भारत में नवाचार: सबसे बड़े समताकारी के रूप में

पाठ्यक्रम: GS2/सरकारी नीति एवं हस्तक्षेप; GS3/विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

संदर्भ

  • हालिया नवाचार — विशेष रूप से डिजिटल नवाचार — भारत में एक शक्तिशाली समानता स्थापित करने वाले तत्व के रूप में उभरा है, जिसने शासन को रूपांतरित किया है, नागरिकों को सशक्त बनाया है और अवसरों तक पहुंच को पुनर्परिभाषित किया है।

भारत में नवाचार की आवश्यकता

  • नवाचार वह इंजन है जो समावेशी विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और सतत विकास को गति दे सकता है। यह प्रदान करता है:
    • सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए स्केलेबल समाधान;
    • कृषि, ऊर्जा और विनिर्माण में संसाधनों का कुशल उपयोग;
    • युवाओं और उद्यमियों को डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सशक्त बनाना;
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा जैसी उभरती तकनीकों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा।
  • नीति आयोग के अनुसार, नवाचार ने भारत की हरित, श्वेत और नीली क्रांतियों में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है—जिससे लाखों लोग गरीबी से बाहर आए तथा नए आजीविका के अवसर बने।
भारत का नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र
– WIPO के वैश्विक नवाचार सूचकांक(2025) में भारत को 38वां स्थान मिला है, जो 2024 में 39वां, 2020 में 48वां और 2015 में 81वां था।
– निम्न-मध्यम आय वाले देशों में नवाचार प्रदर्शन में भारत प्रथम स्थान पर है और मध्य एवं दक्षिण एशिया में भी प्रथम स्थान पर है।
– ICT सेवा निर्यात, वेंचर कैपिटल प्राप्ति और यूनिकॉर्न निर्माण में भारत का प्रदर्शन सुदृढ़ रहा है।

भारत में नवाचार एक समानता स्थापित करने वाले तत्व के रूप में

  • डिजिटल इंडिया और कनेक्टिविटी: डिजिटल इंडिया मिशन ने दूरस्थ गांवों तक इंटरनेट पहुंचाया है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सेवाएं सभी के लिए सुलभ हो गई हैं।
  • JAM ट्रिनिटी और इंडिया स्टैक:
    • जन धन: 53 करोड़+ बैंक खाते, अनबैंक्ड लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाया।
    • आधार: 142 करोड़ डिजिटल पहचान; आसान सत्यापन, ₹5 में ई-केवाईसी संभव।
    • मोबाइल (UPI): 55 करोड़+ उपयोगकर्ता; अगस्त 2025 में ₹24.85 लाख करोड़ के 20 अरब लेन-देन।
  • नागरिकों के लिए तकनीक:
    • पीएम-किसान: 11 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष आय सहायता।
    • डिजीलॉकर: 57 करोड़ उपयोगकर्ता, 967 करोड़ दस्तावेज़ सुरक्षित रूप से संग्रहीत।
    • ई-सेवाएं: टैक्स फाइलिंग से ट्रैफिक जांच तक, रोज़मर्रा की प्रक्रियाएं सरल हुईं।
    • शिक्षा तकनीक: DIKSHA और SWAYAM जैसे उपकरण उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सामग्री को लोकतांत्रिक बना रहे हैं।
  • शासन और जवाबदेही:
    • PRAGATI: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मासिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से परियोजनाओं की निगरानी।
    • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: ₹4.3 लाख करोड़ से अधिक की बचत, लीकेज समाप्त।
  • अंतरिक्ष और वैश्विक नेतृत्व:
    • मंगलयान: विश्व का सबसे किफायती मंगल मिशन।
    • चंद्रयान-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला मिशन।
    • ISRO: एक लॉन्च में 104 उपग्रह; 34 देशों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित।
    • CoWIN: 200 करोड़ वैक्सीन डोज़ का सटीक और पारदर्शी प्रबंधन।
  • विनिर्माण और नवाचार:
    • असेंबली से उन्नत सेमीकंडक्टर डिज़ाइन तक चरणबद्ध दृष्टिकोण।
    • भारत अब 2nm, 3nm, 7nm जैसे अत्याधुनिक चिप्स डिज़ाइन करता है।
    • फैब्स, पैकेजिंग, रसायन और गैसों में निवेश से पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण।
  • बुद्धिमत्ता के साथ अवसंरचना:
    • पीएम गति शक्ति: सड़कों, रेल, बंदरगाहों और हवाई अड्डों का एकीकृत GIS मैपिंग।
    • इंडियाAI मिशन: वैश्विक लागत के एक-तिहाई में 38,000 GPU; AI नवाचार के लिए डेटासेट।
    • AIKosh: भारतीय भाषाओं और क्षेत्रों में स्वदेशी AI के विकास को समर्थन।
  • इंजीनियरिंग चमत्कार:
    • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: 182 मीटर ऊंची, विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा; केवड़िया को पर्यटन केंद्र में बदला।
    • चिनाब ब्रिज और हिमालयी सुरंग निर्माण: कनेक्टिविटी में इंजीनियरिंग की उपलब्धियाँ।
    • पंबन ब्रिज: शताब्दी पुराने ढांचे का आधुनिक प्रतिस्थापन।

शासन और सार्वजनिक नीति में नवाचार

  • नगरपालिका और ग्रामीण नवाचार: ई-गवर्नेंस, नागरिक चार्टर और पारदर्शी निधि आवंटन जैसी संस्थागत नवाचारों ने बुनियादी स्तर पर जवाबदेही बढ़ाई है।
  • महिलाओं और वंचित समूहों के लिए समान अवसर: STEM में प्रोत्साहन, महिलाओं के लिए उद्यमिता फंड एवं जनजातीय नवाचार केंद्रों जैसी सरकारी पहलें ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों को समान मंच प्रदान कर रही हैं।
  • स्वास्थ्य सेवा नवाचार: टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी योजनाएं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक भौगोलिक बाधाओं को कम कर रही हैं।
  • ग्रामीण नवाचार आंदोलन: नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने हजारों ग्रामीण विचारों को प्रलेखित किया है, यह सिद्ध करते हुए कि नवाचार केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि गांवों में भी फलता-फूलता है।
गुजरात पर केस स्टडी
ज्योतिग्राम योजना (2003): फीडर पृथक्करण तकनीक का उपयोग कर 24×7 ग्रामीण विद्युत प्रदान की गई। 
1. ग्रामीण उद्योगों को पुनर्जीवित किया, भूजल क्षरण को धीमा किया और महिलाओं की शिक्षा को सक्षम बनाया। 
1. ₹1,115 करोड़ का निवेश 2.5 वर्षों में एकत्रित हुआ।
नर्मदा नहर पर सौर पैनल (2012): प्रति वर्ष 16 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पन्न की, जिससे 16,000 घरों को ऊर्जा मिली। 
1. जल वाष्पीकरण को कम किया, ऊर्जा और संरक्षण के दोहरे लाभ को प्रदर्शित किया। बाद में अमेरिका और स्पेन द्वारा अपनाया गया।
प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन:
1. ई-धारा ने भूमि अभिलेखों को डिजिटाइज़ किया।
2. SWAGAT ने नागरिकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंच प्रदान की।
3. ऑनलाइन निविदाओं ने भ्रष्टाचार को रोका और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।

भारत में नवाचार को समानता स्थापित करने वाले तत्व के रूप में चुनौतियाँ

  • डिजिटल विभाजन: ग्रामीण और निम्न-आय समुदायों को अभी भी हाई-स्पीड इंटरनेट, डिजिटल साक्षरता और तकनीकी अवसंरचना तक सीमित पहुंच है, भले ही स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ रही हो।
  • लिंग अंतर: महिलाएं प्रायः तकनीक-संचालित अवसरों तक पहुंच में बाधाओं का सामना करती हैं।
  • स्टार्टअप का फोकस: कई भारतीय स्टार्टअप उपभोक्ता सुविधा (जैसे फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स) को प्राथमिकता देते हैं, जबकि गहन तकनीकी या बुनियादी नवाचार को नज़रअंदाज़ किया जाता है।
  • कम अनुसंधान एवं विकास उन्मुखता: भारत की शिक्षा प्रणाली प्रायः रटने पर बल देती है, जिससे रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता बाधित होती है। यह बुनियादी स्तर से नवाचार को बाधित करती है।
    • नवाचारकर्ता प्रायः वित्तीय सहायता, परीक्षण सुविधाएं और नीति आयोग की अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत मार्गदर्शन की कमी के कारण बाज़ार तक पहुंचने में संघर्ष करते हैं।
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक असमान पहुंच: शिक्षा में तकनीक ने अभी तक शहरी और ग्रामीण शिक्षार्थियों के बीच के अंतर को पूरी तरह नहीं समाप्त किया जा सकता है।
    • ASER डेटा दर्शाता है कि भले ही स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ी है, लेकिन सार्थक सीखने के परिणाम अभी भी असमान हैं।
  • कौशल की कमी: भारतीय उद्योग अक्सर तकनीकी उन्नति की बजाय सस्ते श्रम को प्राथमिकता देता है।
    • 70% से अधिक विनिर्माण कर्मचारी छोटे, अपंजीकृत उद्यमों में कार्यरत हैं, जिनका नवाचार से न्यूनतम संपर्क होता है। 
    • भारत का एक बड़ा कार्यबल रोजगार की सुरक्षा, सामाजिक लाभ या अपस्किलिंग तक पहुंच से वंचित है, जिससे नवाचार में भाग लेना या उसका लाभ उठाना कठिन हो जाता है।
  • राज्य-स्तरीय असमानताएँ: इंडिया इनोवेशन इंडेक्स राज्य दर राज्य नवाचार क्षमता में बड़े अंतर को उजागर करता है, जिसमें दक्षिणी और पश्चिमी राज्य अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

निष्कर्ष

  • भारत में नवाचार वास्तव में सबसे बड़ा समानता स्थापित करने वाला तत्व है—जो शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन और अर्थव्यवस्था को रूपांतरित कर रहा है, विभाजनों को समाप्त कर रहा है और नए अवसरों का निर्माण कर रहा है। 
  • हालांकि चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन सतत नीति समर्थन, बुनियादी भागीदारी और समावेशी डिज़ाइन यह सुनिश्चित करते हैं कि नवाचार केवल आर्थिक विकास का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण का भी आधार है।
दैनिक मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
[प्रश्न] चर्चा कीजिए कि भारत में सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए नवाचार किस प्रकार एक साधन के रूप में उभरा है। शहरी-ग्रामीण और अमीरी-गरीबी के बीच के अंतर को समाप्त करने में सरकारी पहलों, डिजिटल अवसंरचना एवं बुनियादी स्तर के नवाचार की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।

Source: IE

 

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