मसौदा सामग्री प्रसारण नीति, 2025
पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
संदर्भ
- प्रसार भारती ने सांस्कृतिक पहुँच को बढ़ावा देने और सामग्री का मुद्रीकरण करने के लिए मसौदा सामग्री प्रसारण नीति, 2025 तैयार की है।
परिचय
- इस नीति का उद्देश्य दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा निर्मित सामग्री, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय अभिलेखीय सामग्री, तथा लाइव कवरेज (सरकारी कार्यक्रम, त्यौहार, खेल आदि) का मुद्रीकरण करना है।
- इसमें प्रसार भारती के OTT प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित डिजिटल-प्रथम सामग्री को भी शामिल किया गया है।
- नीति में प्रसार भारती के स्वामित्व वाली आदेशित, सह-निर्मित, लाइसेंस प्राप्त और अन्य सामग्री के मुद्रीकरण का भी प्रस्ताव है।
- मसौदा नीति घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्मों के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की परिकल्पना करती है, ताकि प्रसार भारती की सामग्री की पहुँच का विस्तार हो और वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक उपस्थिति बेहतर हो।
- इसमें लचीले लाइसेंसिंग मॉडल जैसे फ्लैट शुल्क, राजस्व साझेदारी, न्यूनतम गारंटी के साथ राजस्व साझेदारी का प्रावधान है।
स्रोत: AIR
2050 तक 900 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित होने की संभावना
पाठ्यक्रम: GS2 / स्वास्थ्य
संदर्भ
- अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) डायबिटीज़ एटलस के 11वें संस्करण में 2050 तक मधुमेह की वैश्विक प्रसार दर में तीव्र वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक भार का पैमाना
- 20–79 वर्ष आयु वर्ग के मधुमेह रोगियों की संख्या 2024 में लगभग 580 मिलियन वयस्कों से बढ़कर 2050 तक 850–900 मिलियन तक पहुँचने की संभावना है।
- मधुमेह का प्रसार 2024 में वैश्विक वयस्क जनसंख्या का 11.11% से बढ़कर 2050 में 12.96% तक पहुँचने की संभावना है।
- यह आकलन 210 देशों और पाँच क्षेत्रों को कवर करता है, जिससे यह अब तक का सबसे व्यापक वैश्विक मूल्यांकन बन जाता है।
- 2024 में स्थिति:
- चीन लगभग 148 मिलियन मधुमेह रोगियों के साथ प्रथम स्थान पर है।
- भारत लगभग 90 मिलियन रोगियों के साथ दूसरे स्थान पर है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरे स्थान पर है, इसके बाद पाकिस्तान आता है।
- 2050 तक चीन और भारत के शीर्ष दो स्थान बनाए रखने का अनुमान है।
मधुमेह क्या है?
- मधुमेह एक दीर्घकालिक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर को रक्त शर्करा (ग्लूकोज़) स्तर को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है।
- यह तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन (एक हार्मोन जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है) का उत्पादन नहीं करता या उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी उपयोग नहीं करता।
मधुमेह के प्रकार:
- टाइप 1 मधुमेह: शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता और यह सामान्यतः बचपन या किशोरावस्था में विकसित होता है।
- टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में पाया जाता है, हालाँकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
- टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए प्रतिदिन इंसुलिन लेना आवश्यक होता है।
- टाइप 2 मधुमेह: शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं करता (इंसुलिन प्रतिरोध), जो प्रायः जीवनशैली कारकों के कारण होता है और सामान्यतः वयस्कों में विकसित होता है।
- टाइप 2 मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है, यहाँ तक कि बचपन में भी। हालाँकि, यह मधुमेह का प्रकार सबसे अधिक मध्यम आयु और वृद्ध लोगों में पाया जाता है।
- टाइप 2 मधुमेह सबसे सामान्य प्रकार है।
मधुमेह का प्रबंधन :
- यदि मधुमेह का प्रबंधन न किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, गुर्दे की समस्या और नसों की क्षति का कारण बन सकता है।
- मधुमेह का प्रबंधन सामान्यतः आहार, व्यायाम, दवा और नियमित रक्त शर्करा निगरानी के संयोजन से किया जाता है।
Source: TH
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के लिए नया लोगो
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
समाचार में
- भारत सरकार ने NABARD के सहयोग से “वन RRB, वन लोगो” पहल के अंतर्गत सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के लिए एक साझा लोगो जारी किया है। यह पूरे देश में RRBs की पहचान को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
“वन RRB, वन लोगो” पहल क्या है?
- यह एक सुधारात्मक कदम है, जिसके अंतर्गत भारत में संचालित 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए एक समान दृश्य पहचान प्रस्तुत की जाएगी।
- इसे वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएँ विभाग (DFS) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया गया है।
- यह सभी RRB शाखाओं, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, पासबुक, एटीएम, स्टेशनरी और ग्राहक इंटरफेस पर लागू होगा।

पहल के उद्देश्य
- एकीकृत पहचान: RRBs को बिखरी हुई क्षेत्रीय संस्थाओं के बजाय एक राष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली का भाग प्रस्तुत करना।
- ग्राहक विश्वास: आसान पहचान और विश्वसनीयता सुनिश्चित कर जनविश्वास को बढ़ाना।
- संचालनात्मक एकीकरण: हाल ही में हुए RRBs के विलय और एकीकरण का समर्थन करना।
- डिजिटल तत्परता: RRB ब्रांडिंग को आधुनिक बैंकिंग और डिजिटल वित्तीय सेवाओं के अनुरूप बनाना।
RRBs के बारे में
- RRBs की स्थापना क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत ऋण का विस्तार करने और छोटे किसानों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), कारीगरों और MSMEs की सेवा के लिए की गई थी।
- RRBs का स्वामित्व त्रिपक्षीय पैटर्न पर आधारित है:
- भारत सरकार – 50%
- संबंधित राज्य सरकार – 15%
- प्रायोजक बैंक – 35%
स्रोत: TH
आंध्र का रेयर अर्थ कॉरिडोर
पाठ्यक्रम: GS3 / विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
समाचार में
- आंध्र प्रदेश की 974 किलोमीटर लंबी तटरेखा को समुद्र तट खनिजों में निहित रेयर अर्थ तत्वों (REEs) के बड़े भंडार के कारण रणनीतिक महत्व प्राप्त हुआ है।
आंध्र का रेयर अर्थ कॉरिडोर क्या है?
- यह आंध्र प्रदेश के तट पर श्रीकाकुलम (उत्तर) से नेल्लोर (दक्षिण) तक फैला हुआ एक सतत खनिज-समृद्ध क्षेत्र है।
- यह समुद्र तट खनिजों से समृद्ध है, जैसे:
- मोनाज़ाइट (REEs और थोरियम का प्रमुख स्रोत)
- इल्मेनाइट, रूटाइल, ज़िरकॉन, गार्नेट और सिलिमेनाइट
- आंध्र प्रदेश के पास भारत के कुल मोनाज़ाइट भंडार का 30–35% हिस्सा है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 12–15 मिलियन टन है। इससे यह भारत के सबसे कम उपयोग किए गए महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में से एक बन जाता है।
रेयर अर्थ तत्व (REEs) क्या हैं?
- ये 17 तत्वों का एक समूह हैं: 15 लैंथेनाइड + स्कैंडियम + इट्रियम।
- यद्यपि भूगर्भीय रूप से प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, इन्हें “रेयर” कहा जाता है क्योंकि:
- ये कम सांद्रता में पाए जाते हैं, और
- इनका निष्कर्षण और प्रसंस्करण जटिल, पूंजी-गहन और प्रौद्योगिकी-गहन होता है।
- REEs का वर्गीकरण :
- लाइट REEs : लैंथेनम, सेरियम, नियोडिमियम, प्रसीओडिमियम, समेरियम आदि।
- हेवी REEs : डिस्प्रोसियम, टर्बियम, इट्रियम आदि।

Source: TOI
रतले परियोजना
पाठ्यक्रम: GS3/अवसंरचना
समाचार में
- हाल ही में, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) को सूचित किया कि किश्तवाड़ में निर्माणाधीन 850 मेगावाट रतले जलविद्युत परियोजना में कार्यरत 29 श्रमिकों के उग्रवादी संबंध या आपराधिक पृष्ठभूमि होने का आरोप है।
रतले जलविद्युत परियोजना (850 मेगावाट)
- अवस्थिति: जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के किश्तवाड़ ज़िले के द्रब्शल्ला के पास चेनाब नदी पर।
- प्रकार और क्षमता: नदी-प्रवाह आधारित योजना, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 850 मेगावाट है। इसमें 133 मीटर ऊँचा कंक्रीट ग्रैविटी बाँध और संबंधित भूमिगत विद्युत गृह शामिल हैं।
- स्वामित्व संरचना: रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा लागू, जो NHPC (51% इक्विटी) और JKSPDC (49% इक्विटी) का संयुक्त उपक्रम (JV) है।
स्रोत: IE
रिस्पॉन्ड बास्केट 2025
पाठ्यक्रम: GS3 / अंतरिक्ष
समाचार में
- हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रिस्पॉन्ड बास्केट 2025 लॉन्च किया।
रिस्पॉन्ड बास्केट 2025
- यह विभिन्न प्रमुख विश्वविद्यालयों और अन्य मान्यता प्राप्त शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों से ISRO के आगामी मिशनों तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान प्रस्ताव आमंत्रित करता है।
- यह ISRO की आगामी परियोजनाओं का समर्थन करता है, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन
- चंद्रयान-4
- गगनयान मिशन
- शुक्र ग्रह ऑर्बिटर
- मानव चंद्रमा अभियान
Source: TH
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संक्षिप्त समाचार 19-12-2025