पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री से भेंट की और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।
- भारत और बहरीन ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाकर आतंकवाद के खतरे से निपटने पर सहमति व्यक्त की।
भारत–बहरीन संबंधों का संक्षिप्त विवरण
- द्विपक्षीय व्यापार: 2024–25 में 1.64 अरब अमेरिकी डॉलर; भारत बहरीन के शीर्ष पाँच व्यापारिक साझेदारों में शामिल।
- विविधीकरण पर बल : इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य, बेस मेटल्स, रत्न एवं आभूषण।
- निवेश सहयोग:
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश निरंतर बढ़ रहे हैं और 2019 से अब तक 40% की वृद्धि हुई है।
- 2023 की प्रथम तिमाही से 2024 की प्रथम तिमाही तक निवेश में 15% की वृद्धि हुई, जिससे कुल द्विपक्षीय निवेश 1.56 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- अंतरिक्ष सहयोग:
- बहरीन स्पेस एजेंसी (BSA) और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बीच सहयोग में प्रगति।
- उपग्रह और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में सहयोग बढ़ाने हेतु मसौदा समझौता ज्ञापन (MoU) अंतिम रूप में।
- रक्षा और सुरक्षा:
- दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने, विशेषकर क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा में, प्रतिबद्धता व्यक्त की ।
- आतंकवाद-रोधी सहयोग:
- सभी प्रकार के आतंकवाद, जिसमें सीमा-पार आतंकवाद भी शामिल है, की कठोर निंदा।
- खुफिया साझाकरण, क्षमता निर्माण और साइबर सुरक्षा पहलों के माध्यम से सहयोग बढ़ाने पर सहमति।
- पर्यटन:
- 2022 और 2023 के बीच बहरीन जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 44% बढ़ी और 10 लाख से अधिक पहुँच गई।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहरीन नागरिकों हेतु 9 श्रेणियों में भारतीय ई-वीज़ा उपलब्ध।
- सांस्कृतिक और जन-से-जन संबंध:
- 2026 में राजनयिक संबंधों के 55 वर्ष पूरे होने पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान की योजना।
- बहरीन में 3,32,000 भारतीय रहते हैं और दोनों पक्षों ने बहरीन में भारतीय प्रवासी समुदाय के योगदान का स्वागत किया।
भारत के लिए बहरीन का महत्व
- खाड़ी का प्रवेश द्वार: बहरीन, खाड़ी के पश्चिमी तट के पास स्थित, भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) क्षेत्र में एक रणनीतिक प्रवेश बिंदु है।
- समुद्री सुरक्षा साझेदार: अरब खाड़ी में प्रमुख समुद्री संचार मार्गों (SLOCs) के निकटता के कारण यह ऊर्जा आपूर्ति मार्गों और भारतीय नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।
- ऊर्जा सुरक्षा: यद्यपि बहरीन अन्य GCC देशों की तुलना में छोटा तेल उत्पादक है, फिर भी यह भारत की ऊर्जा विविधीकरण रणनीति एवं परिष्कृत पेट्रोलियम व्यापार में भूमिका निभाता है।
- सांस्कृतिक कूटनीति: दोनों पक्ष 2026 में राजनयिक संबंधों के 55 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो दीर्घकालिक मित्रता को दर्शाता है।
आगे की राह
- बहरीन भारत की “थिंक वेस्ट” नीति के अनुरूप है, जो खाड़ी और मध्य पूर्व के साथ गहरे जुड़ाव पर केंद्रित है।
- यह संबंध भारत के यूएई और सऊदी अरब के साथ सुदृढ़ संबंधों को पूरक करता है और एक स्थिर एवं बहुध्रुवीय खाड़ी व्यवस्था में योगदान देता है, जो भारत के हितों के अनुकूल है।
Source: IE