पाठ्यक्रम: GS3 / विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- चंद्रयान-2 मिशन ने सूर्य के कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के चंद्रमा पर प्रभाव का प्रथम बार अवलोकन किया है, जो इसके ऑनबोर्ड वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से किया गया।
अवलोकन के बारे में
- यह खोज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर पर स्थित पेलोड ‘चंद्र का वायुमंडलीय संघटन अन्वेषक-2’ (CHACE-2) द्वारा की गई।
- CHACE-2 ने चंद्रमा के सूर्यप्रकाशित एक्सोस्फीयर में कुल दबाव और आणविक घनत्व में तीव्र वृद्धि दर्ज की।
- CME वे घटनाएँ होती हैं जब सूर्य अपने निर्माण तत्वों की बड़ी मात्रा को बाहर निकालता है, जो मुख्यतः हीलियम और हाइड्रोजन आयनों से बने होते हैं।

चंद्र एक्सोस्फीयर की संरचना
- चंद्रमा का वायुमंडल अत्यंत वायरल होता है, जिसे एक्सोस्फीयर के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि चंद्र वातावरण में गैस के परमाणु और अणु एक-दूसरे के साथ बहुत कम संपर्क करते हैं।
- एक्सोस्फीयर की सीमा चंद्रमा की सतह होती है, इसलिए चंद्रमा का एक्सोस्फीयर ‘सतह सीमा एक्सोस्फीयर’ की श्रेणी में आता है।
- चंद्र एक्सोस्फीयर निम्नलिखित प्रक्रियाओं से बनता है:
- सौर विकिरण,
- सौर पवन (हाइड्रोजन, हीलियम और कुछ भारी तत्वों के आयन), और
- उल्कापिंडों के टकराव, जो सतह के परमाणुओं को अंतरिक्ष में छोड़ते हैं।
- पृथ्वी के विपरीत, चंद्रमा के पास कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं होता, जिससे वह CME के प्रभाव के लिए सीधे खुला रहता है।
| चंद्रयान-2 – चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चंद्र मिशन था, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2019 में GSLV-MkIII-M1 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया था। – इसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर (विक्रम), और एक रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। – CHACE-2 पेलोड का उद्देश्य: चंद्रमा के न्यूट्रल एक्सोस्फीयर की संरचना, वितरण और परिवर्तनशीलता का अध्ययन करना। |
अवलोकन का महत्व
- यह चंद्र एक्सोस्फीयर की गतिशीलता और बिना वायुमंडल वाले खगोलीय पिंडों पर अंतरिक्ष मौसम के प्रभावों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
- सूर्य–चंद्रमा के परस्पर क्रियाओं की समझ को बढ़ाता है, जिससे बेहतर अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान मॉडल विकसित किए जा सकते हैं।
- भविष्य के चंद्र मिशनों और आवासों के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान प्रदान करता है, विशेष रूप से 2040 तक चंद्रमा पर मानव उपस्थिति के संदर्भ में।
- ग्रह विज्ञान और अंतरिक्ष पर्यावरण निगरानी में भारत की बढ़ती क्षमता को सुदृढ़ करता है।
Source: AIR
Previous article
भारत में गरीबी के उभरते आयाम