केंद्रीय बजट

पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था

सन्दर्भ

  • वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत बजट, सरकार के व्यय तथा लगाए जाने वाले करों का खाका होता है, जो अर्थव्यवस्था तथा नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

परिचय

  • भारत का केंद्रीय बजट, जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में संदर्भित किया जाता है, भारत गणराज्य का वार्षिक बजट है, जिसे प्रत्येक वर्ष वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। 
  • 1 अप्रैल को भारत के वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट को सदन द्वारा पारित किया जाना होता है। 
  • 92 वर्षों तक अलग-अलग प्रस्तुत किए जाने के पश्चात्, 2017 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया और बिबेक देबरॉय समिति की सिफारिश पर एक साथ प्रस्तुत किया गया। 
  • 2019 में, निर्मला सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद बजट प्रस्तुत करने वाली दूसरी महिला बनीं।

बजट के घटक

  • इसके तीन प्रमुख घटक हैं – व्यय, प्राप्तियाँ और घाटा संकेतक। 
  • कुल व्यय को पूँजीगत और राजस्व व्यय में विभाजित किया जा सकता है।
    • पूँजीगत व्यय टिकाऊ प्रकृति की परिसंपत्तियों को बढ़ाने या आवर्ती देनदारियों को कम करने के उद्देश्य से किया जाता है।
      • नये स्कूलों या नये अस्पतालों के निर्माण पर किये गये व्यय को पूँजीगत व्यय के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, क्योंकि इससे नई परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
    • राजस्व व्यय में ऐसा कोई भी व्यय सम्मिलित होता है जो परिसंपत्तियों में वृद्धि नहीं करता या देनदारियों को कम नहीं करता।
      • इसमें मजदूरी और वेतन, सब्सिडी या ब्याज भुगतान पर होने वाला व्यय सम्मिलित है।
  • सरकार की प्राप्तियों में तीन घटक होते हैं – राजस्व प्राप्तियाँ, गैर-ऋण पूँजी प्राप्तियाँ और ऋण-सृजन पूँजी प्राप्तियाँ।
    • राजस्व प्राप्तियों में वे प्राप्तियाँ शामिल होती हैं जो देनदारियों में वृद्धि से जुड़ी नहीं होती हैं और इसमें करों और गैर-कर स्रोतों से राजस्व सम्मिलित होता है। 
    • गैर-ऋण प्राप्तियाँ पूँजी प्राप्तियों का हिस्सा होती हैं जो अतिरिक्त देनदारियाँ उत्पन्न नहीं करती हैं, इसमें ऋणों की वसूली और विनिवेश से प्राप्त आय सम्मिलित होती है। 
    • ऋण-सृजन पूँजी प्राप्तियाँ वे होती हैं जिनमें सरकार की उच्च देनदारियाँ और भविष्य की भुगतान प्रतिबद्धताएँ शामिल होती हैं।
  • राजकोषीय घाटा कुल व्यय और राजस्व प्राप्तियों तथा गैर-ऋण प्राप्तियों के योग के मध्य का अंतर है। 
    • यह दर्शाता है कि सरकार शुद्ध रूप से कितना व्यय कर रही है। 
    • सकारात्मक राजकोषीय घाटा राजस्व और गैर-ऋण प्राप्तियों के अतिरिक्त व्यय की राशि को दर्शाता है, इसे ऋण-सृजन पूँजी प्राप्ति द्वारा वित्तपोषित करने की आवश्यकता होती है।

अर्थव्यवस्था पर बजट के प्रभाव

  • आर्थिक विकास: यह बुनियादी ढाँचे, कल्याण और सुधारों पर सरकारी व्यय के माध्यम से विकास को प्रोत्साहित करता है जो निजी निवेश को बढ़ावा देते हैं। 
  • मुद्रास्फीति नियंत्रण: बजट की राजकोषीय नीतियाँ सब्सिडी परिवर्तन, कर समायोजन और ऋण प्रबंधन के माध्यम से मुद्रास्फीति को प्रभावित करती हैं। 
  • राजकोषीय घाटा और ऋण: उच्च राजकोषीय घाटे से उधारी और उच्च ऋण में वृद्धि होती है, जो मुद्रास्फीति एवं ब्याज दरों को प्रभावित करती है, जबकि इसे कम करने के प्रयास राजकोषीय स्थिरता में सहायता करते हैं। 
  • कराधान और सुधार: करों में परिवर्तन उपभोक्ता व्यवहार, व्यापार निवेश और सरकारी राजस्व को प्रभावित करते हैं। GST और प्रत्यक्ष कर परिवर्तन जैसे सुधार दक्षता में सुधार करते हैं। 
  • रोजगार: बुनियादी ढाँचे, कौशल विकास और कल्याण कार्यक्रमों के लिए बजट आवंटन रोजगार सृजित करते हैं और गरीबी को कम करते हैं।
  •  विदेशी निवेश: अनुकूल नीतियाँ व्यापार करने में आसानी में सुधार करके प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करती हैं। 
  • सामाजिक कल्याण: कल्याण व्यय और सब्सिडी में वृद्धि गरीबी को कम करने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायता करती है। 
  • शेयर बाजार प्रभाव: बजट कराधान, उद्योग प्रोत्साहन और सुधारों से संबंधित नीतिगत परिवर्तनों के आधार पर बाजार की भावना को प्रभावित करता है। 
  • स्थिरता: हरित बुनियादी ढाँचे और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश सतत विकास को बढ़ावा देता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करता है।
वित्तीय नियम
– राजकोषीय नियम विशिष्ट नीति लक्ष्य प्रदान करते हैं जिनके आधार पर राजकोषीय नीति बनाई जाती है। 
– भारत के मामले में, इसका वर्तमान राजकोषीय नियम एन.के. सिंह समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों द्वारा निर्देशित है। 
– इसके तीन नीतिगत लक्ष्य हैं – ऋण-GDP अनुपात (स्टॉक लक्ष्य), राजकोषीय घाटा-GDP अनुपात (प्रवाह लक्ष्य) और राजस्व घाटा-GDP अनुपात (संरचना लक्ष्य) का एक विशिष्ट स्तर बनाए रखना।

Source: TH

 

Other News of the Day

पाठ्यक्रम :GS 2/शासन व्यवस्था समाचार में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024 से पता चला है कि सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में नामांकन पूर्व-महामारी के स्तर पर लौट आया है। वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) असर(aser) शब्द का तात्पर्य हिंदुस्तानी में ‘प्रभाव’ होता है। यह देश भर में नागरिकों द्वारा संचालित घरेलू सर्वेक्षण है...
Read More

पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल संदर्भ नए अध्ययन से पता चला है कि निकोबारी लोग इस द्वीप पर कब आये। परिचय वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि निकोबारी समुदाय के ऑस्ट्रोएशियाटिक पूर्वज 11,000 वर्ष पूर्व पहले इस द्वीप पर आए थे। नए अध्ययन से पता चला है कि वे लगभग 5,000 वर्ष वर्ष इस द्वीप पर आए थे। अपने...
Read More

पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध; भारत और उसके पड़ोसी संदर्भ एक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारत और चीन ने इस ग्रीष्मकाल में कैलाश मानसरोवर यात्रा पुनः शुरू करने की घोषणा की है, जो उनके राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। भारत-चीन संबंधों का ऐतिहासिक अवलोकन प्रारंभिक राजनयिक संबंध: भारत 1950 में पीपुल्स रिपब्लिक...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था समाचार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME ) ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के सहयोग से MSME व्यापार सक्षमता और विपणन (TEAM) पहल शुरू की है। मुख्य विशेषताएँ बजट: तीन वर्षों (वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2026-27) में ₹277.35 करोड़। लक्ष्यित लाभार्थी: 5 लाख MSMEs (50% महिला-नेतृत्व...
Read More

पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान प्रौद्योगिकी संदर्भ हाल ही में, इसरो ने एम. मोहन को तिरुवनंतपुरम में तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र का निदेशक नियुक्त किया। तरल प्रणोदन प्रणाली के बारे में तरल प्रणोदन प्रणालियाँ प्रणोद उत्पन्न करने के लिए तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) जैसे तरल प्रणोदकों का उपयोग करती हैं।  इन प्रणालियों को उनकी उच्च...
Read More

लीबिया लोबो सरदेसाई को पद्म श्री से सम्मानित किया गया पाठ्यक्रम: GS1/ व्यक्तित्व समाचार में 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई को हाल ही में गोवा मुक्ति आंदोलन में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। लीबिया लोबो सरदेसाई के बारे में प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा: 25 मई 1924 को पुर्तगाली...
Read More
scroll to top