पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
समाचार में
- विदेश मंत्रालय ने प्रस्तावित ओवरसीज़ मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2025 पर टिप्पणियाँ और सुझाव मांगे हैं।
परिचय
- प्रस्तावित ओवरसीज़ मोबिलिटी (सुविधा और कल्याण) विधेयक, 2025 व्यापक प्रवासन प्रबंधन की परिकल्पना करता है, और भारतीय नागरिकों के विदेशी रोजगार को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित एवं व्यवस्थित प्रवासन की व्यवस्था विकसित करके नियामक तंत्र स्थापित करता है।
- यह एक ऐसा ढांचा भी स्थापित करता है जो प्रवासियों के संरक्षण और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए नीतियाँ एवं योजनाएँ बनाने हेतु नीति क्रियाओं को प्रोत्साहित करता है।
- यह वर्तमान प्रवासन अधिनियम, 1983 की जगह लेगा।
विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ
- ओवरसीज़ मोबिलिटी और कल्याण परिषद की स्थापना: प्रवासन शासन के लिए सर्वोच्च निकाय के रूप में गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के सचिव द्वारा पदेन अध्यक्ष के रूप में की जाएगी।
- परिषद अधिकारों का प्रयोग करेगी, कार्यान्वयन की निगरानी करेगी, और विभिन्न मंत्रालयों एवं हितधारकों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी।
- संतुलित दृष्टिकोण: विदेश में गतिशीलता के अवसरों को प्रोत्साहित करता है, साथ ही कमजोर प्रवासी वर्गों (विशेष रूप से खाड़ी सहयोग परिषद एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में कम-कुशल श्रमिकों) की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- यह नैतिक भर्ती और निष्पक्ष श्रम प्रथाओं पर बल देगा।
- मोबिलिटी रिसोर्स सेंटर्स (MRCs): भारत भर में स्थापित किए जाएंगे ताकि संभावित प्रवासियों को जानकारी, संसाधन, परामर्श और प्रस्थान पूर्व प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
- इनका उद्देश्य विदेश जाने से पहले श्रमिकों की जागरूकता, कौशल समन्वयन और तैयारी को बढ़ाना है।
- डेटा-आधारित नीति प्रबंधन: भर्ती प्रवृत्तियों, शिकायतों और कल्याण परिणामों की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय प्रवासी डेटाबेस बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- विदेशी प्लेसमेंट एजेंसियों का मान्यता और विनियमन: सभी प्लेसमेंट एजेंसियों को सक्षम प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त करनी होगी।
- दंड और प्रवर्तन: सक्षम प्राधिकरण के आदेशों का उल्लंघन करने वाली विदेशी प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सख्त दंड — प्रत्येक उल्लंघन पर ₹5 लाख से कम का जुर्माना नहीं होगा।
Source: PIB
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