भारत के उपराष्ट्रपति
पाठ्यक्रम : GS2/राजव्यवस्था और शासन
सन्दर्भ
- भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
परिचय
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 66, चुनाव आयोग की देखरेख में उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित है।
- उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं, शामिल होते हैं। राज्य विधानसभाओं की इस चुनाव में कोई भूमिका नहीं होती।
- प्रक्रिया: चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का उपयोग करते हुए गुप्त मतदान द्वारा होता है। प्रत्येक सांसद उम्मीदवारों को वरीयता क्रम (1, 2, 3, आदि) में स्थान देता है।
- विजय होने के लिए किसी उम्मीदवार को बहुमत (कुल वैध मतों के आधे से अधिक) प्राप्त करना होगा।
- यदि कोई भी उम्मीदवार पहली वरीयता के आधार पर इसे प्राप्त नहीं कर पाता है, तो सबसे कम मतों वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है और उसके मत अगली वरीयता के आधार पर स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। यह तब तक जारी रहता है जब तक कि कोई एक उम्मीदवार यह सीमा पार नहीं कर लेता।
- कार्यकाल (अनुच्छेद 67):
- कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 5 वर्ष।
- कितनी भी बार पुनः निर्वाचित होने के लिए पात्र।
- उत्तराधिकारी के पदभार ग्रहण करने तक पद पर बने रहते हैं।
Source: TH
स्यूडोमोनास एरुगिनोसा
पाठ्यक्रम :GS2/स्वास्थ्य
सन्दर्भ
- जर्मनी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि घातक जीवाणु स्यूडोमोनास एरुगिनोसा में glpD जीन की द्विस्थिर अभिव्यक्ति पाई जाती है।
स्यूडोमोनास एरुगिनोसा
- स्यूडोमोनास जीवाणुओं का एक समूह है जो सामान्यतः पर्यावरण में, जैसे मृदा और जल में पाया जाता है।
- मनुष्यों में संक्रमण उत्पन्न करने वाला सबसे सामान्य प्रकार स्यूडोमोनास एरुगिनोसा है, जो एक ग्राम-नेगेटिव, वायवीय, बीजाणु-रहित छड़ है जो कई प्रकार के संक्रमण उत्पन्न करने में सक्षम है।
- पी. एरुगिनोसा सर्जरी के बाद रक्त, फेफड़ों (निमोनिया), मूत्र पथ या शरीर के अन्य भागों में संक्रमण उत्पन्न कर सकता है।
हाल के शोध के परिणाम
- स्यूडोमोनास एरुगिनोसा द्विस्थिर अभिव्यक्ति प्रदर्शित करता है—अर्थात आनुवंशिक रूप से समान कोशिकाओं में इसकी गतिविधि में काफी भिन्नता होती है।
- यह भिन्नता जीवाणु की संक्रमण उत्पन्न करने की क्षमता को प्रभावित करती है, जैसा कि पतंगे के लार्वा और चूहे की प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर किए गए परीक्षणों से पता चला है।
- अध्ययन से पता चलता है कि इस जीन की परिवर्तनशील अभिव्यक्ति को लक्षित करने से पी. एरुगिनोसा संक्रमण से निपटने में सहायता मिल सकती है, जो अस्पतालों में एक प्रमुख चिंता का विषय है।
Source : TH
एनएसएम के अंतर्गत 40 पेटाफ्लॉप्स कंप्यूटिंग शक्ति वाले 37 सुपर कंप्यूटर स्थापित
पाठ्यक्रम : GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
सन्दर्भ
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को 37 सुपरकंप्यूटरों से सशक्त बनाता है, जिनकी कुल कंप्यूटिंग शक्ति 40 पेटाफ्लॉप है।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम)
- राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) की शुरुआत अप्रैल 2015 में 4,500 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ की गई थी।
- इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करके और सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों के प्रमुख क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाकर सुपरकंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करना है।
- एनएसएम का कार्यान्वयन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक), पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के माध्यम से संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
स्वदेशी तकनीकी उपलब्धियाँ
- भारत ने एचपीसी हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर स्टैक के डिजाइन, विकास और निर्माण में संपूर्ण क्षमताएँ विकसित की हैं।
- परम रुद्र: जीएमआरटी पुणे, आईयूएसी दिल्ली और एस.एन. बोस सेंटर, कोलकाता में तैनात।
- रुद्र सर्वरों से निर्मित, ये वैश्विक मानकों के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए पहले एचपीसी-श्रेणी के सर्वर हैं।
- आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को सुदृढ़ करता है।
- त्रिनेत्र नेटवर्क: 40-100 जीबीपीएस की उच्च गति वाला इंटरकनेक्ट, कंप्यूटिंग नोड्स के बीच तेज़ संचार को सक्षम बनाता है।
- परम शावक: शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के लिए डिज़ाइन किया गया एक कॉम्पैक्ट डेस्कटॉप सुपरकंप्यूटर।
Source: PIB
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए)
पाठ्यक्रम :GS3/पर्यावरण
समाचार में
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) 2025 के अंत तक विश्व भर में 17 उत्कृष्टता केंद्र और भारत में एक वैश्विक क्षमता केंद्र स्थापित करेगा जो “सौर ऊर्जा के लिए सिलिकॉन वैली” के रूप में कार्य करेगा।
- ये केंद्र प्रशिक्षण, परीक्षण एवं स्टार्टअप सहायता प्रदान करेंगे, और इनका विस्तार 50 तक होने की संभावना है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- यह 2015 में पेरिस में COP21 में भारत और फ्रांस द्वारा शुरू की गई एक वैश्विक पहल है।
- इसके 123 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश हैं।
- इसका मुख्यालय भारत के गुरुग्राम में है।
- यह वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी करके सौर समाधान लागू करता है, विशेष रूप से अल्प विकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों में, जिसका उद्देश्य स्वच्छ, सस्ती ऊर्जा प्रदान करना एवं सतत विकास को गति देना है।
- भारत ने जुलाई 2025 तक 119 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित की है।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य 2030 तक वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को अपनाना, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण लागत को कम करना और कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन एवं विद्युत जैसे क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
- यह सौर ऊर्जा अनुकूल नीतियों, मानकीकरण, निवेश जुटाने और प्रशिक्षण का समर्थन करता है।
Source : TH
भारत द्वारा अग्नि-5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
पाठ्यक्रम : GS3/ रक्षा
सन्दर्भ
- भारत ने हाल ही में सामरिक बल कमान (एसएफसी) की कमान में अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया।
- सामरिक बल कमान (एसएफसी) भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) का एक अंग है, जो भारत के सामरिक और रणनीतिक परमाणु हथियारों के प्रबंधन, प्रशिक्षण और परिचालन तैनाती के लिए उत्तरदायी है।
अग्नि-5 मिसाइल के बारे में
- प्रकार: परमाणु-सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (एसएसबीएम)।
- एसएसबीएम शुरुआत में रॉकेट द्वारा संचालित होती है, लेकिन जलने के बाद बिना शक्ति वाले बैलिस्टिक प्रक्षेप पथ का अनुसरण करती है, लक्ष्य पर उतरने से पहले ऊपर की ओर झुकती है।
- सीमा: 5,000 किमी से अधिक, जो इसे मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों (आईआरबीएम) की श्रेणी में रखती है।
- प्रणोदन: तीन-चरणीय ठोस-ईंधन इंजन।
- विकासकर्ता: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)।
- कार्यक्रम लिंक: एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) का एक हिस्सा, जिसके अंतर्गत पृथ्वी, त्रिशूल, नाग और आकाश जैसी अन्य मिसाइलें भी विकसित की गईं।
- एमआईआरवी क्षमता: इसे मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (एमआईआरवी) से लैस किया जा सकता है, जिससे एक ही मिसाइल विभिन्न लक्ष्यों पर कई वारहेड ले जा और पहुँचा सकती है।
- सामरिक स्थिति: यह भारत को अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के विशिष्ट समूह में शामिल करता है, जिनके पास समान मिसाइल तकनीक है।
Source: TH
समन्वय शक्ति अभ्यास 2025
पाठ्यक्रम :GS3/रक्षा
समाचार में
- भारतीय सेना ने असम के तिनसुकिया जिले में समन्वय शक्ति 2025 अभ्यास शुरू किया है।
समन्वय शक्ति 2025 अभ्यास
- यह असम एवं मणिपुर के राज्य अधिकारियों के साथ कुशल सहयोग, सामंजस्य और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक सहयोग है।
- यह 10 दिवसीय सैन्य-नागरिक एकीकरण अभ्यास है जिसका उद्देश्य सुरक्षा बलों, सरकारी विभागों और नागरिक संस्थानों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना है ताकि एकीकृत एवं समन्वित दृष्टिकोण के माध्यम से क्षेत्र की जटिल चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
- भागीदारी: भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, जिला प्रशासन, पुलिस, खुफिया एजेंसियां, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, चिकित्सा अधिकारी, बीआरओ और जीआरईएफ, रेलवे, शैक्षणिक संस्थान एवं ऑयल इंडिया, आईओसीएल तथा कोल इंडिया के सुरक्षा अधिकारी, साथ ही स्थानीय मीडिया के प्रतिनिधि।
Source :Air
रग्बी-केंद्रित ब्रोंको टेस्ट
पाठ्यक्रम : विविध
सन्दर्भ
- बीसीसीआई ने कथित तौर पर भारतीय खिलाड़ियों के लिए रग्बी-केंद्रित ब्रोंको फिटनेस टेस्ट शुरू किया है ताकि लगातार उच्च फिटनेस मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।
बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों की तैयारी का आकलन करने के लिए अब इसका उपयोग स्थापित यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल के साथ किया जाएगा।
- ब्रोंको टेस्ट एक उच्च-तीव्रता वाली एरोबिक रनिंग ड्रिल है जिसे खिलाड़ी की सहनशक्ति, गति और हृदय संबंधी स्थिति को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें 20, 40 और 60 मीटर की शटल दौड़ शामिल है, जिसका लक्ष्य छह मिनट के अंदर परीक्षण पूरा करना है।
- यो-यो टेस्ट 2017 से भारत की फिटनेस व्यवस्था का एक प्रमुख घटक रहा है, इसमें 20 मीटर की दूरी पर रखे गए दो शंकुओं के बीच दौड़ना शामिल है, जिसमें प्रत्येक स्तर पर गति बढ़ती जाती है।
- खिलाड़ियों को प्रत्येक 40 मीटर दौड़ के बाद 10 सेकंड का रिकवरी पीरियड दिया जाता है। पास होने के लिए न्यूनतम 17.1 अंक आवश्यक हैं।
- यो-यो टेस्ट जहाँ अंतराल रिकवरी और चपलता पर केंद्रित है, वहीं ब्रोंको टेस्ट निरंतर एरोबिक सहनशक्ति का आकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- दोनों परीक्षण मिलकर खिलाड़ी की समग्र फिटनेस का अधिक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करते हैं।
- 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल: बीसीसीआई 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल का भी उपयोग जारी रखे हुए है, जिसमें विभिन्न भूमिकाओं के लिए विशिष्ट मानक निर्धारित हैं: तेज़ गेंदबाज़ों को इसे 8 मिनट 15 सेकंड में पूरा करना होगा।
Source: IE
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