संथारा
पाठ्यक्रम: GS1/संस्कृति
संदर्भ
- ब्रेन ट्यूमर का सामना कर रही तीन वर्ष की बच्ची की मृत्यु उसके माता-पिता द्वारा जैन धर्म के संथारा अनुष्ठान में शामिल करने के बाद हुई।
संथारा क्या है?
- संथारा – जिसे सल्लेखना या समाधि मरण भी कहा जाता है –
- जैन धर्म में एक पवित्र प्रतिज्ञा है, जिसमें व्यक्ति आध्यात्मिक वैराग्य के साथ
- मृत्यु को अपनाने के लिए धीरे-धीरे भोजन और पानी का त्याग करता है।
- यह आत्मा को कर्म से शुद्ध करने में सहायक माना जाता है।
- जैन धर्मग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि यह व्रत केवल तभी लिया जाना चाहिए
- जब मृत्यु निकट हो, या अत्यधिक वृद्धावस्था, असाध्य रोग,
- या अपरिहार्य कठिनाई (जैसे अकाल) की स्थिति में हो।
- उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति की दृष्टि इतनी खराब हो जाए कि
- वह अनजाने में जीवों को हानि पहुँचा सकता है –
- जिससे अहिंसा के सिद्धांत का उल्लंघन होता है – तो वह संथारा का चयन कर सकता है।
- हालाँकि, हाल ही में एक मासूम बच्ची की मृत्यु ने गंभीर नैतिक और कानूनी चिंताओं को जन्म दिया है।
- बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और चिकित्सा विशेषज्ञों का तर्क है
- कि एक बच्चा इस प्रकार के जीवन समाप्त करने वाले अनुष्ठान के लिए सूचित सहमति नहीं दे सकता,
- जो केवल आध्यात्मिक रूप से जागरूक वयस्कों के लिए होता है।
क्या संथारा कानूनी है?
- संथारा को लेकर कानूनी और धार्मिक हलकों में परिचर्चा 2015 में तेज हुई,
- जब राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस प्रथा को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत अपराध घोषित किया।
- हालाँकि, बाद में उच्चतम न्यायालय ने जैन धार्मिक संगठनों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस निर्णय पर रोक लगा दी,
- जिससे समुदाय के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को बनाए रखा गया।
Source: Mint
मंगर बानी
पाठ्यक्रम: GS1/प्राचीन इतिहास
प्रसंग
- मंगर में पुरातात्त्विक अनुसंधान ने निम्न पाषाण युग (200,000–500,000 वर्ष पूर्व) के पूर्व ऐतिहासिक उपकरणों और शिलाचित्रों की खोज की है।
मंगर बानी के बारे में
- मंगर बानी एक पाषाण युगीन पुरातात्त्विक स्थल और पवित्र वन क्षेत्र है,
- जो अरावली पर्वतमाला में दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित है।
- यह दिल्ली-NCR क्षेत्र के एकमात्र प्राथमिक वन के अंतर्गत आता है।
- हालाँकि, वन जैसी विशेषताओं के बावजूद, मंगर बानी को वन (संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत आधिकारिक रूप से वन घोषित नहीं किया गया है।
- प्राथमिक वन एक पारिस्थितिक रूप से परिपक्व पारितंत्र होता है,
- जो स्वाभाविक रूप से पुनर्जीवित और मानव गतिविधियों से न्यूनतम प्रभावित होता है,
- तथा इसमें स्थानीय वृक्ष प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
Source: HT
भारत में मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने के नियम
पाठ्यक्रम: GS2/ शासन
प्रसंग
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद, कई निर्वासित पाकिस्तानी नागरिकों के पास भारतीय पहचान दस्तावेज, जिनमें मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) शामिल हैं, पाए गए।
संवैधानिक और कानूनी रूपरेखा
- संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, प्रत्येक भारतीय नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, उसे लोकसभा और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानसभाओं के चुनावों में मतदान करने का अधिकार प्राप्त है।
- 1950 के जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत, कोई व्यक्ति निम्नलिखित स्थितियों में निर्वाचक सूची में पंजीकरण से अयोग्य होता है:
- यदि वह भारत का नागरिक नहीं है।
- यदि वह अक्षम मानसिक स्थिति में है, जैसा कि प्रासंगिक न्यायालय द्वारा घोषित किया गया हो।
- यदि वह चुनाव से संबंधित भ्रष्ट आचरण या अपराधों से जुड़ी किसी विधि के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया हो।
मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया
- भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) नए मतदाताओं को फॉर्म-6 के माध्यम से आवेदन करने का निर्देश देता है।
- आवेदकों को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं:
- आयु और पते का स्व-सत्यापित प्रमाण (जैसे विद्युत बिल, पासपोर्ट आदि)।
- भारतीय नागरिकता की घोषणा, जिसे उन्हें व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षरित करना आवश्यक है।
- नागरिकता का प्रमाण (जैसे पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र) कठोरता से आवश्यक नहीं होता,
- जब तक कि ERO को आवेदक की पहचान पर संदेह न हो।
- निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (EROs) और बूथ स्तर अधिकारी (BLOs) आवेदन सत्यापन के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रक्रिया में शामिल हैं:
- दस्तावेजों का सत्यापन।
- दावों और आपत्तियों की सुनवाई।
- आवेदन की स्वीकृति या अस्वीकृति।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 , मतदाता आवेदन में झूठे विवरण प्रस्तुत करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान करता है।
Source: IE
OPEC और OPEC+
पाठ्यक्रम: GS2/महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ
प्रसंग
- तेल की कीमतें कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुँच गई हैं, क्योंकि OPEC+ उत्पादन वृद्धि में तेजी लाने की योजना बना रहा है।
OPEC के बारे में
- ऑर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) एक अंतर-सरकारी संगठन है,
- जिसे 1960 में बगदाद सम्मेलन में सऊदी अरब, ईरान, वेनेजुएला, कुवैत और इराक द्वारा स्थापित किया गया था।
- वर्तमान में इसके 12 सदस्य हैं:
- अल्जीरिया, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, गैबोन, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला।
- संगठन का उद्देश्य तेल की माँग और आपूर्ति से संबंधित नीतियों का समन्वय करना,
- न्यायसंगत और स्थिर कीमतें सुनिश्चित करना, और
- तेल उत्पादक देशों को निरंतर आय प्रदान करना है।
- इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में स्थित है,
- हालाँकि ऑस्ट्रिया OPEC का सदस्य राष्ट्र नहीं है।
OPEC+
- OPEC+ के 22 सदस्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 10 प्रमुख तेल उत्पादक देश (रूस, कजाकिस्तान, अज़रबैजान, ब्रुनेई, बहरीन, मैक्सिको, ओमान, दक्षिण सूडान, सूडान और मलेशिया)।
- OPEC के 12 सदस्य।
- OPEC+ का गठन 2016 में हुआ, जब
- सितंबर 2016 में OPEC देशों ने ‘अल्जीयर्स समझौते’ को अपनाया, और
- नवंबर 2016 में OPEC व अन्य प्रमुख तेल निर्यातक देशों के बीच ‘वियना समझौते’ पर हस्ताक्षर हुए।
- इस कदम का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी शेल ऑयल उत्पादन में वृद्धि के कारण तेजी से गिरती तेल की कीमतों का सामना करना था।
Source: IE
NAMASTE (राष्ट्रीय मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र कार्य) योजना
पाठ्यक्रम :GS 2/सामाजिक न्याय
समाचार में
- बदायूं, उत्तर प्रदेश में ‘नमस्ते’ योजना कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
NAMASTE (नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम) योजना
- इसे जुलाई 2023 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से प्रारंभ किया गया था।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है।
- इसका उद्देश्य सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा, गरिमा और पुनर्वास सुनिश्चित करना है।
- यह खतरनाक मैनुअल सफाई को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करता है, और यांत्रिक, सुरक्षित व प्रशिक्षित स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
योजना के घटक
- सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (SSWs) का प्रोफाइलिंग।
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा कवरेज।
- SSWs का व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण।
- सफाई से संबंधित वाहनों/उपकरणों की खरीद के लिए अग्रिम पूँजी अनुदान।
- SSWs को PPE किट प्रदान करना।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ERSUs) के लिए सुरक्षा उपकरण।
- SSWs की सुरक्षा और गरिमा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए IEC अभियान।
2024 में योजना के तहत नया समावेश
- कचरा बीनने वालों को भी इस योजना में शामिल किया गया, ताकि उनके लिए सुरक्षित, गरिमापूर्ण और सतत् आजीविका सुनिश्चित की जा सके।
Source :PIB
इज़रायली कैबिनेट ने गाजा पर विजय की योजना को मंजूरी दी
पाठ्यक्रम :GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में
- इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा में सैन्य अभियानों के विस्तार को मंजूरी दे दी है, जिसमें संभावित विजय और क्षेत्र पर नियंत्रण भी शामिल है।
- इजरायली सेना ने आक्रमण के लिए हजारों रिजर्व सैनिकों को बुलाया है।
गाजा पट्टी

- यह मध्य पूर्व में जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा है
- यह इज़राइल और मिस्र के बीच भूमध्य सागर पर स्थित है।
- यह क्षेत्र 25 मील (40 किलोमीटर) लंबा और 4-5 मील (6-8 किलोमीटर) चौड़ा है।
- इसका नाम गाजा के प्राचीन शहर के नाम पर रखा गया है, जो पट्टी के उत्तरपूर्वी छोर के पास स्थित है।
- यह क्षेत्र कई वर्षों से संघर्ष का स्रोत रहा है।
Source :TH
नागरिक सुरक्षा अभ्यास
पाठ्यक्रम :GS2/शासन/GS 3/आंतरिक सुरक्षा
समाचार में
- गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों को देशव्यापी मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया, ताकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर नागरिक सुरक्षा की तैयारी को मजबूत किया जा सके।
‘नागरिक सुरक्षा’ ड्रिल्स
- ये ड्रिल्स भारत की निष्क्रिय रक्षा रणनीति का हिस्सा हैं, जो निरंतर सीमा-पार गोलीबारी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच आयोजित की जा रही हैं।
- 244 चिन्हित जिलों, जिनमें ग्राम स्तर पर भी संचालन शामिल है, में इन ड्रिल्स को अंजाम दिया जाएगा।
- इस अभियान में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होंगी:
- हवाई हमले की चेतावनी के संकेत सक्रिय करना।
- क्रैश ब्लैकआउट उपाय लागू करना।
- महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने के लिए छलावरण तकनीक।
- नागरिकों को सुरक्षित निकालने की योजनाएँ।
- भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन स्थापित करना।
- नागरिकों को “शत्रुतापूर्ण हमले” की स्थिति में नागरिक सुरक्षा उपायों पर प्रशिक्षण देना।
- राज्यों को नियंत्रण कक्ष, अग्निशमन सेवाओं और वार्डन सेवाओं को सक्रिय करने के लिए कहा गया है, साथ ही बंकरों और खाइयों की सफाई जैसी गतिविधियाँ भी शामिल हैं।
- बंकर विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के सीमा गांवों में आम हैं, जहाँ सीमा-पार गोलीबारी से नागरिकों की रक्षा की जाती है।
भारत में नागरिक सुरक्षा रूपरेखा
- नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 को 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद लागू किया गया।
- यह अधिनियम लोगों, संपत्ति और बुनियादी ढाँचे की शत्रुतापूर्ण हमलों से रक्षा करने के उपाय प्रदान करता है, चाहे हमला वायु , थल या जल से हो।
- अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
- नागरिक सुरक्षा कोर का गठन।
- अमल के लिए नियम और विनियम तैयार करना।
- नागरिक सुरक्षा कोर प्रशिक्षित नागरिक स्वयंसेवकों से बना होता है, जिन्हें युद्ध या आपदा की स्थिति में राहत और सहायता कार्यों के लिए तैनात किया जाता है।
- स्कूल, कॉलेज के छात्र, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के सदस्य इस अभ्यास में शामिल किए जाएँगे।
Source :TH
IMF के कार्यकारी निदेशक
पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था
समाचार में
- पूर्व नीति आयोग सीईओ और वर्तमान विश्व बैंक निदेशक परमेश्वरन अय्यर ने भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में अंतरिम पदभार संभाला, जिसके बाद के वी सुब्रमण्यम ने समय से पहले पद छोड़ दिया।
IMF की कार्यकारी बोर्ड के बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कार्यकारी बोर्ड संगठन का मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय है, जो IMF के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को संचालित करने के लिए जिम्मेदार है।
- कार्यकारी बोर्ड में 25 कार्यकारी निदेशक होते हैं, जिन्हें स्वतंत्र सदस्य देशों (जिनके बड़े कोटा होते हैं) या देशों के समूहों (संविधानिक इकाइयों) द्वारा चुना जाता है।
- बोर्ड का मुख्य कार्य IMF वित्तीय सहायता को स्वीकृति देना है, ताकि अस्थायी भुगतान संतुलन समस्या से जूझ रहे सदस्य देशों को सहायता प्रदान की जा सके, मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके और संकटों के फैलाव को रोका जा सके।
Source: FE
मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM)
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
समाचार में
- भारत ने हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब उसने मल्टी इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफल परीक्षण किया।
मल्टी इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) के बारे में
- यह एक उन्नत, स्वदेशी रूप से विकसित अंडरवाटर नौसैनिक माइन है, जिसे आधुनिक स्टील्थ जहाजों और पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें मल्टी-इन्फ्लुएंस सेंसिंग तकनीक शामिल है।
- यह ध्वनिक, चुंबकीय, और दबाव संकेतों को ट्रैक कर सकता है, जिससे यह विस्तृत नौसैनिक खतरों के विरुद्ध अत्यधिक प्रभावी बनता है।
तकनीकी विशेषताएँ
- MIGM में FRP (फाइबर रिइन्फोर्स्ड प्लास्टिक) कंपोजिट्स, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, उच्च घनत्व पावर पैक्स, और परिष्कृत सॉफ़्टवेयर एल्गोरिदम शामिल हैं।
विकास
- MIGM को नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापट्टनम द्वारा विकसित किया गया है।
- इसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के सहयोग से निर्मित किया गया है।
Source: TH
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