पाठ्यक्रम: GS3/ कृषि
समाचारों में
- नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने एक प्रमुख रोडमैप का अनावरण किया जिसका शीर्षक है – “कृषि की नई परिकल्पना: अग्रणी प्रौद्योगिकी आधारित रूपांतरण हेतु रोडमैप”।
रोडमैप की प्रमुख विशेषताएँ
- अग्रणी प्रौद्योगिकियाँ: रोडमैप का फोकस अत्याधुनिक उपकरणों के एकीकरण पर है, जैसे जलवायु-लचीले बीज, डिजिटल ट्विन्स, प्रिसिजन एग्रीकल्चर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI, जिसमें एजेंटिक AI भी शामिल है), और उन्नत मशीनीकरण।
- किसान वर्गों के लिए अनुकूलन: किसानों को आकांक्षी (Aspiring), संक्रमणशील (Transitioning), और उन्नत (Advanced) श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
- प्रत्येक समूह को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार समाधान दिए जाएंगे – छोटे किसानों से लेकर वाणिज्यिक कृषकों तक।
- पायलट से विस्तार तक: उच्च-प्रभाव वाले उपयोग मामलों (जैसे वैरिएबल-रेट एप्लीकेशन, रोग पूर्वानुमान, सूक्ष्म सिंचाई अनुसूची) से शुरुआत कर, इन्हें राज्य कार्यक्रमों और PPPs (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के माध्यम से विस्तार दिया जाएगा।
- राज्य उदाहरण: गुजरात को एक अग्रणी उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है – डिजिटल फसल सर्वेक्षण, किसान रजिस्ट्री, i-Khedut पोर्टल आदि।
अग्रणी प्रौद्योगिकी अपनाने में संभावित चुनौतियाँ
- भूमि का विखंडन: 86% किसान छोटे और सीमांत हैं (पूर्ववर्ती आंकड़ों के अनुसार), जो प्रिसिजन फार्मिंग या बड़े पैमाने पर मशीनीकरण अपनाने में संरचनात्मक बाधा है।
- लागत और प्रतिफल: अग्रणी प्रौद्योगिकियों में प्रायः प्रारंभिक लागत अधिक होती है — जिससे सुलभता, वित्त तक पहुँच और जोखिम प्रबंधन के प्रश्न उठते हैं।
- डेटा स्वामित्व और गोपनीयता: डेटा, IoT और डिजिटल ट्विन्स के बढ़ते उपयोग के साथ किसान डेटा अधिकार, साइबर सुरक्षा और पारदर्शिता जैसे मुद्दे प्रासंगिक हो जाते हैं।
- राज्य–केंद्र समन्वय: भारत में कृषि एक राज्य विषय है; राष्ट्रीय रोडमैप का शुभारंभ अच्छा है, लेकिन क्रियान्वयन के लिए राज्यों की अनुकूलन क्षमता, संसाधन और दक्षता आवश्यक होगी।
अग्रणी प्रौद्योगिकी अपनाने का महत्व
- उच्च उत्पादन: कम इनपुट तीव्रता के साथ अधिक उपज, बेहतर लाभप्रदता, और पूर्वानुमान व प्रिसिजन ऑपरेशन्स के माध्यम से कटाई के बाद होने वाली हानि में कमी।
- जलवायु लचीलापन और खाद्य प्रणाली स्थिरता: यह भारत की जैव-अर्थव्यवस्था को समर्थन देता है और उच्च-मूल्य कृषि क्षेत्रों में निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है।
Source: PIB
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