पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- औद्योगिक पार्क भारत की औद्योगिक और नवाचार रणनीति का एक प्रमुख साधन बनकर उभरे हैं, जो तीव्र विनिर्माण वृद्धि, अधिक निवेश, रोजगार सृजन एवं सतत विकास को सक्षम बनाते हैं।
औद्योगिक पार्क क्या है?
- औद्योगिक पार्क एक नियोजित और सीमांकित क्षेत्र होता है जिसे विशेष रूप से औद्योगिक उपयोग के लिए विकसित किया जाता है। इसमें सामान्य सुविधाएँ होती हैं जैसे विद्युत, जल, आंतरिक सड़कें, अपशिष्ट प्रबंधन, परीक्षण प्रयोगशालाएँ, लॉजिस्टिक्स सेवाएँ और सुरक्षा।
- ये पार्क सामान्यतः एक समर्पित प्राधिकरण या डेवलपर द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जो भूखंडों के आवंटन, अवसंरचना के रखरखाव, नियामक अनुपालन और औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के दीर्घकालिक विकास के लिए उत्तरदायी होते हैं।
भारत में औद्योगिक पार्क की स्थिति
- DPIIT द्वारा विकसित IILB, एक GIS-सक्षम प्लेटफ़ॉर्म ने पूरे भारत में लगभग 4,500+ औद्योगिक पार्कों का मानचित्रण किया है, जो कई लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं, जिनमें नए निवेशों के लिए पर्याप्त भूमि अभी भी खाली है।
- औद्योगिक पार्क रेटिंग सिस्टम (IPRS) 3.0 के अंतर्गत, पार्कों को “लीडर्स”, “चैलेंजर्स” और “एस्पायरर्स” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण अवसंरचना की गुणवत्ता, संपर्कता, सेवाओं और औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित है, जो पार्कों के प्रदर्शन का राष्ट्रीय स्नैपशॉट प्रदान करता है।
औद्योगिक पार्क का महत्व
- ये तैयार-उपयोग भूमि, सामान्य अवसंरचना और सुव्यवस्थित अनुमतियों के माध्यम से प्रवेश बाधाओं एवं लेन-देन लागत को कम करते हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है और घरेलू व विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जाता है।
- पार्क ऐसे क्लस्टर बनाते हैं जो पैमाने की अर्थव्यवस्था, आपूर्ति-श्रृंखला एकीकरण, नवाचार प्रसार और MSME भागीदारी को बढ़ावा देते हैं, जिससे भारत का विनिर्माण आधार एवं निर्यात क्षमता सुदृढ़ होती है।
- हरित अवसंरचना और संसाधन दक्षता पर बढ़ते जोर के साथ, औद्योगिक पार्क पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार औद्योगिकीकरण और समावेशी, रोजगार-समृद्ध विकास के साधन भी बन रहे हैं।

प्रमुख चुनौतियाँ
- पार्कों में असमान गुणवत्ता: कई पार्क खराब अंतिम-मील संपर्कता, अविश्वसनीय उपयोगिताओं और अपर्याप्त सामाजिक अवसंरचना का सामना करते हैं, जबकि IPRS 3.0 के “लीडर” पार्कों की स्थिति बेहतर है।
- भूमि और शासन संबंधी मुद्दे: भूमि अधिग्रहण में देरी, खंडित स्वामित्व, कमजोर पार्क-स्तरीय प्रबंधन और शहरी/स्थानीय निकायों के साथ समन्वय की कमी वर्तमान पार्कों के इष्टतम उपयोग को बाधित करती है।
- पर्यावरणीय और सामाजिक चिंताएँ: प्रदूषण मानकों का अनुपालन न होना, अपर्याप्त सामान्य अपशिष्ट उपचार, और सीमित श्रमिक आवास, सुरक्षा व लैंगिक-संवेदनशील सुविधाएँ स्थानीय विरोध को जन्म दे सकती हैं।
आगे की राह
- IPRS 3.0 रेटिंग का उपयोग करके पिछड़े पार्कों को उन्नत करें और “चैलेंजर” तथा “एस्पायरर” पार्कों में संपर्कता, उपयोगिताओं, डिजिटल प्रणालियों एवं हरित अवसंरचना में निवेश को प्राथमिकता दें।
- कौशल पारिस्थितिकी तंत्र, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और स्टार्टअप क्लस्टरों के साथ गहन एकीकरण करें ताकि औद्योगिक पार्क केवल कारखानों के लिए भूमि बैंक न रहकर नवाचार के केंद्र बन सकें।
- पेशेवर पार्क प्रबंधन प्राधिकरणों, पारदर्शी उपयोग-शुल्क ढाँचे और सुदृढ़ पर्यावरणीय व सामाजिक सुरक्षा उपायों के माध्यम से शासन को सुदृढ़ करें, ताकि सतत और समावेशी औद्योगिकीकरण सुनिश्चित हो सके।
Source: PIB
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संक्षिप्त समाचार 23-12-2025