पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- स्वच्छ पौध कार्यक्रम (CPP) अब दृष्टिकोण से क्रियान्वयन की ओर बढ़ रहा है, जिसमें नर्सरी प्रमाणन, अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण, फसल-विशिष्ट निदान प्रोटोकॉल और वित्त पोषण दिशानिर्देश जैसी क्षेत्रीय पहलें शामिल हैं।
स्वच्छ पौध कार्यक्रम (CPP)
- यह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एशियाई विकास बैंक के सहयोग से परिकल्पित किया गया था।
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से कार्यान्वयन और निष्पादन एजेंसी के रूप में कार्य करता है, जो तकनीकी प्रगति की निगरानी करता है तथा क्षमता निर्माण को बढ़ावा देता है।
- यह एक अभिनव पहल है जिसका उद्देश्य प्रमुख फल फसलों के लिए स्वस्थ, रोग-मुक्त रोपण सामग्री सुनिश्चित करना है।
CPP की प्रमुख विशेषताएं
- किसान: वायरस-मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री तक पहुंच, जिससे फसल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय के अवसरों में वृद्धि होगी।
- नर्सरी: प्रमाणन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और बुनियादी ढांचे का समर्थन प्रदान करता है, जिससे नर्सरी स्वच्छ रोपण सामग्री का प्रभावी प्रचार कर सकें तथा विकास व स्थायित्व को बढ़ावा दें।
- उपभोक्ता: वायरस-मुक्त श्रेष्ठ उत्पाद प्रदान करता है, जिससे फलों का स्वाद, रूप और पोषण मूल्य बेहतर होता है।
- निर्यात: उच्च गुणवत्ता वाले, रोग-मुक्त फलों पर ध्यान केंद्रित करके भारत की वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थिति को सुदृढ़ करता है।
- समानता और समावेशिता: सभी किसानों के लिए सुलभ स्वच्छ पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, प्रशिक्षण और संसाधनों के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देता है, और भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप क्षेत्र-विशिष्ट किस्मों का विकास करता है।
महत्व
- CPP भारत के बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तैयार है, साथ ही मिशन LiFE और वन हेल्थ पहल के साथ संरेखित होकर टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है।
- इसके अतिरिक्त, पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के माध्यम से CPP किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने में सहायता करता है, क्योंकि बढ़ते तापमान न केवल चरम मौसम घटनाओं को उत्पन्न करते हैं बल्कि कीट एवं रोगों के व्यवहार को भी प्रभावित करते हैं।
- CPP एक केंद्रीय प्रायोजित योजना मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) का पूरक है, जिसे 2014–15 में बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शुरू किया गया था।
चिंताएँ
- जलवायु परिवर्तन और पौधों के रोग, विशेष रूप से वायरस जनित, भारत में प्रमुख कृषि हानि का कारण बन रहे हैं, जबकि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
- ये खतरे फसल की उपज, गुणवत्ता और जीवनकाल को कम करते हैं, तथा एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इनका प्रबंधन कठिन हो जाता है।
- रोग-मुक्त रोपण सामग्री का उपयोग सबसे प्रभावी समाधान है।
निष्कर्ष और आगे की राह
- स्वच्छ पौध कार्यक्रम (CPP) लगातार आगे बढ़ रहा है, जिसमें कई पहलें पहले से ही शुरू हो चुकी हैं और प्रभाव को बढ़ाने के लिए एवं योजनाएं बनाई जा रही हैं।
- आगामी चरण में, कार्यक्रम बुनियादी स्तर पर ठोस कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा जैसे कि प्रमाणन के लिए नर्सरियों के साथ व्यापक परामर्श, संबंधित अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास, साइट्रस के लिए खतरा विश्लेषण प्रोटोकॉल का निर्माण, और आम, अमरूद, लीची, एवोकाडो एवं ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलों के लिए निदान प्रोटोकॉल तैयार करना।
| मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) – यह पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए व्यक्तिगत एवं सामुदायिक कार्रवाई को प्रेरित करने वाला भारत-नेतृत्व वाला वैश्विक जन आंदोलन है। – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP26 में प्रस्तुत किया गया, यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्रकृति के साथ सामंजस्य को बढ़ावा देती है। – यह व्यक्तियों और समुदायों के प्रयासों को सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन के वैश्विक जन आंदोलन में बदलने का प्रयास करता है। राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन – वन हेल्थ एक बहु-विषयक दृष्टिकोण है जो मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्रों को एकजुट करता है ताकि स्वास्थ्य, उत्पादकता और संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों का समाधान किया जा सके। – भारत में, जहां विश्व की सबसे बड़ी पशुधन जनसंख्या, विविध वन्यजीव, घनी मानव जनसंख्या और विविध वनस्पति पाई जाती है, वहां सह-अस्तित्व के अवसरों के साथ-साथ रोग प्रसार के जोखिम भी हैं। |
Source :PIB
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