विश्व पर्यटन दिवस

पाठ्यक्रम: GS1/संस्कृति; GS3/अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • भारत ने विश्व पर्यटन दिवस 2025 मनाया, जिसमें सतत पर्यटन को प्रमुखता दी गई और विकसित भारत की दृष्टि को आगे बढ़ाया गया।

परिचय 

  • विश्व पर्यटन दिवस, प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) की एक पहल है। 
  • यह 1970 में UNWTO के अधिनियमों को अपनाने की स्मृति में मनाया जाता है और प्रथम बार 1980 में आयोजित किया गया था। 
  • 2025 का विषय है — “पर्यटन और सतत परिवर्तन।”

भारत के पर्यटन क्षेत्र की स्थिति 

  • आर्थिक योगदान: भारत की अर्थव्यवस्था $4 ट्रिलियन है, जो 2047 तक $32 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है।
    •  पर्यटन वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था में 5–6% का योगदान देता है। 
  • पर्यटक आगमन: अगस्त 2025 तक भारत में लगभग 56 लाख विदेशी पर्यटक आगमन (FTA) और 303.59 करोड़ घरेलू पर्यटक यात्राएँ दर्ज की गईं।
    • वहीं, इसी अवधि में भारत से बाहर जाने वाले पर्यटकों की संख्या 84.4 लाख रही। 
  • वैश्विक मान्यता: भारत में 44 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं और सांस्कृतिक व प्राकृतिक आकर्षणों की विविधता है। 
  • वैश्विक रैंकिंग: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स 2024 के अनुसार भारत 119 देशों में 39वें स्थान पर है। 
  • प्रमुख राज्य और पर्यटन स्थल: उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में अग्रणी है, ताजमहल और वाराणसी जैसे आकर्षणों के कारण।
    • ताजमहल भारत का सबसे अधिक देखा जाने वाला ASI टिकट वाला स्मारक बना हुआ है, जिसने 2023 में 61 लाख घरेलू और 6.8 लाख विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया।

पर्यटन क्षेत्र का महत्व 

  • GDP वृद्धि: यात्रा और पर्यटन भारत का सबसे बड़ा सेवा उद्योग है।
    • इसने 2023–24 में ₹15.73 लाख करोड़ का योगदान दिया, जो कुल अर्थव्यवस्था का 5.22% था। 
  • विदेशी मुद्रा: पर्यटन ने जून 2025 तक ₹51,532 करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित की। 
  • रोजगार: इसने 3.69 करोड़ प्रत्यक्ष और 4.77 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न किए, जो कुल रोजगार का 13.34% है। 
  • धरोहर संरक्षण: पर्यटन ऐतिहासिक स्मारकों, मंदिरों, किलों और अन्य धरोहर स्थलों के पुनर्निर्माण एवं रखरखाव को प्रोत्साहित करता है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनका संरक्षण सुनिश्चित होता है। 
  • सॉफ्ट पावर कूटनीति: पर्यटन भारत की समृद्ध संस्कृति, कला और इतिहास को विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर सॉफ्ट पावर कूटनीति का प्रभावशाली साधन बनता है।

पर्यटन क्षेत्र की चुनौतियाँ 

  • अधिक आउटबाउंड बनाम कम इनबाउंड पर्यटन: भारत से बाहर जाने वाले पर्यटकों की संख्या आने वाले पर्यटकों की तुलना में कहीं अधिक है, जिससे पर्यटन व्यापार असंतुलन और विदेशी मुद्रा की संभावित हानि होती है। 
  • अवसंरचना बाधाएँ: सीमित अंतिम-मील संपर्क, अपर्याप्त सुविधाएँ और लोकप्रिय स्थलों पर भीड़भाड़ पर्यटक अनुभव की गुणवत्ता को कम करते हैं। 
  • पर्यावरणीय क्षरण: पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों जैसे हिल स्टेशन और तटीय क्षेत्रों में अधिक पर्यटन से प्रदूषण, आवास हानि एवं संसाधनों पर दबाव बढ़ता है। 
  • सुरक्षा और स्वच्छता संबंधी चिंताएँ: महिलाओं की सुरक्षा, धोखाधड़ी, स्वच्छता और सफाई की समस्याएँ भारत की वैश्विक छवि को प्रभावित करती हैं तथा विदेशी पर्यटकों को हतोत्साहित करती हैं। 
  • मौसमीता: कई पर्यटन स्थलों पर मौसमी उतार-चढ़ाव होते हैं, जहाँ पीक सीजन में पर्यटकों की संख्या अधिक होती है और ऑफ-सीजन में कम। 
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा: सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा के बावजूद, भारत WEF के ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स 2024 में केवल 39वें स्थान पर है, जो वैश्विक समकक्षों की तुलना में अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
पर्यटन क्षेत्र की चुनौतियाँ 

उपाय और पहलें 

  • संपर्क और निवेश को बढ़ाना: 2025 के बजट में वित्त मंत्री ने राज्यों के साथ साझेदारी में चुनौती मोड के माध्यम से 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकसित करने की ऐतिहासिक पहल की घोषणा की। 
  • स्वदेश दर्शन योजना: 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय ने देशभर में थीम आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए स्वदेश दर्शन योजना शुरू की।
    • ₹5,290.30 करोड़ की लागत से 76 परियोजनाएँ स्वीकृत की गईं, जिनमें से 75 परियोजनाएँ भौतिक रूप से पूर्ण हो चुकी हैं। 
  • PRASHAD योजना: पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में तीर्थ स्थलों पर पर्यटक सुविधा, पहुँच, सुरक्षा और सफाई सुधारने के लिए तीर्थ पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक धरोहर संवर्धन अभियान (PRASHAD) शुरू किया। 
  • देखो अपना देश पहल: पर्यटन मंत्रालय ने 2020 में देश में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल शुरू की। 
  • राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता (SASCI): वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्र विकसित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने जुलाई 2025 में SASCI योजना शुरू की। 
  • वीजा सुधार: कई देशों के नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा की शुरुआत ने भारत आने के लिए वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
    • इसका उद्देश्य अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना है। 
  • 2025-26 के बजट में रोजगार-आधारित वृद्धि को बढ़ावा देने के उपाय:
    • होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना;
    • राज्यों को पर्यटक सुविधाओं, सफाई और विपणन प्रयासों सहित गंतव्य प्रबंधन की प्रभावशीलता के लिए प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन देना;
    • कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा शुल्क छूट के साथ सुव्यवस्थित ई-वीजा सुविधाओं की शुरुआत।

निष्कर्ष 

  • भारत में विगत कुछ वर्षों में पर्यटन का विकास उल्लेखनीय रहा है, जिसने देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक छवि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
  • धरोहर स्थलों से लेकर आधुनिक अवसंरचना तक, भारत के विविध आकर्षण प्रत्येक वर्ष लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 
  • ‘सेवा’ और ‘अतिथि देवो भव’ के मूल्यों पर बल देते हुए, भारत अपने पर्यटन परिदृश्य को पुनर्परिभाषित करने एवं स्वयं को एक विश्व स्तरीय गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

Source: PIB

 

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