पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- चीन द्वारा अप्रैल 2025 से भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात को स्थगित कर दिया गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन (EV), इलेक्ट्रॉनिक्स और ड्रोन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारी बाधा उत्पन्न हुई है। इससे भारत की चीनी आपूर्ति पर भारी निर्भरता उजागर हुई है।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स क्या हैं?
- रेयर अर्थ मैग्नेट्स शक्तिशाली स्थायी मैग्नेट्स होते हैं, जो आवर्त सारणी के 17 दुर्लभ तत्वों से बनाए जाते हैं।
- इनके दो प्रमुख प्रकार हैं: नीओडिमियम (Nd-Fe-B) और सैमारियम कोबाल्ट (SmCo) मैग्नेट।
- नाम के विपरीत, रेयर अर्थ तत्व भूवैज्ञानिक रूप से दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन आर्थिक रूप से इन्हें निकालना कठिन होता है क्योंकि ये बिखरे हुए रूप में पाए जाते हैं और इनके खनन में पर्यावरणीय लागत अधिक होती है।

रेयर अर्थ मैग्नेट्स की उपलब्धता
- चीन वैश्विक रेयर अर्थ मैग्नेट उत्पादन में 85% से अधिक हिस्सेदारी रखता है, और खनन से लेकर शुद्धिकरण और मैग्नेट निर्माण तक आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभुत्व रखता है।
- भारत में रेयर अर्थ भंडार (विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु और ओडिशा की मोनाज़ाइट रेत में) होने के बावजूद भारत के पास नहीं हैं:
- उन्नत परिशोधन क्षमताएं
- मैग्नेट निर्माण की डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री
- अनुसंधान एवं विकास तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी
भारत पर तात्कालिक प्रभाव
- इलेक्ट्रिक वाहन: बजाज ऑटो ने जुलाई 2025 में इलेक्ट्रिक स्कूटर का उत्पादन आधा कर दिया और यदि संकट जारी रहा तो EV संयंत्र को बंद करने की संभावना व्यक्त की है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स: ऐप्पल को तेलंगाना स्थित AirPods असेंबली लाइन को दो सप्ताह के लिए बंद करना पड़ा क्योंकि मैग्नेट की कमी हो गई।
- ऑटोमोबाइल उद्योग: भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता संघ (SIAM) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इलेक्ट्रिक मोटर पर आयात शुल्क को कम करे ताकि लागत में वृद्धि को कम किया जा सके।
- लागत का दबाव: मैग्नेट्स की अनुपलब्धता के कारण कंपनियों को पूरी तरह से असेंबल की गई इलेक्ट्रिक मोटर चीन से आयात करनी पड़ रही है, जिससे उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हो रही है।
भारत की प्रतिक्रिया
- भारतीय सरकार ने राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के अंतर्गत ₹18,000 करोड़ की राशि 7 वर्षों (2024-25 से 2030-31) के लिए निर्धारित की है ताकि रणनीतिक खनिजों का घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके।
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) 100 से अधिक रेयर अर्थ परियोजनाओं की खोज कर रहा है, हालांकि वाणिज्यिक खनन तीन वर्षों बाद ही शुरू हो सकता है।
आगे की राह
- अल्पकालिक उपाय: वर्तमान संकट को कम करने के लिए सरकार को पूर्णतः असेंबल की गई इलेक्ट्रिक मोटरों पर सीमा शुल्क को घटाना चाहिए ताकि EV सेक्टर की उत्पादन लागत पर नियंत्रण हो सके।
- भारत को जापान, उज़्बेकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से वैकल्पिक आपूर्ति प्राप्त करनी चाहिए।
- मध्यम से दीर्घकालिक उपाय: भारत को भविष्य की आपूर्ति बाधाओं से बचाव के लिए महत्वपूर्ण रेयर अर्थ तत्वों का रणनीतिक भंडार विकसित करना चाहिए।
- भारत को जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे संसाधन-संपन्न व उन्नत प्रसंस्करण तकनीक वाले देशों के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग और संयुक्त उपक्रम करने चाहिए।
Source: BS
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संक्षिप्त समाचार 31-07-2025