पाठ्यक्रम: GS1/ भूगोल
समाचार में
- चिली के मध्य एवं दक्षिणी तटों पर तेजी से क्षरण हो रहा है, और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले दशक में कम से कम 10 समुद्र तट पूरी तरह गायब हो सकते हैं।
मुख्य कारण
- जलवायु परिवर्तन: समुद्री लहरों की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है, जिससे समुद्र तट पहले की तुलना में तीव्रता से क्षरण हो रहा हैं।
- समुद्र स्तर में वृद्धि, अचानक वर्षा और बार-बार पड़ने वाली हीटवेव तटीय क्षरण मे तीव्रता से वृद्धि कर रहे हैं।
- मानवजनित कारक: अनियंत्रित शहरीकरण और तटीय निर्माण गतिविधियाँ प्राकृतिक अवरोधों जैसे कि रेत के टीले एवं आर्द्रभूमि को नष्ट कर रही हैं, जिससे समुद्र तट अधिक संवेदनशील हो गए हैं।

| चिली के बारे में – स्थान चिली विश्व का सबसे दक्षिणी देश है, और अंटार्कटिका के सबसे करीब स्थित है। यह देश एंडीज़ पर्वत के पूर्व में और प्रशांत महासागर के पश्चिम में फैले एक लंबे, संकरे भूखंड पर स्थित है। – सीमाएँ चिली की सीमाएँ उत्तर में पेरू, उत्तर-पूर्व में बोलिविया, पूर्व में अर्जेंटीना और अत्यंत दक्षिण में ड्रेक जलडमरूमध्य से मिलती हैं। – जलवायु और स्थलाकृति चिली की जलवायु बेहद विविध है: 1. उत्तर में विश्व का सबसे शुष्क क्षेत्र एटाकामा रेगिस्तान, 2. मध्य भाग में भूमध्यसागरीय जलवायु, 3. ईस्टर द्वीप पर नम उपोष्णकटिबंधीय जलवायु, 4. पूर्व और दक्षिण में महासागरीय जलवायु जिसमें एल्पाइन टुंड्रा और हिमनद शामिल हैं। – चिली प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जो एक अत्यधिक भूकंपी और ज्वालामुखीय क्षेत्र है। यह नाज़का और अंटार्कटिक प्लेटों के दक्षिण अमेरिकी प्लेट के नीचे धंसने के कारण सक्रिय है। संसाधन – कॉपर खनन चिली की GDP का 20% और कुल निर्यात का 60% है। चिली विश्व का लगभग एक-तिहाई तांबा उत्पादित करता है। – एस्कोंडिडा विश्व की सबसे बड़ी कॉपर खदान है, जो वैश्विक आपूर्ति का 5% से अधिक उत्पन्न करती है। – चिली लिथियम सहित अन्य खनिज संसाधनों में भी समृद्ध है ![]() |
Source: DD News
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