पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और फ्रांस की सफ़रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस (SED) ने भारत में HAMMER प्रिसिजन-गाइडेड एयर-टू-ग्राउंड हथियार प्रणाली के निर्माण के लिए एक संयुक्त उद्यम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
परिचय
- यह समझौता 2025 में एयरो इंडिया के दौरान हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन का अनुसरण करता है।
- योजना के अंतर्गत, भारत में 50:50 हिस्सेदारी वाली एक संयुक्त उद्यम कंपनी स्थापित की जाएगी।
- संयुक्त उद्यम भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए HAMMER हथियार प्रणाली के निर्माण, आपूर्ति एवं रखरखाव का स्थानीयकरण करेगा।
- स्वदेशीकरण धीरे-धीरे लगभग 60% तक बढ़ने की संभावना है, जिसमें उप-असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक्स और यांत्रिक भाग शामिल होंगे।
- HAMMER (अत्यधिक फुर्तीला मॉड्यूलर आयुध विस्तारित रेंज) अत्यधिक फुर्तीला है और लद्दाख जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में संचालन के लिए उपयुक्त है।
- ग्लाइड बम के रूप में भी जाना जाने वाला HAMMER प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों की सीमा 70 किमी तक होती है और इसे 250 किग्रा, 500 किग्रा, 1,000 किग्रा वजन वाले मानक बमों पर लगाया जा सकता है।
- यह कई लड़ाकू विमानों के साथ संगत है, जिनमें राफेल और हल्के लड़ाकू विमान तेजस शामिल हैं।
- 70 किमी तक की सीमा के साथ, यह शत्रु वायु रक्षा कवरेज के बाहर से स्टैंड-ऑफ हमलों को सक्षम बनाता है।
भारत-फ्रांस संबंधों की प्रमुख विशेषताएँ
- भारत–फ्रांस रणनीतिक साझेदारी: यह 26 जनवरी 1998 को शुरू हुई थी और यह भारत की प्रथम रणनीतिक साझेदारी है।
- मुख्य दृष्टि: रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाना और द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करना।
- मुख्य रणनीतिक स्तंभ: रक्षा और सुरक्षा, नागरिक परमाणु सहयोग एवं अंतरिक्ष सहयोग।
- विस्तारित क्षेत्र: इंडो-पैसिफिक सहयोग, समुद्री सुरक्षा, डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, उन्नत प्रौद्योगिकियाँ और आतंकवाद-रोधी उपाय।
- रक्षा सहयोग: वार्षिक रक्षा संवाद (मंत्री-स्तर) और उच्च रक्षा सहयोग समिति (HCDC) (सचिव-स्तर) के माध्यम से समीक्षा की जाती है।
- राफेल लड़ाकू विमान: भारत ने डसॉल्ट एविएशन से राफेल खरीदे।
- स्कॉर्पीन पनडुब्बियाँ (प्रोजेक्ट P-75): फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ सहयोग, भारत में 6 पनडुब्बियाँ बनाई गईं; नवीनतम है INS वाघशीर।
- लड़ाकू विमान इंजन विकास: HAL और फ्रांस की सफ़रान हेलीकॉप्टर इंजन्स ने IMRH कार्यक्रम के अंतर्गत इंजन सह-विकास के लिए समझौता किया।
- हाल ही में दोनों देशों ने भारतीय नौसेना के लिए राफेल-M लड़ाकू विमानों की खरीद हेतु एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) को औपचारिक रूप से पूरा किया।
- भविष्य की योजनाएँ: आगामी पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजनों का सह-विकास।
- संयुक्त अभ्यास: शक्ति, वरुणा, FRINJEX-23।
- आर्थिक सहयोग: यूरोपीय संघ के अंदर, फ्रांस भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, नीदरलैंड, बेल्जियम, इटली और जर्मनी के बाद।
- 2023-24 में भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्यापार विगत दशक में दोगुने से अधिक होकर 15.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- दोनों देश संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकियों का विकास और वर्तमान प्रौद्योगिकियों का एकीकरण करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।
- फ्रांस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को सक्षम बनाने की प्रक्रिया सफल रही है।
- फ्रांसीसी प्रौद्योगिकियाँ विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, सतत निर्माण और शहरी अवसंरचना विकास में भारत में एकीकृत की जा रही हैं।
- अंतरिक्ष सहयोग: ISRO और CNES (फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी) के बीच 60 वर्षों से अधिक का सहयोग है।
- फ्रांस अंतरिक्ष घटकों, प्रक्षेपण सेवाओं (Arianespace) का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
- संयुक्त मिशन: TRISHNA (उपग्रह मिशन), MDA सिस्टम, ग्राउंड स्टेशन समर्थन।
- ऊर्जा सहयोग:
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): 2015 में भारत और फ्रांस द्वारा विश्व स्तर पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सह-स्थापित।
- परमाणु ऊर्जा सहयोग: इंडो-फ्रेंच रणनीतिक संवाद के ढाँचे में परमाणु ऊर्जा पर विशेष कार्य बल की प्रथम बैठक 2025 में आयोजित की गई।
- दोनों पक्षों ने कम और मध्यम शक्ति वाले मॉड्यूलर रिएक्टर या छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) और उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टर (AMR)/ पर साझेदारी स्थापित करने पर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
- समुदाय: फ्रांस में अनुमानित 1,19,000 भारतीय समुदाय हैं, जो मुख्य रूप से पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेशों से उत्पन्न हुए हैं।
चिंता के क्षेत्र
- व्यापार असंतुलन: द्विपक्षीय व्यापार क्षमता से कम है, विशेषकर भारत के अन्य यूरोपीय संघ देशों के साथ व्यापार की तुलना में।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और रक्षा प्रतिबंध: यद्यपि फ्रांस ने भारत के रक्षा लक्ष्यों का समर्थन किया है, बड़े रक्षा उपकरणों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की गहराई को लेकर चिंताएँ हैं।
- परमाणु दायित्व चिंताएँ: 2008 में नागरिक परमाणु समझौते और जैतापुर में रिएक्टरों की योजनाओं के बावजूद प्रगति धीमी रही है।
- नागरिक परमाणु क्षति अधिनियम (2010) फ्रांसीसी कंपनियों के लिए बाधाएँ उत्पन्न करता है क्योंकि यह परमाणु दुर्घटना की स्थिति में आपूर्तिकर्ताओं पर दायित्व लगाता है।
- भूराजनीतिक अंतर: चीन के साथ फ्रांस के मजबूत आर्थिक संबंध कभी-कभी इंडो-पैसिफिक मुद्दों पर भारत के साथ पूर्ण संरेखण को कमजोर कर सकते हैं।
- मध्य पूर्व की राजनीति (जैसे ईरान, इज़राइल–फिलिस्तीन पर रुख) के प्रति दृष्टिकोण में कभी-कभी अंतर होता है।
निष्कर्ष
- भारत–फ्रांस रक्षा सहयोग उनकी व्यापक रणनीतिक साझेदारी का आधार है।
- संप्रभुता, बहुपक्षवाद और क्षेत्रीय स्थिरता में साझा हितों के साथ, दोनों देश होराइज़न 2047 दृष्टि के अंतगर्त संबंधों को ऊँचा करने के लिए तैयार हैं — जिससे रक्षा संबंध अधिक सहयोगात्मक, नवोन्मेषी और निर्यात-उन्मुख बनेंगे।
Source: BS