागर किया कि प्रतिरक्षा कोशिकाएँ पहले लक्षण प्रकट होने से कई वर्ष पहले ही समस्याग्रस्त बनने के लिए तैयार हो जाती हैं।

रूमेटॉइड आर्थराइटिस (RA) क्या है?

  • परिभाषा: RA एक दीर्घकालिक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ों पर हमला करती है।
  • आयु और लिंग पैटर्न: यह सामान्यतः 30–60 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को प्रभावित करता है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में RA विकसित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।
  • कारण और जोखिम कारक: इसका सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। संभावित योगदानकर्ता हैं – आनुवंशिक कारक, हार्मोन, और पर्यावरणीय कारक जैसे धूम्रपान या कुछ संक्रमण।
  • सिस्टमिक प्रकृति: यह एक सिस्टमिक रोग है, जो केवल जोड़ों को ही नहीं बल्कि फेफड़ों, हृदय, आँखों, त्वचा, नसों और रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित करता है।
    • लगातार सूजन हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती है तथा थकान, बुखार और अवसाद में योगदान करती है।
  • उपचार और प्रबंधन: यह रोग पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता, लेकिन शीघ्र निदान और समय पर प्रबंधन से लक्षणों को कम किया जा सकता है, रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है तथा दीर्घकालिक विकलांगता को रोका जा सकता है।

Source: TH

महत्वपूर्ण खनिजों की नई रॉयल्टी दरें

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था

समाचार में 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चार महत्वपूर्ण खनिजों — सीज़ियम, ग्रेफाइट, रूबिडियम और ज़िरकोनियम — की रॉयल्टी दर को निर्दिष्ट/संशोधित करने की स्वीकृति दी है।

महत्वपूर्ण खनिज क्या हैं?

  • ये आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
  • इन खनिजों की उपलब्धता की कमी या कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में इनके खनन/प्रसंस्करण का केंद्रीकरण “आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों और यहाँ तक कि आपूर्ति में व्यवधान” का कारण बन सकता है।
  • 2023 में, केंद्र ने 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की थी, जिनमें लिथियम, कोबाल्ट, निकल, ग्रेफाइट, टिन एवं कॉपर शामिल हैं, जो देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।

रॉयल्टी दर क्या है?

  • रॉयल्टी दर वह शुल्क है जो सरकार खनन कंपनियों पर पृथ्वी से खनिज निकालने के लिए लगाती है।
  • रॉयल्टी दरें खनिज और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (MMDR Act) और खनिज रियायत नियम, 1960 द्वारा शासित होती हैं।
  • ये कानून केंद्र सरकार को राज्य सरकारों से परामर्श करने के बाद समय-समय पर रॉयल्टी दर तय करने और संशोधित करने का अधिकार देते हैं।

महत्व

  • ग्रेफाइट, सीज़ियम, रूबिडियम और ज़िरकोनियम उच्च-प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों और ऊर्जा संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण खनिज हैं। इससे आयात पर निर्भरता कम करने में सहायता मिलेगी।
  • ग्रेफाइट: यह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों का एक महत्वपूर्ण घटक है, मुख्य रूप से एनोड सामग्री के रूप में कार्य करता है, जो उच्च चालकता और चार्ज क्षमता सक्षम करता है। हालाँकि, भारत अपनी आवश्यकता का 60% ग्रेफाइट आयात करता है।
  • ज़िरकोनियम: यह एक बहुउपयोगी धातु है जिसका उपयोग न्यूक्लियर एनर्जी, एयरोस्पेस, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग सहित विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, इसकी असाधारण जंग प्रतिरोधक क्षमता एवं उच्च तापमान स्थिरता के कारण।
  • सीज़ियम: इसका उपयोग मुख्य रूप से हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में होता है, विशेषकर एटॉमिक क्लॉक्स, GPS सिस्टम, अन्य उच्च-सटीक उपकरणों, चिकित्सा उपकरणों (जैसे कैंसर थेरेपी) आदि में।
  • रूबिडियम: इसका उपयोग विशेष प्रकार के ग्लास बनाने में होता है, जो फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार प्रणालियों, नाइट विज़न उपकरणों आदि में प्रयुक्त होते हैं।

Source:TH

सरंडा वन

पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण 

समाचार में 

  • सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार को पारिस्थितिक रूप से समृद्ध सरंडा वन को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने का निर्देश दिया है।

सरंडा के बारे में

  • झारखंड का सरंडा वन एशिया का सबसे बड़ा साल (Shorea robusta) का जंगल है, जो लगभग 820–900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
  • इसे प्रसिद्ध रूप से “सात सौ पहाड़ियों की भूमि” कहा जाता है, जो इसके पहाड़ी भू-भाग को दर्शाता है।
  • यह वन छोटानागपुर जैव-भौगोलिक क्षेत्र का हिस्सा है और ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ के वनों के साथ एक प्राकृतिक परिदृश्य निरंतरता बनाता है।
  • यह अत्यंत संकटग्रस्त प्रजातियों का आवास है, जिनमें स्थानिक साल फॉरेस्ट टॉरटॉइज़, चार-सींग वाला मृग, एशियाई पाम सिवेट और जंगली हाथी शामिल हैं।
  • यहाँ हो, मुंडा, उराँव और संबद्ध आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जिनकी आजीविका एवं सांस्कृतिक परंपराएँ वन उत्पादों से गहराई से जुड़ी हुई हैं।
  • यह भारत के लौह अयस्क भंडार का 26% हिस्सा भी रखता है।

Source: TH

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए NEMMP 2020 पर पुनर्विचार करें

पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण 

समाचार में 

  • हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) 2020 की पुनः समीक्षा करने का सुझाव दिया।

नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) 2020

  • यह एक राष्ट्रीय मिशन दस्तावेज़ है जो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तीव्रता से अपनाने और उनके निर्माण के लिए दृष्टि और रोडमैप प्रदान करता है।
  • फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड &) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME India) स्कीम को 2015 में भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा NEMMP के अंतर्गत तैयार किया गया था।
    • इसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों (xEVs) को अपनाने को बढ़ावा देना है।

Source :TH

मुध-न्योमा एयरबेस

पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा

समाचार में 

  • वायु सेना प्रमुख ने लद्दाख में मुध-न्योमा एयरबेस का उद्घाटन किया।

परिचय 

  • यह एयरबेस न्योमा, लेह जिला (लद्दाख) में स्थित है, जिसकी ऊँचाई 13,700 फीट (4,200 मीटर) है, जिससे यह विश्व के सबसे ऊँचे फाइटर-सक्षम एयरफील्ड्स में से एक बन जाता है।
  • इसका निर्माण बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) द्वारा किया गया।
  • इसकी एलएसी (Line of Actual Control) के निकटता भारत को महत्वपूर्ण सामरिक तथा लॉजिस्टिक लाभ प्रदान करती है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया, बल की तैनाती एवं संवेदनशील क्षेत्रों जैसे देपसांग मैदान, पैंगोंग त्सो और चुशुल घाटी में निगरानी क्षमता बढ़ती है।

Source: ET

 

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