पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- हाल ही में, इसरो ने एम. मोहन को तिरुवनंतपुरम में तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र का निदेशक नियुक्त किया।
तरल प्रणोदन प्रणाली के बारे में
- तरल प्रणोदन प्रणालियाँ प्रणोद उत्पन्न करने के लिए तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) जैसे तरल प्रणोदकों का उपयोग करती हैं।
- इन प्रणालियों को उनकी उच्च दक्षता, नियंत्रणीयता और कई बार पुनः आरंभ करने की क्षमता के कारण ठोस प्रणोदन प्रणालियों की तुलना में अधिक पसंद किया जाता है।
इसरो का तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (LPSC)
- यह इसरो के अंतर्गत एक प्रमुख सुविधा है, जो इसरो के प्रक्षेपण वाहनों के लिए तरल प्रणोदन चरणों के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है।
- इसकी दो इकाइयाँ तिरुवनंतपुरम (वलियमाला) और बेंगलुरु में स्थित हैं, जिनमें से प्रत्येक तरल प्रणोदन प्रणालियों के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
हालिया घटनाक्रम
- गगनयान मिशन: इसरो ने गगनयान परियोजना के प्रथम मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल में उन्नत द्रव प्रणोदन प्रणाली को एकीकृत किया है।
- क्रू मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (CMPS) एक द्वि-प्रणोदक आधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (RCS) है जिसे अवतरण और पुनः प्रवेश चरणों के दौरान सटीक तीन-अक्ष नियंत्रण (पिच, यॉ और रोल) के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- क्रायोजेनिक अपर स्टेज: इसरो ने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) के लिए एक स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज विकसित किया है।
- इसने अंतरिक्ष में भारी पेलोड लॉन्च करने में भारत की क्षमताओं को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है।
- सैटेलाइट प्रोपल्शन सिस्टम: LPSC उपग्रहों के लिए प्रणोदन प्रणाली विकसित करने के लिए उत्तरदायी है, जिसमें मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर्स एवं सैटेलाइट नियंत्रण और पैंतरेबाज़ी के लिए घटक शामिल हैं।
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संक्षिप्त समाचार 29-01-2025