एक्स कॉर्प, जिसे पहले ट्विटर इंक के नाम से जाना जाता था, अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री अवरोधन के संबंध में भारत सरकार के दृष्टिकोण को चुनौती दे रहा है, विशेष रूप से सहयोग पोर्टल के संबंध में।
हाल ही में, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कुछ राज्यों के उच्च प्रति व्यक्ति आय के दावों में विरोधाभास पर चिंता व्यक्त की, जबकि उनकी जनसंख्या का एक बड़ा भाग अभी भी गरीबी रेखा (BPL) से नीचे रह रहा है।
मेटा, गूगल और अमेज़न जैसी डिजिटल दिग्गजों पर निगरानी रखने के लिए सूक्ष्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो नवाचार और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाए रखे, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे तथा उपयोगकर्त्ता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।