केंद्रीय बजट 2024-25 में, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य देश के ऊर्जा परिवर्तन और प्रौद्योगिकी विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
वैश्विक ई-अपशिष्ट मॉनिटर 2024, संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (UNITAR), अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU), और एक कॉर्पोरेट फाउंडेशन, फोंडेशन कार्मिग्नैक द्वारा लाया गया।
हाल ही में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मामलों के शीघ्र निपटान और लंबित मामलों को कम करने के लिए रिक्तियों को शीघ्र भरने के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (AIJS) को लागू करने का समर्थन किया।
भारत को विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें तपेदिक और मलेरिया जैसी गरीबी की बीमारियों से लेकर पर्यावरण तथा जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे प्रदूषण और पुरानी बीमारियाँ सम्मिलित हैं।
छह वर्षों के अंदर 80% से अधिक वित्तीय समावेशन की भारत की उपलब्धि को वैश्विक स्तर पर एक परिवर्तनकारी सफलता के रूप में मान्यता दी गई है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) को अपनाने से प्रेरित यह उल्लेखनीय प्रगति एक अरब से अधिक लोगों के लिए डिजिटल और वित्तीय समावेशन में देश की भूमिका पर बल देती है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने "SAARC की भावना" को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है तथा इस बात पर बल दिया है कि आठ सदस्यीय दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) क्षेत्र के कई ज्वलंत मुद्दों का समाधान कर सकता है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन(PM-ABHIM) और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए मानव संसाधन (HRHME) जैसी स्वास्थ्य क्षेत्र की पहलों के लिए केंद्रीय बजट का आवंटन राज्य स्तरीय कार्यान्वयन पर काफी हद तक निर्भर करता है।
हाल ही में आयोजित कृषि अर्थशास्त्रियों के त्रिवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICAE-2024) में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भू-राजनीतिक अशांति एवं जलवायु परिवर्तन के कारण कुपोषण तथा भुखमरी की स्थिति खराब हो रही है, और इसमें सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन’ पर ध्यान केंद्रित किया गया।