पाठ्यक्रम: GS1/महिलाओं की भूमिका; GS2/शिक्षा; GS3/विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- विगत कुछ दशकों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ी है। फिर भी ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय उद्योग महिलाओं के STEM करियर में निवेश न करके आर्थिक अवसरों को गंवा रहा है।
STEM में महिलाएं: कार्यबल में प्रतिनिधित्व
- वैश्विक स्तर पर, 2024 में STEM कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 28.2% रही।
- UK में (2022/23) यह आंकड़ा 26% था, जो 2016 में 21% था।
- भारत में, STEM स्नातकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 43% है (जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक में से एक है), लेकिन STEM कार्यबल में केवल 27% महिलाएं कार्यरत हैं।
- PLFS 2023–24 के अनुसार, भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर (FLFPR) बढ़कर 41.7% हो गई है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी 47.6% है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह केवल 25.4% है।
- यह आंकड़ा उन संरचनात्मक बाधाओं को छिपाता है जो STEM जैसे औपचारिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को सीमित करते हैं — जैसे सुरक्षा चिंताएं, सामाजिक मान्यताएं, और करियर मार्गों तक सीमित पहुंच।
- मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि यदि भारत की कार्यबल में 68 मिलियन अतिरिक्त महिलाओं को शामिल किया जाए, तो GDP में $700 बिलियन की वृद्धि हो सकती है।
- विश्व बैंक का भी मानना है कि यदि महिला कार्यबल भागीदारी 50% तक पहुंच जाए, तो GDP वृद्धि दर में 1% की बढ़ोतरी संभव है।
चुनौतियाँ और बाधाएँ: STEM करियर में महिलाओं की अनुपस्थिति के कारण
- उच्च त्याग दर: तकनीकी क्षेत्र में लगभग 50% महिलाएं मध्य-करियर तक कार्यबल छोड़ देती हैं, प्रायः सामाजिक दबाव या लचीले कार्य वातावरण की कमी के कारण।
- विश्व बैंक और UNESCO के अध्ययन बताते हैं कि महिलाएं क्षमता की कमी के कारण STEM नहीं छोड़तीं, बल्कि अस्वीकार करने वाले कार्यस्थल, परिवार का सीमित समर्थन, और गहराई से जेंडर आधारित भूमिकाएं इसका कारण हैं।
- वेतन अंतर: STEM भूमिकाओं में महिलाएं प्रायः पुरुषों की तुलना में 20–30% कम वेतन प्राप्त करती हैं।
- नेतृत्व की कमी: भारतीय तकनीकी कंपनियों में नेतृत्व पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी 10% से भी कम है, जबकि वे बड़ी संख्या में क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं।
सरकार द्वारा STEM कौशल विकास: समावेशन और अवसर की दिशा में
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने STEM शिक्षा को जीवन कौशल प्रशिक्षण के साथ एकीकृत किया है, जिससे दीर्घकालिक भागीदारी को समर्थन मिलता है।
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) का पुनरुद्धार और व्यावसायिक कार्यक्रमों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ बना रहा है।
- 2025–26 के बजट में जेंडर बजट को बढ़ाकर 8.8% किया गया है, जिसमें ₹4.49 लाख करोड़ महिलाओं पर केंद्रित पहलों के लिए आवंटित किए गए हैं।
- 2025–26 के केंद्रीय बजट में महिला उद्यमियों के लिए टर्म लोन, नए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, और तकनीक-आधारित कौशल निवेश शामिल हैं।
भारत की नीति रूपरेखा
- विज्ञान ज्योति, उड़ान, स्किल इंडिया से डिजिटल इंडिया, और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ से पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाएँ स्कूल स्तर पर लड़कियों को STEM की ओर प्रेरित करती हैं।
- हाइब्रिड और रिमोट वर्क नीतियाँ बेहतर कार्य-जीवन संतुलन को प्रोत्साहित करती हैं।
- Infosys, Wipro, TCS जैसी कंपनियाँ करियर ब्रेक के बाद महिलाओं के लिए पुनः प्रवेश मार्ग प्रदान करती हैं।
उद्योग की प्रभावशाली पहलें
- संरचित मेंटरशिप कार्यक्रम, उद्योग-अकादमिक साझेदारियां, और ऑन-साइट प्रशिक्षण पहल कक्षाओं को करियर से जोड़ रही हैं
- एक प्रमुख पहल है UN Women का WeSTEM कार्यक्रम, जिसे Micron Foundation द्वारा समर्थित किया गया है और मध्य प्रदेश व गुजरात सरकारों के साथ मिलकर लागू किया गया है। यह कार्यक्रम:
- कौशल प्रशिक्षण और इंटर्नशिप प्रदान करता है।
- परिवारों और समुदायों को मानसिकता बदलने के लिए जोड़ता है।
- कार्यस्थल सुरक्षा कार्यशालाएँ आयोजित करता है।
- कक्षा में महिला STEM रोल मॉडल को प्रस्तुत करता है।
- भारत की आर्थिक क्षमता को पूरी तरह से उजागर करने के लिए भारतीय उद्योगों को इन बातों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है:
- शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग कर कौशल विकास को अनुकूल बनाना।
- मेंटोरशिप नेटवर्क स्थापित करना जो महिलाओं को STEM मार्गदर्शन प्रदान करें।
- ऐसी कार्यस्थल नीतियाँ अपनाना जो जीवन संक्रमणों को समर्थन दें और सुरक्षा सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष: समावेशी भारत के लिए कौशल एक उत्प्रेरक के रूप में
- विश्व युवा कौशल दिवस 2025 पर यह मान्यता आवश्यक है कि महिलाओं को STEM कौशल से सशक्त बनाना केवल एक शैक्षिक लक्ष्य नहीं है — यह राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकता है। सरकारी समर्थन ने आधार तैयार कर दिया है। अब उद्योगों को आगे आकर ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा जहाँ प्रत्येक कुशल महिला को सम्मानजनक, सुरक्षित और प्रेरणादायक कार्यस्थल मिले।
| तिथि: 15 जुलाई (प्रतिवर्ष), UNGA द्वारा 2014 में स्थापित 2025 की थीम: ‘AI और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण’ मुख्य फोकस AI और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना ![]() डिजिटल विभाजन को पाटना, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण में समावेशी और नैतिक AI को बढ़ावा देना UNESCO और UNEVOC द्वारा पेरिस और न्यूयॉर्क में वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो यह दर्शाते हैं कि कैसे AI तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली (TVET) को पुनः परिभाषित कर रहा है। |
| दैनिक मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न [प्रश्न] STEM करियर में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करें। उद्योग सुधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महिला पेशेवरों के लिए अधिक समावेशी तथा ग्रहणशील वातावरण बनाने में कैसे योगदान दे सकते हैं? |
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