
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 देश में संतुलित आहार और स्वस्थ खान-पान की आदतों की सलाह देने के लिए, 1 से 7 सितंबर तक भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाएगा। “एक बेहतर जीवन के लिए सही भोजन” थीम के तहत, यह सभी उम्र के लोगों को पोषण शिक्षा और ऐसे खाद्य विकल्पों के बारे में जागरूकता प्रदान करने के लिए कार्य करता है जो उन्हें जीवन भर स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 के बारे में
- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह,2025 “एक बेहतर जीवन के लिए सही भोजन” थीम के तहत, 1 से 7 सितंबर तक पूरे भारत में मनाया जाएगा।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस पहल के अलावा यह बच्चों, परिवारों और व्यापक समुदाय में पोषण संबंधी जागरूकता को बढ़ावा देती है।
- यह सप्ताह सुरक्षात्मक तरीकों से की जाने वाली गतिविधियों पर ज़ोर देता है जैसे कि स्वस्थ संतुलित आहार लेना, अच्छी खान-पान की आदतें अपनाना, सचेत भोजन करना और कुपोषण व जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम करना आदि।
- स्कूल और संगठन स्तर पर उत्सवों में हैल्दी टिफिन डे, पोस्टर प्रतियोगिताएँ, भाषण, पोषण कार्यशालाएँ और व्यंजन प्रदर्शनों जैसी इंटरैक्टिव गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
- यह अभियान POSHAN अभियान और मिड-डे मील योजना जैसी अन्य प्रमुख सरकारी योजनाओं का समर्थन करता है।
- स्वस्थ खाद्य विकल्पों और पोषण ज्ञान को बढ़ावा देना एक स्वस्थ भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसे राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाने की आशा करता है।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 का विषय
- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 का विषय है – “एक बेहतर जीवन के लिए सही भोजन”, जो हर आयु वर्ग के लिए संतुलित कार्बोहाइड्रेट और खाद्य आदतों को बढ़ावा देने पर जोर देता है।
- यह विषय सचेत खाद्य व्यवहार की ओर ध्यान खींचता है: चयन के बारे में सोचना, मौसमी फल और सब्जियाँ अधिक खाना, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड को कम करना, और सही तरीके से खाना पकाना आदि।
- यह विषय POSHAN अभियन और मिड-डे मील जैसी अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ अच्छी तरह मेल खाता है, जिनके माध्यम से कुपोषण, मोटापे और पोषण-संबंधी रोगों को सार्वजनिक जागरूकता, सामान्य शिक्षा और जन-आंदोलन के कार्यक्रमों के जरिये संबोधित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य लोगों को एकसाथ मिलकर स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना, बचपन से ही स्वास्थ्य का पोषण करने और एक अधिक उत्पादक राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 की पृष्ठभूमि और महत्व
- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह कुपोषण उन्मूलन और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इसकी स्थापना 1982 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत खाद्य एवं पोषण बोर्ड द्वारा लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के मुख्य उद्देश्य से की गई थी।
- भारत को पोषण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है—कुछ क्षेत्रों में कुपोषण, अन्य में सूक्ष्मपोषक तत्त्वों की कमी, और फिर आहार-संबंधी जीर्ण रोग; इसलिए डाइटरी वीक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक बना रहता है।
- 2025 का विषय “एक बेहतर जीवन के लिए सही भोजन” और पोषण अभियान और मध्याह्न भोजन कार्यक्रम जैसी प्रमुख सरकारी पहलों के साथ मिलकर सभी के लिए स्वस्थ आहार उपलब्ध कराने पर ज़ोर देता है।
- स्कूल, सामुदायिक समूह और सरकारी एजेंसियाँ अभियान, शैक्षिक गतिविधियाँ और स्वास्थ्य शिविर जैसे विभिन्न कार्यक्रम चलाते हैं जो लोगों को स्वस्थ भोजन की आदतों के बारे में जागरूक करते हैं ताकि पूरे देश के लिए एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण किया जा सके।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 की प्रमुख सरकारी पहल
- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 के दौरान, भारत सरकार की पहलों का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में जन जागरूकता को बढ़ावा देना और पोषण मानकों को बेहतर बनाना है।
- सरकार मंत्रालयों के माध्यम से विभिन्न अभियान चलाती है; ये अभियान कुपोषण से लड़ने और बच्चों व माताओं को उचित भोजन के माध्यम से पर्याप्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए पोषण अभियान, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम और एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) जैसी योजनाओं पर गंभीरता से विचार करते हैं।
- आंगनवाड़ी केंद्र देखभाल करने वालों के लिए कार्यशालाओं और संवाद सत्रों का आयोजन कर अग्रणी भूमिका निभाते हैं, जिसमें आयु-उपयुक्त आहार और सूक्ष्म पोषक तत्वों की खुराक की आवश्यकता पर चर्चा की जाती है।
- स्वास्थ्य शिविर स्थानीय लोगों को पोषण मूल्यांकन और परामर्श प्रदान करते हैं; गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन और देखभाल के सही तरीकों और उसके बाद बीमारियों की रोकथाम के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए विशेषज्ञों द्वारा सार्वजनिक व्याख्यान और वेबिनार आयोजित किए जाते हैं।
- तकनीकी मोर्चे पर, व्यापक दर्शकों तक पहुँचने के लिए आकर्षक सोशल मीडिया अभियानों के साथ मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा।
- इसके बाद जमीनी स्तर पर, समुदाय आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें खाना पकाने के प्रदर्शन, रैलियाँ, पोषण मेले तथा स्थानीय उद्योगों के साथ साझेदारी शामिल होगी, ताकि 2025 के राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की जा सके तथा इसके प्रभाव को बरकरार रखा जा सके।
दैनिक फोकस क्षेत्र (नमूना संरचना)
| दिनांक | केंद्रित क्षेत्र (Focus Area) |
| 1 सितम्बर | संतुलित आहार का महत्व |
| 2 सितम्बर | स्वास्थ्य में विटामिन और खनिजों की भूमिका |
| 3 सितम्बर | पोषक तत्वों की कमी से निपटना |
| 4 सितम्बर | किफायती पौष्टिक खाद्य पदार्थ |
| 5 सितम्बर | बच्चों और किशोरों के लिए पोषण |
| 6 सितम्बर | गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाओं का पोषण |
| 7 सितम्बर | स्वस्थ खान-पान में समुदाय की भूमिका |
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 की गतिविधियाँ और सहभागिता
- 2025 में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान, विविध सहभागी गतिविधियों के माध्यम से पोषण जागरूकता पर केंद्रित विभिन्न कार्यक्रम और सहभागिताएँ आयोजित की जाएँगी।
- पूरे भारत में स्कूलों द्वारा स्वस्थ भोजन विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिताएँ, पोस्टर प्रतियोगिताएँ, पोषण प्रश्नोत्तरी और विशेष सभाएँ आयोजित की जाएँगी।
- डॉक्टरों और आहार विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाएँ हैल्दी टिफिन डे और खाद्य मेले का आयोजन कराएँगी जो छात्रों को घर के संतुलित भोजन खाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।
- सामुदायिक स्तर पर, रैलियाँ, पोषण मेले और रसोइयों तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ खाना पकाने के प्रदर्शन आयोजित किए जाएँगे।
- आँगनवाड़ी केंद्र आयु-उपयुक्त आहार और स्तनपान पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित करेंगे।
- स्वास्थ्य शिविर पोषण मूल्यांकन और परामर्श आयोजित करेंगे।
- डिजिटल आउटरीच रणनीति, जनता को व्यक्तिगत आहार संबंधी सलाह देने के लिए सोशल मीडिया अभियानों और मोबाइल ऐप का उपयोग करेगी।
- ये हस्तक्षेप लोगों को बेहतर चुनाव करने के लिये सशक्त बनाते हैं, कुपोषण को कम करते हैं, और आजीवन स्वस्थ भोजन की संस्कृति को बनाए रखने में मदद करते हैं, इस प्रकार एक पोषण-सचेत और स्वस्थ भारत के साथ समझौता स्थापित होता है।
आगे की राह
- राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 को इसी तरह आगे बढ़ना चाहिए, जिसमें पोषण जागरूकता को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल किया जाए, स्थानीय स्तर पर और स्कूलों में सामुदायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए, और साथ ही पोषण अभियान एवं मध्याह्न भोजन जैसे सरकारी कार्यक्रमों को सशक्त बनाया जाए।
- उन वर्गों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो पीछे छूट गए हैं; साथ ही स्थानीय रूप से उपलब्ध, सस्ते और पोषण-समृद्ध खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और जमीनी स्तर के संगठनों को एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए एक साथ आना चाहिए जहाँ सभी के लिए सुलभ और सतत पोषण उपलब्ध हो और स्वस्थ भोजन को जीवन भर के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित किया जा सके।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 2025 का विषय “एक बेहतर जीवन के लिए सही भोजन” है। यह एक स्वस्थ राष्ट्र की स्थापना में संतुलित आहार के महत्व पर चर्चा का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही परिस्थिति यह मांग करती है कि वर्ष भर सभी आयु-वर्गों के लिये पोषण संबंधी जागरूकता बनाए रखी जाए, और भारत के उज्जवल तथा पोषित भविष्य के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएँ।
Read this article in English: National Nutrition Week 2025
